पहले आपस में तो लड़ लें
India Today Hindi|July 31, 2024
लोकसभा चुनाव के बाद यूपी भाजपा में मची अंतर्कलह दूर करने में विफल रही कार्यसमिति बैठक, शीर्ष नेतृत्व किया हस्तक्षेप
आशीष मिश्र
पहले आपस में तो लड़ लें

लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पहली प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के लिए जगह तलाशने में पार्टी नेताओं को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. पिछली सभी प्रदेश कार्यसमिति की बैठकों में करीब 600 नेता-कार्यकर्ता बुलाए जाते थे. इस बार के लोकसभा चुनाव में 62 से घटकर महज 33 सीटों पर सिमटने वाली पार्टी ने ब्लॉक तक के नेताओं को बुलावा भेजा था. ऐसे में प्रदेश कार्यसमिति में आने वाले नेताओं की संख्या 3,000 तक पहुंच गई थी. काफी खोजबीन के बाद लखनऊ की आशियाना कॉलोनी में डॉ. राममनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के आंबेडकर सभागार को 14 जुलाई को होने वाली अभूतपूर्व प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के लिए उपयुक्त पाया गया.

इतनी बड़ी कार्यसमिति के आयोजन के पीछे भगवा दल की मंशा कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं के बीच सीधा संपर्क स्थापित कर लोकसभा चुनाव के नतीजों के कारणों पर मंथन करना थी, पर हुआ इसका उलटा. शीर्ष नेताओं में खींचतान, जमीनी कार्यकर्ताओं में असंतोष, अंतर्कलह जैसे कई मुद्दों पर प्रदेश कार्यसमिति की बैठक कन्नी काटती हुई दिखी. उत्साहहीन माहौल ने प्रदेश कार्यसमिति को महज औपचारिकता भरा आयोजन बना दिया.

बैठक में स्पष्ट हो गया कि सरकार और संगठन के बीच सब ठीक नहीं है. इसकी शुरुआत प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के भाषण से शुरू हुई. उन्होंने कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि कार्यकर्ता हमारे लिए सबसे बढ़कर हैं. उसके मान-सम्मान से कोई समझौता नहीं हो सकता. प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मौजूद कार्यकर्ताओं से कहा, "जो आपका दर्द है, वही मेरा भी दर्द है. सरकार से बड़ा संगठन है, संगठन था और रहेगा. " मौर्य ने यह भी कहा कि 7 कालिदास मार्ग (लखनऊ में केशव प्रसाद मौर्य का आधिकारिक आवास) कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा खुला है. बैठक में कार्यकर्ताओं के मन की बात कहने पर मौर्य को सबसे ज्यादा तालियां मिलीं.

この記事は India Today Hindi の July 31, 2024 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

この記事は India Today Hindi の July 31, 2024 版に掲載されています。

7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。

INDIA TODAY HINDIのその他の記事すべて表示
मिले सुर मेरा तुम्हारा
India Today Hindi

मिले सुर मेरा तुम्हारा

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संगीतकार अमित त्रिवेदी अपने ताजा गैर फिल्मी और विधा विशेष से मुक्त एल्बम आजाद कोलैब के बारे में, जिसमें 22 कलाकार शामिल

time-read
1 min  |
December 25, 2025
इंसानों की सोहबत में आलसी और बीमार
India Today Hindi

इंसानों की सोहबत में आलसी और बीमार

पालतू जानवर अपने इंसानी मालिकों की तरह ही लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और उन्हें वही मेडिकल केयर मिल रही है. इसने पालतू जानवरों के लिए सुपर स्पेशलाइज्ड सर्जरी और इलाज के इर्द-गिर्द एक पूरी इंडस्ट्री को जन्म दिया

time-read
6 分  |
December 25, 2025
शहरी छाप स लौटी रंगत
India Today Hindi

शहरी छाप स लौटी रंगत

गुजराती सिनेमा दर्शक और प्रशंसा बटोर रहा है क्योंकि इसके कथानक और दृश्य ग्रामीण परिवेश के बजाए अब शहरी जीवन के इर्द-गिर्द गूंथे जा रहे हैं. हालांकि सीमित संसाधन और बंटे हुए दर्शक अब भी चुनौती बने हुए हैं

time-read
6 分  |
December 25, 2025
चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर
India Today Hindi

चट ऑर्डर, पट डिलिवरी का दौर

भारत का खुदरा बाजार तेजी से बदल रहा है क्योंकि क्विक कॉमर्स ने तुरंत डिलिवरी के साथ पारंपरिक खरीदारी में उथल-पुथल मचा दी है. रिलायंस जियो, फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे कॉर्पोरेट दिग्गजों के इस क्षेत्र में उतरने से स्पर्धा तेज हो गई है जिससे अंत में ताकत ग्राहक के हाथ में ही दिख रही

time-read
10 分  |
December 25, 2025
'एटम बम खुद फैसले नहीं ले सकता था, एआइ ले सकता है”
India Today Hindi

'एटम बम खुद फैसले नहीं ले सकता था, एआइ ले सकता है”

इतिहास के प्रोफेसर और मशहूर पब्लिक इंटेलेक्चुअल युवाल नोआ हरारी एक बार फिर चर्चा में हैं. एआइ के रूप में मानव जाति के सामने आ खड़े हुए भीषण खतरे के प्रति आगाह करती उनकी ताजा किताब नेक्सस ने दुनिया भर के बुद्धिजीवियों का ध्यान खींचा है.

time-read
10 分  |
December 25, 2025
सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार
India Today Hindi

सरकार ने रफ्ता-रफ्ता पकड़ी रफ्तार

मुख्यमंत्री सिद्धरामैया उपचुनाव में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन की बदौलत राजनैतिक चुनौतियों से निबटने लोगों का विश्वास बहाल करने और विकास तथा कल्याण की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर दे रहे जोर

time-read
9 分  |
December 25, 2025
हम दो हमारे तीन!
India Today Hindi

हम दो हमारे तीन!

जनसंख्या में गिरावट की आशंकाओं ने परिवार नियोजन पर बहस को सिर के बल खड़ा कर दिया है, क्या परिवार बड़ा बनाने के पैरोकारों के पास इसकी वाजिब वजहें और दलीलें हैं ?

time-read
8 分  |
December 25, 2025
उमरता कट्टरपंथ
India Today Hindi

उमरता कट्टरपंथ

बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न जारी है, दूसरी ओर इस्लामी कट्टरपंथ तेजी से उभार पर है. परा घटनाक्रम भारत के लिए चिंता का सबब

time-read
4 分  |
December 25, 2025
'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'
India Today Hindi

'इससे अच्छा तो झाइदारिन ही थे हम'

गया शहर के माड़रपुर में गांधी चौक के पास एक बैटरी रिक्शे पर बैठी चिंता देवी मिलती हैं. वे बताती हैं कि वे कचहरी जा रही हैं. उनके पास अपनी कोई सवारी नहीं है, सरकार की तरफ से भी कोई वाहन नहीं मिला है.

time-read
6 分  |
December 25, 2025
डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?
India Today Hindi

डीएपी की किल्लत का जिम्मेदार कौन?

3त्तर प्रदेश में आजमगढ़ के किसान वैसे तो कई दिनों से परेशान थे लेकिन 11 दिसंबर को उन्होंने डीएपी यानी डाइअमोनियम फॉस्फेट खाद उपलब्ध कराने की गुहार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा दी.

time-read
5 分  |
December 25, 2025