जानलेवा लापरवाही
India Today Hindi|June 12, 2024
सुरक्षा मानकों की धज्जियां उड़ाते कारोबारी और देखकर भी आंखें मूंदते सरकारी अफसर. गुजरात की एक और भयावह त्रासदी इसी का नतीजा थी, जिसमें एक गेमिंग जोन में आग लगने से 33 जिंदगियां स्वाहा
जुमाना शाह
जानलेवा लापरवाही

राजकोट के प्रदीपसिंह चौहान को सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में यह कहते सुना जा सकता है कि टीआरपी गेम जोन अग्निकांड का कोई भी आरोपी मुकदमे का फैसला सुनाए जाने से पहले जमानत पा जाता है, तो वे उसे "छोड़ेंगे नहीं." चौहान 25 मई को अपने परिवार के आठ सदस्यों के साथ गेम जोन में थे, जब वेल्डिंग के काम से निकली चिंगारी से पूरा सरंजाम धू-धू कर जल उठा. राजकोट के नाना मावा रोड पर 2021 से अवैध रूप से चल रहा गेम जोन जलकर खाक हो गया और नौ बच्चों सहित 33 जिंदगियां स्वाहा हो गईं. पांच लोग 'लापता' हैं, जिनमें चौहान का 15 वर्षीय बेटा और उनका भतीजा भी शामिल है. वे दुख और गुस्से में कहते हैं, "मेरे पास अब खोने के लिए कुछ भी नहीं बचा."

घटना के करीब 36 घंटे बाद 27 मई को दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान गुजरात हाइकोर्ट ने राज्य सरकार, राजकोट नगर निगम और स्थानीय पुलिस को अवैध रूप से गेम जोन को ढाई साल से चलने देने के लिए कड़ी फटकार लगाई, "क्या आप सो रहे थे? हमें इसमें सुधार के लिए राज्य की सरकारी मशीनरी पर कोई भरोसा नहीं रह गया है." न्यायाधीश बीरेन वैष्णव और देवन देसाई की अवकाशकालीन पीठ ने पहले 26 मई की सुबह मामले की सुनवाई की और नीतिगत मामलों के अलावा आगजनी के हादसों से बचाव के बुनियादी मानदंडों के अमल में नाकामी के लिए सरकार की सख्त मजम्मत की.

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