उत्तर प्रदेश के दबंग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य की भर्ती परीक्षाओं में सेंध लगाने वालों को हर बार गरजते हुए कड़ा सबक सिखाने की ललकार लगाते हैं. लेकिन सेंधमार इतने शातिर हैं कि हर बार सारी कानून-व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए उलटा सबक दे जाते हैं. यूपी पुलिस में 60,000 पदों के लिए भर्ती परीक्षा सकुशल हो, इसके लिए योगी सरकार ने ऐतिहासिक बंदोबस्त किए थे: अभ्यर्थियों के फिंगर प्रिंट और फेस रिकग्निशन से जांच की व्यवस्था; स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीफ) का सुरक्षा घेरा. प्रदेश भर में 2,385 केंद्रों पर 17 फरवरी से शुरू होने वाली दो दिवसीय परीक्षा से एक दिन पहले तक एसटीएफ ने 18 सॉल्वर दबोच लिए थे. लेकिन 17 फरवरी को परीक्षा शुरू होने से पहले ही सुबह 8.17 बजे सोशल मीडिया पर हाथ से लिखा एक पेपर, मय जवाबों के, वायरल हो गया. उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने शरारती तत्वों की चाल मानते हुए इस पर ध्यान ही नहीं दिया.
दूसरे दिन शाम को लखनऊ के एक परीक्षा केंद्र सिटी मॉडर्न एकेडमी स्कूल में एक परीक्षार्थी सत्य अमन कुमार नकल करते पकड़ा गया. सख्ती से पूछताछ में अमन ने बताया कि उसे दोपहर करीब 12 बजे दोस्त नीरज ने व्हाट्सऐप पर जवाब भेजे थे. परीक्षा केंद्र पर जमा उसका मोबाइल चेक किए जाने पर जवाब 12.56 बजे पाते की पुष्टि हुई. ये जवाब परीक्षा केंद्र पर बंटे पेपर के ही थे. पास के कृष्णानगर थाने में दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर अमन को तो जेल भी भेज दिया गया पर मास्टरमाइंड की तलाश जारी है.
この記事は India Today Hindi の March 13, 2024 版に掲載されています。
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अब आई मगरमच्छों की बारी
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नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए
सीवान शहर के पास जुड़कन गांव के कृष्ण कुमार अपने गांव में खुदी पतली-सी नहर की पुलिया पर बैठे मिले. ऐन नहर के किनारे उनका पंपसेट लगा था, जिससे वे अपने खेत की सिंचाई कर रहे थे. वे नहर के बारे में पूछते ही उखड़ गए और कहने लगे, \"50 साल पहले नहर की खुदाई हुई थी. हमारे बाप-दादा ने भी इसके लिए अपनी जमीन दी. हमारा दस कट्ठा जमीन इसमें गया. जमीन का पैसा मिल गया था. मगर इस नहर में एक बूंद पानी नहीं आया. सब जीरो हो गया, जीरो पानी आता तो क्या हमको पंपसेट में डीजल फूंकना पड़ता.\"