नौजवां नस्ल
अठारहवीं लोकसभा के वे सात सितारे जिनके लिए उम्र उनकी महत्वाकांक्षाओं में किसी तरह का रोड़ा न बन सकी
इकरा हसन, 29 वर्ष , | समाजवादी पार्टी | कैराना, उत्तर प्रदेश
इकरा हसन आला दर्जे की शैक्षिक डिग्रियों के साथ ही सियासी खानदान से ताल्लुक रखती हैं. वे बिल्कुल वैसी ही युवा सांसद हैं, जिसकी आज के लोकतंत्र को जरूरत है. उनके दादा अख्तर हसन, वालिद मुनव्वर हसन और मां तबस्सुम सभी सांसद रह चुके हैं, और इस मुस्लिम गुज्जर खानदान के लिए कैराना एक तरह से गढ़ रहा है. इकरा ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने और दिल्ली यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल करने के बाद, लंदन के स्कूल ऑफ ओरिएंटल ऐंड अफ्रीकन स्टडीज में अंतरराष्ट्रीय राजनीति और कानून की पढ़ाई की. उन्हें तब पहली सियासी कामयाबी मिली जब उन्होंने जेल में बंद अपने भाई नाहीद हसन के लिए प्रचार किया और उन्हें चुनाव जीतते हुए देखा. उन्होंने इस बार मौजूदा सांसद और जाट नेता प्रदीप चौधरी के साथ ही भाजपा की ध्रुवीकरण की राजनीति को हराकर खुद चुनाव जीता है. 2013 के हिंदू-मुस्लिम दंगों के बाद इसी ध्रुवीकरण से भाजपा को राजनैतिक लाभ मिला था. इकरा इस बात से उत्साहित हैं कि सभी समुदायों-सैनी, गुज्जर, जाट, राजपूत, दलितों ने उन्हें वोट दिया, लिहाजा अब वे एक नया अध्याय शुरू करने की उम्मीद कर रही हैं. वे 18 वीं लोकसभा के लिए चुने गए 24 मुस्लिम सांसदों में से एक हैं. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, "कैराना दिल्ली-एनसीआर के पास है, लेकिन हमारे यहां अब भी उद्योग, मेडिकल कॉलेज, पीएसयू नहीं हैं. मैं चाहती हूं कि ये जरूरी चीजें यहां हों. "वे अपने निर्वाचन क्षेत्र की पैतृक व्यवस्था के बीच महिला सशक्तिकरण के लिए काम करना चाहती हैं. आखिरकार, 2013 में कैराना पर लगे दाग को मिटाने की कसरत शुरू हो गई है.
संजना जाटव, 26 वर्ष | कांग्रेस | भरतपुर (अनुसूचित जाति), राजस्थान
この記事は India Today Hindi の July 24, 2024 版に掲載されています。
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नहरें: थीं तो बेशक ये पानी के ही लिए
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