Vanmali Katha Magazine - May 2024
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वनमाली कथा’ किस्से-कहानियों का जऽीरा लेकर बिना अनुमति वेफ आ जाता है। ऐसी
धाँधली चल जाती है। कोई वुफछ नहीं कहता, बल्कि बहुतेरे प्रेमी-जन तो इन्तजार करते हैं। कारण कि
यह देश कथाप्रेमी-जनों की रसभूमि है। यहाँ हर त्योहार वेफ पीछे एक घटना है। हर अवतार की एक
कहानी है। हर )तु वेफ अनेक किस्से हैं। हर एक वेफ दिल में दूसरे को वुफछ अजब-गजब सुनाने की
बलवती इच्छा है। कहानी सुनने वाला जितना बेचैन, उससे ज्यादा कहने वाला परेशान। एक ही बार
में सगरी कहानी सुन लेना, ऐसे और इतनी कि आगे वुफछ बचे ही नहीं, मन को मापिफक नहीं लगती।
विक्रमादित्य वेफ सिंहासन की पुतलियों की तरह किश्त-दर-किश्त कथा चलती रहे। पहले वेफ
नाना-नानियों-दादियों वेफ कथा-कथन वेफ अड्डे बन्द हो गये, लेकिन चाय की दुकानों में, दफ्रतरों की
पुफरसतों में, बसों आदि की घमासानों में, ऽेतों-ऽलिहानों में, जाने-अनजानों में यह महालीला चलती
रहती है। दरअसल, कथा हमारी परम्परा रही है। आप-बीती, परबीती सुनने-सुनाने का लोभ, मोह और
रोग छूटे नहीं छूटता। थवेफ-हारे मन को सान्त्वना यहीं से मिलती है। टूटे-बिऽरे हौसले इसी मुकाम पर
जुड़ पाते हैं। अगर यह सब हासिल न हो सवेफ तो समय गुजारने का खूबसूरत जरिया तो है ही। वुफल
ऽाली बातों का सौदा है। अपना क्या जाता है! संसार तो प्रभु चलाता है।
Vanmali Katha Magazine Description:
Utgiver: AISECT Publication
Kategori: Fiction
Språk: Hindi
Frekvens: Monthly
इतने कम समय में ‘वनमाली कथा’ को
लेखकों-पाठकों का जो स्नेह व सहयोग प्राप्त हुआ है, वह हमारे अनुमान व
अपेक्षा से कहीं अधिक है। इसवेफ लिए एक अदद धन्यवाद शब्द सर्वथा
अपर्याप्त है। आगे हमारा यही प्रयास रहेगा कि हम आपवेफ भरोसे को बनाये
रखते हुए अपने देशकाल का सृजनात्मक प्रतिनिधित्व करते रहें। नयी सदी की
नयी रचनाशीलता को प्रश्रय व प्रोत्साहन देना हमारा सर्वोपरि लक्ष्य है। हमारी
कोशिश रहेगी कि लोकतान्त्रिक मूल्यों की समावेशी पत्रिका वेफ रूप में हमारी
छवि पूर्ववत् प्रतिष्ठित रहे।
यह अंक अघोषित रूप से स्त्रा-रचनाशीलता पर वेफन्द्रित है। यह स्पष्ट कर
देना चाहिए कि स्त्रा-रचनाशीलता से हमारा आशय स्त्रा-विषयक रचनाशीलता
नहीं, यहाँ बस स्त्रा-लेखकों ;हालाँकि यह शब्द-युग्म अपनी संरचना में
निरर्थक है, इसवेफ प्रयोग को सहूलियत वेफ अर्थ में लिया जाएद्ध की रचनाओं
का सम्मिलन-भर है। हमारे समय में रचनाशील दस स्त्रा-लेखकों की
कहानियाँ और दस कवयित्रियों की कविताएँ इस अंक में दी जा रही हैं। हमें
प्रसन्नता है कि इस अंक वेफ लिए उषाकिरण खान, जया जादवानी, अल्पना
मिश्र, पंखुरी सिन्हा, विभा रानी, विनीता चौबे, ममता सिंह, इन्दिरा दाँगी और
वनमाली कथा उजला लोहिया ने अपनी कहानियाँ दीं। ‘कथाविश्व’ वेफ अन्तर्गत गत वर्ष
साहित्य वेफ क्षेत्रा में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रेंफच लेखिका एनी ऐर्नो की
कहानी दी जा रही है। इस कहानी का अनुवाद किया है युवा कवि-कथाकार
निशान्त उपाध्याय ने।
‘दस कविताएँ’ स्तम्भ वेफ अन्तर्गत हर बार की तरह किसी एक कवि की दस
कविताओं को न लेकर कविता वेफ प्रदेश में सृजनरत दस युवा कवयित्रियों की
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