नब्बे से अधिक वसंत देख चुकीं फातिमा बुढ़ापे से जुड़ी कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही हैं, मगर उन्होंने आज भी उस दिन की स्मृतियां संजोकर रखी हैं जब मुफ्ती उनके घर दोपहर के खाने के लिए आए थे. बिजबेहारा की संकरी गली में हजरत बाबा नसीबुद्दीन गाजी की दरगाह से कुछ मीटर की दूरी पर अपने बरामदे में बैठी फातिमा कहती हैं, "मुफ्तियों को वोट देते वक्त मुझमें एक जोश आ जाता है.” मुफ्ती मौलवियों के परिवार से आते हैं और उनका अपने पैतृक घर के नजदीक वाली दरगाह के साथ जुड़ाव है.
बिजबेहारा विधानसभा सीट राजौरी-अनंतनाग लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है और फातिमा आम चुनाव में दिवंगत मुफ्ती की बेटी और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती को वोट दिया था. हालांकि, वे हार गईं. फातिमा कश्मीरी जबान में कहती हैं, "हार जीत चुने मसले (जीत-हार कोई मुद्दा नहीं हैं. उन्होंने हमें सड़कें दीं, पाइप से पानी दिया और लोगों को नौकरियां दीं. हमारा वोट और हमारी दुआएं उनके साथ हैं. अब हमें यह पक्का करना है कि हमारी बेटी (इल्तिजा मुफ्ती ) अपनी ननिहाल से जीते."
महबूबा ने अपनी बेटी को उसी बिजबेहारा श्रीगुफवारा निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा है, जहां से उन्होंने 1996 में पारी की शुरुआत की थी. 1999 से यह सीट पीडीपी के पास है और वरिष्ठ अहीरी ने पार्टी का यह गढ़ बचाकर रखा है. लेकिन कश्मीर के अन्य क्षेत्रों की तरह परिसीमन समिति ने इस चुनाव क्षेत्र की सीमाओं का भी फिर से निर्धारण किया है. नतीजा यह रहा कि पीडीपी के इस गढ़ का बड़ा हिस्सा अब अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में चला गया है. इस चुनाव में यहां से 1,00,000 से ज्यादा मतदाता होंगे और यहां पहले चरण में 18 सितंबर को वोट डाले जाएंगे.
この記事は India Today Hindi の 25th September, 2024 版に掲載されています。
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