पुरुष रेप अब अपराध नहीं!
India Today Hindi|July 31, 2024
आइपीसी की धारा 377 समाप्त
मनीष दीक्षित
पुरुष रेप अब अपराध नहीं!

रियाणा के गुड़गांव निवासी विश्व पल्लव श्रीवास्तव जगजाहिर समलैंगिक या ओपनली गे हैं. 1 जुलाई से लागू नए कानूनों में आइपीसी की धारा 377 की गैरमौजूदगी को लेकर वे बहुत चिंतित हैं. वे कहते हैं, "जो पुरुष थोड़े अलग दिखते हैं उनको लोग छक्का, स्वीट वगैरह बोलकर तंग करते हैं. तिसपर जो ओपनली गे हैं, उनका अक्सर तथाकथित स्ट्रेट लड़के फायदा उठाते हैं. बहुत बार ऐसा होता है कि जो शख्स अधिक फेमिनिन लगते हैं, उनके साथ पुरुषों द्वारा जबरन यौन संबंध बनाने की घटनाएं होती हैं." श्रीवास्तव कानूनी रूप से असहाय हो चुके इस समुदाय को लेकर यह भी कहते हैं, "यह बहुत साधारण सी बात है, फिर भी सरकार ने इसका ध्यान नहीं रखा है. पुरुषों के साथ हुई यौन शोषण की घटनाएं पहले भी बहुत कम रिपोर्ट होती थीं. अब तो इनकी शिकायत करने का भी स्कोप खत्म हो गया है. सहमति या असहमति का भेद नहीं है. सेक्स के साथ गे रेप भी लीगल हो गया है."

विश्व पल्लव की यह फिक्र जायज है. भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) को 30 जून को रात 12 बजे से खत्म कर दिया गया और 1 जुलाई से इसकी जगह लागू हो गई भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस). आइपीसी की धारा 377 महिला, पुरुष और जानवरों के साथ हुए 'अप्राकृतिक' यौनाचार को अपराध बनाती थी लेकिन यह बीएनएस में नहीं रही. हालांकि यह धारा की खामी ही थी कि सहमति और असहमति, दोनों से ही बने समलैंगिक यौन संबंधों को वह अप्राकृतिक मानती थी. धारा में सुधार के बजाए इसका पूरी तरह खत्म हो जाना अब पुरुषों के साथ जबरन एनल सेक्स को कानूनी दायरे से बाहर कर देता है.

この記事は India Today Hindi の July 31, 2024 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

この記事は India Today Hindi の July 31, 2024 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

INDIA TODAY HINDIのその他の記事すべて表示
मिले सुर मेरा तुम्हारा
India Today Hindi

मिले सुर मेरा तुम्हारा

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संगीतकार अमित त्रिवेदी अपने ताजा गैर फिल्मी और विधा विशेष से मुक्त एल्बम आजाद कोलैब के बारे में, जिसमें 22 कलाकार शामिल

time-read
1 min  |
December 25, 2025
इंसानों की सोहबत में आलसी और बीमार
India Today Hindi

इंसानों की सोहबत में आलसी और बीमार

पालतू जानवर अपने इंसानी मालिकों की तरह ही लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और उन्हें वही मेडिकल केयर मिल रही है. इसने पालतू जानवरों के लिए सुपर स्पेशलाइज्ड सर्जरी और इलाज के इर्द-गिर्द एक पूरी इंडस्ट्री को जन्म दिया

time-read
6 分  |
December 25, 2025
शहरी छाप स लौटी रंगत
India Today Hindi

शहरी छाप स लौटी रंगत

गुजराती सिनेमा दर्शक और प्रशंसा बटोर रहा है क्योंकि इसके कथानक और दृश्य ग्रामीण परिवेश के बजाए अब शहरी जीवन के इर्द-गिर्द गूंथे जा रहे हैं. हालांकि सीमित संसाधन और बंटे हुए दर्शक अब भी चुनौती बने हुए हैं

time-read
6 分  |
December 25, 2025
चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर
India Today Hindi

चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर

भारत का खुदरा बाजार तेजी से बदल रहा है क्योंकि क्विक कॉमर्स ने तुरंत डिलिवरी के साथ पारंपरिक खरीदारी में उथल-पुथल मचा दी है. रिलायंस जियो, फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे कॉर्पोरेट दिग्गजों के इस क्षेत्र में उतरने से स्पर्धा तेज हो गई है जिससे अंत में ताकत ग्राहक के हाथ में ही दिख रही

time-read
10 分  |
December 25, 2025
'एटम बम खुद फैसले नहीं ले सकता था, एआइ ले सकता है”
India Today Hindi

'एटम बम खुद फैसले नहीं ले सकता था, एआइ ले सकता है”

इतिहास के प्रोफेसर और मशहूर पब्लिक इंटेलेक्चुअल युवाल नोआ हरारी एक बार फिर चर्चा में हैं. एआइ के रूप में मानव जाति के सामने आ खड़े हुए भीषण खतरे के प्रति आगाह करती उनकी ताजा किताब नेक्सस ने दुनिया भर के बुद्धिजीवियों का ध्यान खींचा है.

time-read
10 分  |
December 25, 2025
सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार
India Today Hindi

सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार

मुख्यमंत्री सिद्धरामैया उपचुनाव में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन की बदौलत राजनैतिक चुनौतियों से निबटने लोगों का विश्वास बहाल करने और विकास तथा कल्याण की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर दे रहे जोर

time-read
9 分  |
December 25, 2025
हम दो हमारे तीन!
India Today Hindi

हम दो हमारे तीन!

जनसंख्या में गिरावट की आशंकाओं ने परिवार नियोजन पर बहस को सिर के बल खड़ा कर दिया है, क्या परिवार बड़ा बनाने के पैरोकारों के पास इसकी वाजिब वजहें और दलीलें हैं ?

time-read
8 分  |
December 25, 2025
उमरता कट्टरपंथ
India Today Hindi

उमरता कट्टरपंथ

बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न जारी है, दूसरी ओर इस्लामी कट्टरपंथ तेजी से उभार पर है. परा घटनाक्रम भारत के लिए चिंता का सबब

time-read
4 分  |
December 25, 2025
'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'
India Today Hindi

'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'

गया शहर के माड़रपुर में गांधी चौक के पास एक बैटरी रिक्शे पर बैठी चिंता देवी मिलती हैं. वे बताती हैं कि वे कचहरी जा रही हैं. उनके पास अपनी कोई सवारी नहीं है, सरकार की तरफ से भी कोई वाहन नहीं मिला है.

time-read
6 分  |
December 25, 2025
डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?
India Today Hindi

डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?

3त्तर प्रदेश में आजमगढ़ के किसान वैसे तो कई दिनों से परेशान थे लेकिन 11 दिसंबर को उन्होंने डीएपी यानी डाइअमोनियम फॉस्फेट खाद उपलब्ध कराने की गुहार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा दी.

time-read
5 分  |
December 25, 2025