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ज्ञान के दीप, भक्ति के पुंज व सेवा की ज्योति से सजी दिवाली
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि | हमारी संस्कृति के पावन पर्व दीपावली पर दीप जलाने की परम्परा के पीछे अज्ञान-अंधकार को मिटाकर आत्मप्रकाश जगाने का सूक्ष्म संकेत है। १ से ७ नवम्बर तक अहमदाबाद आश्रम में हुए 'दीपावली अनुष्ठान एवं ध्यान योग शिविर' में उपस्थित हजारों शिविरार्थियों ने हमारे महापुरुषों के अनुसार इस पर्व का लाभ उठाया एवं अपने हृदय में ज्ञान व भक्ति के दीप प्रज्वलित कर आध्यात्मिक दिवाली मनायी।
पुत्रप्राप्ति आदि मनोरथ पूर्ण करनेवाला एवं समस्त पापनाशक व्रत
१० जनवरी को पुत्रदा एकादशी है। इसके माहात्म्य के बारे में पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत में आता है :
पंचकोष-साक्षी शंका-समाधान
(पिछले अंक में आपने पंचकोष-साक्षी विवेक के अंतर्गत जाना कि पंचकोषों का साक्षी आत्मा उनसे पृथक् है । उसी क्रम में अब आगे...)
कुत्ते, बिल्ली पालने का शौक देता है गम्भीर बीमारियों का शॉक!
कुत्ते, बिल्ली पालने के शौकीन सावधान हो जायें !...
हिम्मत करें और ठान लें तो क्या नहीं हो सकता!
मनुष्य में बहुत सारी शक्तियाँ छुपी हुई हैं। हिम्मत करे तो लाख-दो लाख रुपये की नौकरी मिलना तो क्या, दुकान का, कारखाने का स्वामी बनना तो क्या, त्रिलोकी के स्वामी को भी प्रकट कर सकता है, ध्रुव को देखो, प्रह्लाद को, मीरा को देखो।
पुण्यात्मा कर्मयोगियों के नाम पूज्य बापूजी का संदेश
'अखिल भारतीय वार्षिक ऋषि प्रसाद-ऋषि दर्शन सम्मेलन २०२५' पर विशेष
मकर संक्रांति : स्नान, दान, स्वास्थ्य, समरसता, सुविकास का पर्व
१४ जनवरी मकर संक्रांति पर विशेष
समाजसेवा व परदुःखकातरता की जीवंत मूर्ति
२५ दिसम्बर को मदनमोहन मालवीयजी की जयंती है। मालवीयजी कर्तव्यनिष्ठा के आदर्श थे। वे अपना प्रत्येक कार्य ईश्वर-उपासना समझकर बड़ी ही तत्परता, लगन व निष्ठा से करते थे। मानवीय संवेदना उनमें कूट-कूटकर भरी थी।
संतों की रक्षा कीजिये, आपका राज्य निष्कंटक हो जायेगा
आप कहते हैं... क्या पुरातत्त्व विभाग के खंडहर और जीर्ण-शीर्ण इमारतें ही राष्ट्र की धरोहर हैं? ... राष्ट्रसेवा करने का सनातनियों ने उन्हें यही फल दिया !
ब्रह्मवेत्ता संत तीर्थों में क्यों जाते हैं?
एक बड़े नगर में स्वामी शरणानंदजी का सत्संग चल रहा था। जब वे प्रवचन पूरा कर चुके तो मंच पर उपस्थित संत पथिकजी ने पूछा कि ‘“महाराज ! आप जो कुछ कहते हैं वही सत्य है क्या?\"
आरोग्य, अध्यात्म, पर्यावरण रक्षा व सद्गति का अमृतस्रोत
हर मनुष्य चाहता है : (१) शारीरिक स्वास्थ्य (२) मानसिक स्वास्थ्य (३) बौद्धिक विकास (४) आर्थिक सम्पन्नता (५) आध्यात्मिक उन्नति (६) पारिवारिक सुख-शांति (७) सद्गति, मोक्ष या पारलौकिक ऊँची गति।
भगवद्रस ऐसा सुखदायी है!
रामायण में शिवजी बोलते हैं : उमा राम सुभाउ जेहिं जाना । ताहि भजनु तजि भाव न आना ॥ (रामचरित. सुं.कां.: ३३.२)
रूहानी सौदागर संत-फकीर
१५ नवम्बर को गुरु नानकजी की जयंती है। इस अवसर पर पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत से हम जानेंगे कि नानकजी जैसे सच्चे सौदागर (ब्रहाज्ञानी महापुरुष) समाज से क्या लेकर समाज को क्या देना चाहते हैं:
पितरों को सद्गति देनेवाला तथा आयु, आरोग्य व मोक्ष प्रदायक व्रत
एकादशी माहात्म्य - मोक्षदा एकादशी पर विशेष
ऐसी कल्पना आपका कल्याण कर देगी
बाबा कृष्ण बन जाते हैं, कृष्ण बाबा बन जाते हैं।
विलक्षण न्याय
विद्यार्थी संस्कार - पढ़िये-पढ़ाइये यह शिक्षाप्रद कथा
पूज्य बापूजी की रिहाई ही देश को विश्वगुरु बना सकती है
श्री अशोक सिंहलजी की जयंती पर हुए विशेष चर्चासत्र के कुछ अंश
गोपाष्टमी पर क्यों किया जाता है गायों का आदर-पूजन?
९ नवम्बर : गोपाष्टमी पर विशेष
कर्म करने से सिद्धि अवश्य मिलती है
गतासूनगतासुंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः ॥
अपने ज्ञानदाता गुरुदेव के प्रति कैसा अद्भुत प्रेम!
(गतांक के 'साध्वी रेखा बहन द्वारा बताये गये पूज्य बापूजी के संस्मरण' का शेष)
समर्थ साँईं लीलाशाहजी की अद्भुत लीला
साँईं श्री लीलाशाहजी महाराज के महानिर्वाण दिवस पर विशेष
धर्मांतरणग्रस्त क्षेत्रों में की गयी स्वधर्म के प्रति जागृति
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि।
चल दिये तो चल दिये...
आत्मा के बाहर मत भटको। बाहर तुम्हारा कोई नहीं था, कोई नहीं है, कोई नहीं रहेगा। अपने केन्द्र में स्थित रहो, अपने आपे में आओ। पराये गाँव में कब तक भटकोगे? 'जरा यह कर लूँ, जरा वह कर लूँ...' आग लगा पेट्रोल डाल के। 'मैं और मेरे' पन को आग लगा दे मन से। ज्ञान पाना है कि बस संसार का टट्टू चलाते रहना है? ऐ जगत ! बस हो गया, तू कितने जन्मों से हमको भटकाता आया है !
भारतीय संस्कृति की महान देन : आयुर्वेद
२९ अक्टूबर : राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर विशेष
पूज्य बापूजी के साथ आध्यात्मिक प्रश्नोत्तरी
साधक : बापूजी ! जब सत्संग सुन के शांत होता हूँ तो ध्यान श्वासों पर केन्द्रित हो जाता है और श्वास बंद हो गये ऐसा लगता है, गहरी शांति आती है, आगे-पीछे की बातों का चिंतन नहीं रहता।
अद्भुत हैं आँवले के धार्मिक व स्वास्थ्य लाभ!
पद्म पुराण के सृष्टि खंड में भगवान शिवजी कार्तिकेयजी से कहते हैं : \"आँवला खाने से आयु बढ़ती है। उसका जल पीने से धर्म-संचय होता है और उसके द्वारा स्नान करने से दरिद्रता दूर होती है तथा सब प्रकार के ऐश्वर्य प्राप्त होते हैं। कार्तिकेय ! जिस घर में आँवला सदा विद्यमान रहता है वहाँ दैत्य और राक्षस नहीं जाते। एकादशी के दिन यदि एक ही आँवला मिल जाय तो उसके सामने गंगा, गया, काशी, पुष्कर विशेष महत्त्व नहीं रखते। जो दोनों पक्षों की एकादशी को आँवले से स्नान करता है उसके सब पाप नष्ट हो जाते हैं।\"
पादपश्चिमोत्तानासन : एक ईश्वरीय वरदान
'जीवन जीने की कला' श्रृंखला में इस अंक में हम जानेंगे पादपश्चिमोत्तानासन के बारे में। सब आसनों में यह आसन प्रधान है। इसके अभ्यास से कायाकल्प हो जाता है। पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत में आता है :
आयु-आरोग्य, यश बढ़ानेवाला तथा पितरों की सद्गति करनेवाला व्रत
२८ सितम्बर : इंदिरा एकादशी पर विशेष
मन पर नियंत्रण का परिणाम
महात्मा गांधी जयंती : २ अक्टूबर
संग का प्रभाव
कैकेयी बुरी नहीं थी। मंथरा की संगत ने उसे पाप के मार्ग पर चला दिया। रावण के जीवन को पढ़ो। अच्छा-भला वेदों का पंडित, अपने कर्तव्य पर चलनेवाला विद्वान था वह। शूर्पणखा नाशिक के वनों से होती हुई लंका पहुँची और उसने रावण से कहा : \"भैया ! एक अत्यंत रूपवती रमणी को देखकर आयी हूँ। वह बिल्कुल तुम्हारे योग्य है। दो वनवासी उसके साथ हैं, तीसरा कोई नहीं है। यदि तुम ला सको तो...\"