डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?
India Today Hindi|December 25, 2025
3त्तर प्रदेश में आजमगढ़ के किसान वैसे तो कई दिनों से परेशान थे लेकिन 11 दिसंबर को उन्होंने डीएपी यानी डाइअमोनियम फॉस्फेट खाद उपलब्ध कराने की गुहार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा दी.
हिमांशु शेखर
डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?

उन्होंने सीएम पोर्टल के माध्यम से यह मांग मुख्यमंत्री के सामने उठाई है. हालांकि आजमगढ़ अकेला जिला नहीं है, जहां डीएपी किल्लत से किसान परेशान हैं, बल्कि प्रदेश के कई जिलों से ऐसी खबरें आ रही हैं.

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही प्रदेश में डीएपी की कमी को लेकर अक्तूबर में ही केंद्र सरकार को आगाह कर चुके थे. 19 अक्तूबर को उन्होंने नई दिल्ली के पूसा कृषि अनुसंधान संस्थान में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने एक कार्यक्रम में सार्वजनिक तौर पर कहा था कि उत्तर प्रदेश में बीते अक्तूबर के मुकाबले इस बार डीएपी का आधा ही स्टॉक आ पाया है और आगे समस्या पैदा होगी.

शाही को जिस बात का अंदेशा था, वह प्रदेश के कई जिलों में सच होती दिख रही है. उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र और झारखंड समेत अधिकांश राज्यों से डीएपी की कमी की शिकायतें आ रही हैं. कहीं पुलिस की सुरक्षा में राशनिंग करते हुए डीएपी किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है तो कहीं किसानों को खाद की दुकानों से खाली हाथ लौटना पड़ रहा है और मजबूरी में ब्लैक में अधिक पैसे देकर डीएपी खरीदना पड़ रहा है. 2020-22 में जिस तरह से यूरिया की किल्लत अधिकांश राज्यों में महसूस की गई थी, कुछ इसी तरह की स्थिति इस बार डीएपी को लेकर बन गई है.

भारत अपनी डीएपी जरूरतों के लिए काफी हद तक आयात पर निर्भर है. देश में 202223 में 105.31 लाख टन डीएपी की खपत हुई. इसमें से 65.83 लाख टन को आयात किया गया और 2021-22 में यह आंकड़ा 54.62 लाख टन था. भारत अपनी जरूरत का करीब 60 फीसद डीएपी आयात करता है. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय उठा-पटक का असर भारत में इसकी आपूर्ति पर भी पड़ता है.

चीन दुनिया में डीएपी का सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन पिछले कुछ साल से वह वैश्विक बाजार में डीएपी बेचने की जगह अपने यहां इसकी खपत बढ़ाने पर जोर दे रहा है. इसके अलावा रूस- यूक्रेन युद्ध की वजह से भी भारत में डीएपी आयात पर बुरा असर पड़ा. वहीं इज्राएल-फिलिस्तीन संघर्ष के चलते लाल सागर के जरिए आने वाला खाद अब इसके मुकाबले कहीं अधिक लंबे रूट से केप ऑफ गुड होप होते हुए आ रहा है. इससे डीएपी आने में देर तो हो ही रही है, इसकी लागत भी बढ़ गई है.

この記事は India Today Hindi の December 25, 2025 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

この記事は India Today Hindi の December 25, 2025 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

INDIA TODAY HINDIのその他の記事すべて表示
मिले सुर मेरा तुम्हारा
India Today Hindi

मिले सुर मेरा तुम्हारा

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संगीतकार अमित त्रिवेदी अपने ताजा गैर फिल्मी और विधा विशेष से मुक्त एल्बम आजाद कोलैब के बारे में, जिसमें 22 कलाकार शामिल

time-read
1 min  |
December 25, 2025
इंसानों की सोहबत में आलसी और बीमार
India Today Hindi

इंसानों की सोहबत में आलसी और बीमार

पालतू जानवर अपने इंसानी मालिकों की तरह ही लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और उन्हें वही मेडिकल केयर मिल रही है. इसने पालतू जानवरों के लिए सुपर स्पेशलाइज्ड सर्जरी और इलाज के इर्द-गिर्द एक पूरी इंडस्ट्री को जन्म दिया

time-read
6 分  |
December 25, 2025
शहरी छाप स लौटी रंगत
India Today Hindi

शहरी छाप स लौटी रंगत

गुजराती सिनेमा दर्शक और प्रशंसा बटोर रहा है क्योंकि इसके कथानक और दृश्य ग्रामीण परिवेश के बजाए अब शहरी जीवन के इर्द-गिर्द गूंथे जा रहे हैं. हालांकि सीमित संसाधन और बंटे हुए दर्शक अब भी चुनौती बने हुए हैं

time-read
6 分  |
December 25, 2025
चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर
India Today Hindi

चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर

भारत का खुदरा बाजार तेजी से बदल रहा है क्योंकि क्विक कॉमर्स ने तुरंत डिलिवरी के साथ पारंपरिक खरीदारी में उथल-पुथल मचा दी है. रिलायंस जियो, फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे कॉर्पोरेट दिग्गजों के इस क्षेत्र में उतरने से स्पर्धा तेज हो गई है जिससे अंत में ताकत ग्राहक के हाथ में ही दिख रही

time-read
10 分  |
December 25, 2025
'एटम बम खुद फैसले नहीं ले सकता था, एआइ ले सकता है”
India Today Hindi

'एटम बम खुद फैसले नहीं ले सकता था, एआइ ले सकता है”

इतिहास के प्रोफेसर और मशहूर पब्लिक इंटेलेक्चुअल युवाल नोआ हरारी एक बार फिर चर्चा में हैं. एआइ के रूप में मानव जाति के सामने आ खड़े हुए भीषण खतरे के प्रति आगाह करती उनकी ताजा किताब नेक्सस ने दुनिया भर के बुद्धिजीवियों का ध्यान खींचा है.

time-read
10 分  |
December 25, 2025
सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार
India Today Hindi

सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार

मुख्यमंत्री सिद्धरामैया उपचुनाव में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन की बदौलत राजनैतिक चुनौतियों से निबटने लोगों का विश्वास बहाल करने और विकास तथा कल्याण की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर दे रहे जोर

time-read
9 分  |
December 25, 2025
हम दो हमारे तीन!
India Today Hindi

हम दो हमारे तीन!

जनसंख्या में गिरावट की आशंकाओं ने परिवार नियोजन पर बहस को सिर के बल खड़ा कर दिया है, क्या परिवार बड़ा बनाने के पैरोकारों के पास इसकी वाजिब वजहें और दलीलें हैं ?

time-read
8 分  |
December 25, 2025
उमरता कट्टरपंथ
India Today Hindi

उमरता कट्टरपंथ

बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न जारी है, दूसरी ओर इस्लामी कट्टरपंथ तेजी से उभार पर है. परा घटनाक्रम भारत के लिए चिंता का सबब

time-read
4 分  |
December 25, 2025
'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'
India Today Hindi

'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'

गया शहर के माड़रपुर में गांधी चौक के पास एक बैटरी रिक्शे पर बैठी चिंता देवी मिलती हैं. वे बताती हैं कि वे कचहरी जा रही हैं. उनके पास अपनी कोई सवारी नहीं है, सरकार की तरफ से भी कोई वाहन नहीं मिला है.

time-read
6 分  |
December 25, 2025
डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?
India Today Hindi

डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?

3त्तर प्रदेश में आजमगढ़ के किसान वैसे तो कई दिनों से परेशान थे लेकिन 11 दिसंबर को उन्होंने डीएपी यानी डाइअमोनियम फॉस्फेट खाद उपलब्ध कराने की गुहार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा दी.

time-read
5 分  |
December 25, 2025