राजा युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से पूछा : ‘‘भगवन् ! मार्गशीर्ष (अमावस्यांत मास अनुसार कार्तिक) माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी की उत्पत्ति कैसे हुई और उसका नाम क्या है?"
श्रीकृष्ण ने कहा : "कुंतीनंदन ! सतयुग में मुर नामक दानव रहता था। उसने ऐसा अत्याचार शुरू किया कि मानव त्राहिमाम् पुकारने लगे। स्वर्गलोक में भी उसने धावा बोल दिया और देवता इधर-उधर भागते फिरने लगे। आखिर इन्द्र देवताओं को लेकर भगवान शिवजी के पास गये और स्तुति करके अपना हेतु निवेदित किया।
शिवजी ने कहा : "देवराज ! भगवान पुंडरीकाक्ष की शरण जाओ।’’
इन्द्र और देवताओं ने भगवान नारायण की स्तुति की और मुर के बारे में बताया।
भगवान बोले : ‘‘देवराज ! बलवानों का बल आत्मरूप से मैं हूँ, तुम क्यों घबराते हो ! वह दानव कैसा है, उसका बल कैसा है तथा उस दुष्ट के रहने का स्थान कहाँ है?"
इन्द्र बोले : ‘‘देवेश्वर ! ब्रह्माजी के वंश में तालजंघ असुर उत्पन्न हुआ था। उसका पुत्र मुर चन्द्रावती नगरी बनाकर रहता है। उसने समस्त देवताओं को परास्त कर उन्हें स्वर्गलोक से बाहर कर दिया है और एक दूसरे ही इन्द्र को स्वर्ग के सिंहासन पर बैठाया है। अग्नि, चन्द्रमा, सूर्य, वायु तथा वरुण भी उसने दूसरे ही बनाये हैं।"
この記事は Rishi Prasad Hindi の November 2023 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です ? サインイン
この記事は Rishi Prasad Hindi の November 2023 版に掲載されています。
7 日間の Magzter GOLD 無料トライアルを開始して、何千もの厳選されたプレミアム ストーリー、9,000 以上の雑誌や新聞にアクセスしてください。
すでに購読者です? サインイン
रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
पितरों को सद्गति देनेवाला तथा आयु, आरोग्य व मोक्ष प्रदायक व्रत
एकादशी माहात्म्य - मोक्षदा एकादशी पर विशेष
ऐसी कल्पना आपका कल्याण कर देगी
बाबा कृष्ण बन जाते हैं, कृष्ण बाबा बन जाते हैं।
विलक्षण न्याय
विद्यार्थी संस्कार - पढ़िये-पढ़ाइये यह शिक्षाप्रद कथा
पूज्य बापूजी की रिहाई ही देश को विश्वगुरु बना सकती है
श्री अशोक सिंहलजी की जयंती पर हुए विशेष चर्चासत्र के कुछ अंश
गोपाष्टमी पर क्यों किया जाता है गायों का आदर-पूजन?
९ नवम्बर : गोपाष्टमी पर विशेष
कर्म करने से सिद्धि अवश्य मिलती है
गतासूनगतासुंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः ॥
अपने ज्ञानदाता गुरुदेव के प्रति कैसा अद्भुत प्रेम!
(गतांक के 'साध्वी रेखा बहन द्वारा बताये गये पूज्य बापूजी के संस्मरण' का शेष)
समर्थ साँईं लीलाशाहजी की अद्भुत लीला
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।