रक्षा क्षेत्र में सरकार के सामने जिस तरह की चुनौतियां बनी हुई हैं, उसे ध्यान में रखते हुए बेहद सावधानी के साथ रणनीतिक योजनाएं बनाने और फिर उन पर निर्णायक कदम उठाने की जरूरत है. भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में कुछ मुद्दे शामिल थे. उसमें हिंद महासागर क्षेत्र में अपने सुरक्षा हितों की रक्षा के उद्देश्य से रणनीतिक स्थलों पर भारत के डिफेंस फुटप्रिंट बढ़ाने और मित्र देशों के साथ साझेदारी करने का वादा किया गया था. रक्षा उत्पादन को लेकर पार्टी ने स्टार्टअप को बदस्तूर समर्थन जारी रखने का वादा किया है ताकि स्वदेशीकरण में तेजी आए. वहीं, मेड इन इंडिया रक्षा उपकरणों का निर्यात बढ़ाने पर भी जोर है.
この記事は India Today Hindi の June 26, 2024 版に掲載されています。
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आर्थिक मंदी ने आइआइटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़े छात्रों की नौकरी पर असर दिखाना शुरू कर दिया है. ऐसे संस्थानों की डिग्री अब नौकरी पक्की होने की गारंटी नहीं रही
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केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की कमान संभालने के फौरन बाद धर्मेंद्र प्रधान को राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा प्रणाली में गंभीर अनियमितताओं और गड़बड़ियों को लेकर उठे तूफान से निबटना पड़ा. इस मामले में विपक्ष ने उनके इस्तीफे की मांग तक कर डाली. इंडिया टुडे के ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा और डिप्टी एडिटर अनिलेश एस. महाजन के साथ 25 जून को एक्सक्लूसिव बातचीत में प्रधान ने इस संकट से पार पाने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों और आगे की चुनौतियों के बारे में दोटूक और खरी-खरी बात की. इसी बातचीत के अंशः
तमाशा बनी परीक्षाएं
पर्चा लीक और कई खामियों से चार राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं और करोड़ों युवाओं का भविष्य अधर में. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी विवादों के भंवर में. उसमें सुधार और पारदर्शिता वक्त की जरूरत बना
सूरत बदलने का इंतजार
यह ऐसी योजना थी जैसे ताजा कटा हुआ चमकता नग हो. पांच साल पहले सूरत डायमंड बोर्स (एसडीबी) को मुंबई बढ़ती भीड़ और लागत वृद्धि का एकदम सटीक विकल्प माना गया था. मुंबई, जहां भारत के अधिकांश हीरा व्यापारी हैं, की टक्कर में हीरा कारोबारियों के लिए शानदार, सस्ते और बड़े ऑफिस, चौड़ी सड़कें, उन्नत हवाई अड्डे के साथ योजनाबद्ध अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय हवाई संपर्क की योजना बनाई गई थी. इसमें सोने में सुहागा प्रस्तावित बुलेट ट्रेन थी जो महज दो घंटे में सूरत से मुंबई बांद्रा कुर्ला कांप्लेक्स तक पहुंचा देती.