उत्तर प्रदेश में संघर्ष का रास्ता अख्तियार कर नई सियासी छवि गढ़ने की छटपटाहट कांग्रेस पार्टी में साफ दिखाई पड़ रही है. इसी छवि को और धार देने के लिए 18 सितंबर को कांग्रेस पार्टी एक बार फिर सड़कों पर उतरी. मुद्दा उत्तर प्रदेश की बदहाल कानून व्यवस्था और मनमर्जी एनकाउंटर के विरोध का था. प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों में कांग्रेसी नेता सड़कों पर उतरे. लखनऊ में कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता गोमती नदी के किनारे शहीद स्मारक पर जुटे. काफी देर प्रदर्शन के बाद पैदल मार्च करके कमिशनर दफ्तर पहुंचे और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा.
लोकसभा चुनाव के बाद यह तीसरा मौका था जब कांग्रेस जनता के मुद्दे लेकर सड़क पर उतरी. इससे पहले 21 जून को नीट- यूजी रद्द करने की मांग को लेकर कांग्रेस नेताओं ने विधान भवन का घेराव करने का प्रयास किया था. 22 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दफ्तर घेरने निकले कांग्रेसी नेता चकमा देकर राजभवन के गेट पर पहुंच गए और अजय राय के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इन प्रदर्शनों में नेताओं ने एकजुटता दिखा कर यह संकेत देने की कोशिश की कि भले ही विधानसभा में पार्टी के केवल दो सदस्य हैं लेकिन संघर्ष के मामले में वह मुख्य विपक्षी दल की ही भूमिका में रहेगी.
कांग्रेस आम लोगों की समस्याओं को लेकर आंदोलन करने के साथ कई कार्यक्रमों के जरिए जनता से सीधे 'कनेक्ट' करने की हर संभव कोशिश कर रही है. जनता के साथ इसी संबंध को प्रगाढ़ बनाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और दूसरे कांग्रेसी नेता विभिन्न घटनाओं के पीड़ितों के पास पहुंचकर न केवल उन्हें सांत्वना दे रहे हैं बल्कि आर्थिक मदद भी कर रहे हैं. अजय राय 23 सितंबर को कानपुर देहात के रनियां औद्योगिक इलाके में गत्ता फैक्ट्री में लगी आग से मारे गए छह दलित मजदूरों के परिजनों के बीच पहुंचे. इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष एनकाउंटर में मारे गए मंगेश यादव के परिजनों से मिलने जौनपुर पहुंचे थे. कांग्रेसी नेताओं का दावा है कि प्रदेश की ऐसी कोई भी घटना नहीं है जिसके पीड़ितों से मिलने कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल सबसे पहले न पहुंचा हो. यह पार्टी को आगे बढ़ाने की ललक ही है कि इन घटनाओं के पीड़ितों की मदद कांग्रेसी नेता आपस में चंदा जुटाकर कर रहे हैं.
この記事は India Today Hindi の October 09, 2024 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です ? サインイン
この記事は India Today Hindi の October 09, 2024 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です? サインイン
सोणा पंजाबी एल्बम मान दा
गायक-अभिनेता-गीतकार गुरदास मान दूरदर्शन के साथ शुरुआत से लेकर अपने नए एल्बम साउंड ऑफ सॉएल, वीर जारा के किस्से और नई पीढ़ी के कलाकारों पर
"हाथ से सितार ले लिया जाए तो मैं दुनिया के किसी काम का नहीं"
उस्ताद शुजात खान इस दौर के श्रेष्ठतम सितारवादकों में से एक हैं. छह साल की उम्र से ही स्टेज पर परफॉर्म करने वाले, ग्रैमी अवार्ड के लिए नामित, इमदाद खान घराने के ये 64 वर्षीय संगीतकार जितने सादगीपसंद हैं उतने ही जिंदादिल. एक अरसा पहले वे दिल्ली की चिल्लपों से दूर गोवा के एक गांव में जा बसे जो पणजी से 12 किमी दूर है. दी लल्लनटॉप और इंडिया टुडे के संपादक सौरभ द्विवेदी ने हाल में जिंदगी के तमाम पहलुओं पर उनसे लंबी बातचीत की. उसी के अंशः
सदा के लिए नहीं रहा हीरा
भारत के हीरा उद्योग में भूचाल जैसी स्थिति है और इसे तराशने वाले कुशल कारीगर घटती आय और अनिश्चित भविष्य से जूझ रहे हैं. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि लैब में तैयार हीरे की बढ़ती मांग के आगे प्राकृतिक पत्थर की असली चमक फीकी पड़ती जा रही है
लुटी-पिटी विरासत के बादशाह!
बेभाव उधारियां उठाकर केसीआर ने तेलंगाना का दीवाला ही निकाल दिया. उनके इस फितूर का खामियाजा अगले एक दशक तक राज्य को उठाना पड़ेगा
अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश
कांग्रेस ने यूपी में जनआंदोलनों और कई सारे कार्यक्रमों के जरिए अपने जनाधार विस्तार की रणनीति बनाई. पिछड़ों, दलित और अल्पसंख्यकों पर विशेष रूप से फोकस
दिलचस्प से हरियाणे का सियासी सांग
सत्ता-विरोधी भावना का मुकाबला करते हुए कांग्रेस से अपने गढ़ को बचाने की पुरजोर कोशिश में लगी भाजपा. दूसरी ओर अंदरुनी लड़ाई के बावजूद कांग्रेस उम्मीदों पर सवार
उम्मीदों में उलझीं कुछ गुत्थियां भी
विरोध के बावजूद भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने 'एक राष्ट्र एक चुनाव' की योजना को आगे बढ़ाने की ठानी. अगर ऐसा हुआ तो ये सवाल पूछे जाएंगे कि इससे हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा या कमजोर?
"सड़क हादसो जितनी मौतें तो युद्ध में भी नहीं हुई"
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी देश के हाइवे पर बढ़ते हादसों को लेकर काफी चिंतित हैं और उन्होंने खतरों को घटाने के लिए कई कदम उठाए हैं. लेकिन ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा और एसोसिएट एडिटर अभिषेक जी. दस्तीदार के साथ बातचीत में उन्होंने साफ-साफ स्वीकार किया कि यही इकलौता मामला है जिसमें वे अपने तय किए लक्ष्य को हासिल करने में नाकाम रहे. बातचीत के संपादित अंशः
जान के दुश्मन हाइवे
खराब सड़क डिजाइन, लचर पुलिसिया व्यवस्था, प्रशिक्षण की कमी, नाकाफी सुरक्षा इंतजामात, और हादसे के वक्त इलाज की सुविधा के अभाव की वजह से भारत की सड़कें दुनिया में सबसे ज्यादा जानलेवा-
मेडिकल कुंडली से हो रहा शादी का फैसला
बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा तहसील के लक्ष्मी नगर के रहने वाले विकेश और अंजलि की दो माह पहले शादी हुई है. सगाई के वक्त जब दोनों के परिजन कुंडली मिलाने की तैयारी कर रहे थे तभी विकेश और अंजलि बागीदौरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक दूसरे की मेडिकल रिपोर्ट मिलान कर रहे थे. दरअसल, विकेश और अंजलि ने सिकल सेल एनीमिया की जांच कराई थी और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही दोनों ने शादी की सहमति दी. विकेश कहते हैं, \"हमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम ने सिकल सेल बीमारी के बारे में जानकारी दी थी. अगर हम दोनों में से किसी की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आती तो हम शादी नहीं करते.\"