मनुष्य की इन माँगों को पूरा करने में मददरूप माता तुलसी प्रकृति का अनमोल उपहार हैं। आध्यात्मिक ऊर्जा एवं आरोग्यवर्धक गुणों से परिपूर्ण तुलसी घर में लगते ही वातावरण को आध्यात्मिक स्पंदनों से भर देती है तथा कई जीवाणुओं एवं रोगाणुओं का नाश कर देती है। वातावरण की स्वच्छता एवं पवित्रता, प्रदूषण का शमन, घर-परिवार के सदस्यों की नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा और उनकी आरोग्यता की जड़ें मजबूत करना आदि अनेक लाभ तुलसी से होते हैं।
शास्त्रों में है तुलसी की अद्भुत महिमा
नारद पुराण में श्री सनकजी कहते हैं : "जिस घर में तुलसी पूजित होती हैं वहाँ प्रतिदिन सब प्रकार के श्रेय की वृद्धि होती है।"
ब्रह्मवैवर्त पुराण में भगवान नारायण कहते हैं: "परम साध्वी तुलसी पुष्पों में सार हैं। ये पूजनीया तथा मनोहारिणी हैं। सम्पूर्ण पापरूपी ईंधन को भस्म करने के लिए ये प्रज्वलित अग्नि की लपट के समान हैं।"
स्कंद पुराण में ब्रह्माजी कहते हैं : "यदि कोई तुलसी-संयुक्त जल में स्नान करता है तो वह सब पापों से मुक्त हो भगवान विष्णु के लोक में आनंद का अनुभव करता है। जो लगाने के लिए तुलसी का संग्रह करता है और लगा के तुलसी का वन तैयार कर देता है वह उतने से ही पापमुक्त हो ब्रह्मप्राप्ति का अधिकारी हो जाता है।"
अगस्त्य संहिता के अनुसार "तुलसी-वन के चारों ओर एक कोस (३.२ किलोमीटर) तक का स्थान गंगाजल के समान पवित्र हो जाता है।”
この記事は Rishi Prasad Hindi の December 2024 版に掲載されています。
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ज्ञान के दीप, भक्ति के पुंज व सेवा की ज्योति से सजी दिवाली
ऋषि प्रसाद प्रतिनिधि | हमारी संस्कृति के पावन पर्व दीपावली पर दीप जलाने की परम्परा के पीछे अज्ञान-अंधकार को मिटाकर आत्मप्रकाश जगाने का सूक्ष्म संकेत है। १ से ७ नवम्बर तक अहमदाबाद आश्रम में हुए 'दीपावली अनुष्ठान एवं ध्यान योग शिविर' में उपस्थित हजारों शिविरार्थियों ने हमारे महापुरुषों के अनुसार इस पर्व का लाभ उठाया एवं अपने हृदय में ज्ञान व भक्ति के दीप प्रज्वलित कर आध्यात्मिक दिवाली मनायी।
पुत्रप्राप्ति आदि मनोरथ पूर्ण करनेवाला एवं समस्त पापनाशक व्रत
१० जनवरी को पुत्रदा एकादशी है। इसके माहात्म्य के बारे में पूज्य बापूजी के सत्संग-वचनामृत में आता है :
पंचकोष-साक्षी शंका-समाधान
(पिछले अंक में आपने पंचकोष-साक्षी विवेक के अंतर्गत जाना कि पंचकोषों का साक्षी आत्मा उनसे पृथक् है । उसी क्रम में अब आगे...)
कुत्ते, बिल्ली पालने का शौक देता है गम्भीर बीमारियों का शॉक!
कुत्ते, बिल्ली पालने के शौकीन सावधान हो जायें !...
हिम्मत करें और ठान लें तो क्या नहीं हो सकता!
मनुष्य में बहुत सारी शक्तियाँ छुपी हुई हैं। हिम्मत करे तो लाख-दो लाख रुपये की नौकरी मिलना तो क्या, दुकान का, कारखाने का स्वामी बनना तो क्या, त्रिलोकी के स्वामी को भी प्रकट कर सकता है, ध्रुव को देखो, प्रह्लाद को, मीरा को देखो।
पुण्यात्मा कर्मयोगियों के नाम पूज्य बापूजी का संदेश
'अखिल भारतीय वार्षिक ऋषि प्रसाद-ऋषि दर्शन सम्मेलन २०२५' पर विशेष
मकर संक्रांति : स्नान, दान, स्वास्थ्य, समरसता, सुविकास का पर्व
१४ जनवरी मकर संक्रांति पर विशेष
समाजसेवा व परदुःखकातरता की जीवंत मूर्ति
२५ दिसम्बर को मदनमोहन मालवीयजी की जयंती है। मालवीयजी कर्तव्यनिष्ठा के आदर्श थे। वे अपना प्रत्येक कार्य ईश्वर-उपासना समझकर बड़ी ही तत्परता, लगन व निष्ठा से करते थे। मानवीय संवेदना उनमें कूट-कूटकर भरी थी।
संतों की रक्षा कीजिये, आपका राज्य निष्कंटक हो जायेगा
आप कहते हैं... क्या पुरातत्त्व विभाग के खंडहर और जीर्ण-शीर्ण इमारतें ही राष्ट्र की धरोहर हैं? ... राष्ट्रसेवा करने का सनातनियों ने उन्हें यही फल दिया !
ब्रह्मवेत्ता संत तीर्थों में क्यों जाते हैं?
एक बड़े नगर में स्वामी शरणानंदजी का सत्संग चल रहा था। जब वे प्रवचन पूरा कर चुके तो मंच पर उपस्थित संत पथिकजी ने पूछा कि ‘“महाराज ! आप जो कुछ कहते हैं वही सत्य है क्या?\"