रायबरेली जिले से प्रयागराज जा रहे हाइवे पर पड़ने वाले पहले टोल से करीब 10 किलोमीटर दूर गदागंज क्षेत्र का सुदामापुर और आसपास का इलाका रैदास (दलित) बहुल है. 10,000 से ज्यादा की आबादी में खेतिहर मजदूर और जूते के कारीगरों की संख्या बहुतायत में है. यहां गिनती में के लोगों ने सरकारी नौकरी पाकर अपनी पहचान बनाई है. इन्हीं लोगों में से एक 35 वर्षीय सुनील कुमार भी थे. वे अमेठी की तिलोई तहसील के पन्हौंना स्थित कंपोजिट विद्यालय में सहायक अध्यापक थे. रायबरेली में तेलियाकोट का रहने वाला चंदन वर्मा सुनील और उनकी पत्नी पूनम को लंबे समय से डरा धमका रहा था. परेशान होकर सुनील डेढ़ साल पहले पत्नी और दो बेटियों के साथ रायबरेली से आकर अमेठी के शिवरतनगंज क्षेत्र के अहोरवा भवानी कस्बे में मुन्ना अवस्थी के मकान में किराए पर रहने लगे थे. पूनम ने रायबरेली कोतवाली में चंदन के खिलाफ 18 अगस्त को छेड़छाड़ और एससी-एसटी ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. इससे नाराज चंदन ने 4 अक्तूबर को देर शाम अमेठी के घर में घुसकर सुनील कुमार, पत्नी पूनम और उनकी दोनों बेटियों की गोली मारकर हत्या कर दी.
अमेठी में दलित शिक्षक की हत्या की खबर से उत्तर प्रदेश सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे. रायबरेली से कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हत्याकांड को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा. अमेठी से कांग्रेस सांसद किशोरी लाल शर्मा हत्याकांड के कुछ ही घंटे बाद रात में सुनील के पिता रामगोपाल और मां राजवती को ढांढस बंधाने सुदामापुर गांव पहुंच गए. शर्मा ने अपने फोन से रामगोपाल की राहुल गांधी से बात कराई. इसी दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पुलिस अधिकारियों को तलब कर हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ने का आदेश दिया. एसटीएफ ने 4 अक्तूबर की देर रात चंदन को गौतमबुद्ध नगर में यमुना एक्सप्रेसवे पर जेवर टोल प्लाजा के पास गिरफ्तार कर लिया.
この記事は India Today Hindi の October 23, 2024 版に掲載されています。
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