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सोच से शुरू होता है सब
Aha Zindagi
|March 2025
लेखक, शोधकर्ता और प्रेरक वक्ता डॉ, डिस्पेंना के लिए वह भीषण दुर्घटना मानो सौभाग्य लेकर आई थी। दुर्घटना ने उनके शरीर को तो बुरी तरह तोड़ दिया था, परंतु उसके बाद कथि एक विचार ने उन्हें संसार के महान रहस्य से परिचित कराया।

हममें से कई लोगों की नींद तभी खुलती है जब कोई चेतावनी या वेकअप कॉल मिले। साल 1986 में मुझे भी इसी तरह की वेकअप कॉल मिला था। दक्षिणी कैलिफोर्निया का वाक़या है। अप्रैल महीने का ख़ूबसूरत दिन था। मेरी उम्र तब 23 साल थी । मैं ट्रायथलॉन जैसी प्रतिस्पर्धाओं में भी हिस्सा लिया करता था। इसी के तहत मैं तैराकी का सत्र पूरा करने के बाद प्रतिस्पर्धा के साइकल रेस वाले हिस्से में था। उसी दौरान सड़क पर एक ऐसे मोड़ पर पहुंचा जहां अलग-अलग दिशाओं का ट्रैफिक मिलता था। वहां एक पुलिस अधिकारी आने वाली कारों की ओर पीठ किए खड़ा था। उसने मुझे दाईं ओर चलने का संकेत किया। मेरा पूरा ध्यान प्रतिस्पर्धा पर था। इसलिए मैंने उस पर से अपनी नज़र हटाई नहीं उस अवस्था में मोड़ पर से गुजरते हुए दो साइकिल सवारों से अभी मैं आगे निकला ही था कि 55 मील प्रतिघंटे की गति की रफ़्तार से पीछे से आई एक लाल एसयूवी ने मेरी साइकल को टक्कर मार दी। इससे मैं ज़ोर से हवा में उछला और पीठ के बल सड़क पर जा गिरा। गाड़ी एक बुजुर्ग महिला चला रही थीं। इस टक्कर के बाद उनसे भी गाड़ी संभली नहीं। गाड़ी मेरी तरफ़ ही आती रही और इससे पहले कि मैं बचने की कोशिश करता, वह फिर सामने से मुझसे आ भिड़ी। फुर्ती से गाड़ी का बंपर पकड़ लिया, ताकि वह मेरे ऊपर न चढ़ गाड़ी चलाने वाली बुजुर्ग को भी कुछ समझ नहीं आया और मैं बंपर पकड़े-पकड़े ही सड़क पर घिसटता रहा। कुछ देर बाद जैसेजैसे जब कार रुकी तो मैं लगभग 20 गज़ तक घिसट चुका था।
このストーリーは、Aha Zindagi の March 2025 版からのものです。
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