Panchjanya - 29 January 2023Add to Favorites

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शौर्य महानाद के 75 वर्ष - पाञ्चजन्य की हीरक जयंती पर आमंत्रित अतिथियों ने ‘बात भारत की’ पर संवाद किया केंद्रीय मंत्री राज नाथ सिंह, निर्मला सीतारामन, अनुराग ठाकुर और ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा स्वामी अवधेशानंद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सुनील आम्बेकर एवं मुकुल कानितकर ने समारोह में अपने उद्गार व्यक्त किए।

राष्ट्रवादी विचार की अभिव्यक्ति है पाञ्चजन्य

पाञ्चजन्य के हीरक जयंती समारोह में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने उद्घाटन वक्तव्य में पाञ्चजन्य का अपनी यात्रा के 75 वर्ष पूरे करने को भारतीय पत्रकारिता जगत की एक महत्वपूर्ण घटना बताया। उन्होंने कहा कि अपने शुरुआती दिनों से ही तत्कालीन सरकार द्वारा बार-बार पाबंदी लगाए जाने के बावजूद पाञ्चजन्य ने अपना राष्ट्रवादी दर्शन बनाए रखा

राष्ट्रवादी विचार की अभिव्यक्ति है पाञ्चजन्य

10+ mins

हर नागरिक को नित्य देश सेवा में जुटना होगा

पाञ्चजन्य के हीरक जयंती कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने साफ कहा कि हमारे पर्वों में बाधा डालने वालों के विरुद्ध एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि देश को महान बनाना है तो हर नागरिक को नित्य देश सेवा में जुटना होगा। प्रस्तुत हैं सुनील आम्बेकर की हितेश शंकर से बातचीत के प्रमुख अंश

हर नागरिक को नित्य देश सेवा में जुटना होगा

10 mins

'135 करोड़ भारतीयों को एक करता है तिरंगा'

पाञ्चजन्य के हीरक जयंती समारोह में सूचना एवं प्रसारण और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि आज देश में खेल का बजट भी बढ़ाया गया है और उनका मनोबल भी बढ़ाया जा रहा है। कार्यक्रम में ऑर्गनाइजर के संपादक प्रफुल्ल केतकर और वरिष्ठ पत्रकार अनुराग पुनेठा ने अनुराग ठाकुर से बातचीत की। प्रस्तुत हैं वार्ता के प्रमुख अंश-

'135 करोड़ भारतीयों को एक करता है तिरंगा'

2 mins

'अब हर कोई भर सकता है उड़ान'

पाञ्चजन्य के हीरक जयंती समारोह में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि आज देश का विमानन बाजार तेजी से बढ़ रहा है। कार्यक्रम में पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर और वरिष्ठ पत्रकार अनुराग पुनेठा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से बातचीत की प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश-

'अब हर कोई भर सकता है उड़ान'

6 mins

भारत की असल शक्ति मानसिक और बौद्धिक

पाञ्चजन्य के हीरक जयंती समारोह में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि जो हिंदुस्तान का अनाज खाता है, हिंदुस्तान का पानी पीता है, उसको यह अधिकार है कि उसको हिंदू कहा जाए। उन्होंने किसी के विरुद्ध फतवा देने वालों को कुरान विरुद्ध ठहराते हुए कहा कि कुरान ने किसी इंसान को यह अधिकार दिया ही नहीं गया कि वह दूसरे के ईमान का फैसला कर सके

भारत की असल शक्ति मानसिक और बौद्धिक

4 mins

प्रश्न मुफ्त की रेवड़ी नहीं, उसे दे पाने का है

पाञ्चजन्य के 75 वर्ष पूरे होने पर हुए कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने विभिन्न ज्वलंत प्रश्नों के बेबाक उत्तर दिए। उन्होंने साफ कहा कि मुफ्त की रेवड़ी विषय नहीं है, विषय उसे दे पाने की क्षमता का है। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग की परेशानियां सरकार के ध्यान में हैं। प्रस्तुत है पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर और तृप्ति श्रीवास्तव के साथ निर्मला सीतारामन की बातचीत के संपादित अंश :-

प्रश्न मुफ्त की रेवड़ी नहीं, उसे दे पाने का है

8 mins

हम सबके तप से बनेगा भारत विश्वगुरु

भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संगठन मंत्री मुकुल कानिटकर ने विश्व की आर्थिक शक्ति बनने के लिए भारत को एक बार पुनः ज्ञानशक्ति बनना होगा। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को भारत को विश्वगुरु बनाने में समर्थ बताया। उन्होंने कहा कि नीति में बीज दे दिए गए हैं, अब समाज के सभी वर्गों को तप करके उन बीजों को पुष्पित-पल्लवित करना होगा

हम सबके तप से बनेगा भारत विश्वगुरु

7 mins

वैदिक स्वर और सनातन विचार है पाञ्चजन्य

पाञ्चजन्य के स्थापना दिवस कार्यक्रम का समापन जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी के आशीर्वचन से हुआ। इसके लिए वे विशेष रूप से दिल्ली पधारे। स्वामी जी के करकमलों से कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ और सायं को उन्होंने अपना उद्बोधन भी दिया। यहां उनके आशीर्वचन के संपादित स्वरूप को प्रकाशित किया जा रहा है

वैदिक स्वर और सनातन विचार है पाञ्चजन्य

5 mins

बीआरओ - दुर्गम इलाकों में साहसिक काम

देश के दुर्गम इलाकों में सीमा सड़क संगठन न केवल विकास की नींव रख रहा है, बल्कि सैन्य बलों को संचालन और क्रियान्वयन तंत्र उपलब्ध भी करवा रहा है

बीआरओ - दुर्गम इलाकों में साहसिक काम

4 mins

भविष्य की दृष्टि

पिछले कुछ समय से भारतीय सेना में इन्फैंट्री का कायापलट हो रहा है। थल सैनिकों के लिए न केवल अच्छी गुणवत्ता वाले बुलेटप्रूफ जैकेट खरीदे जा रहे हैं, बल्कि पुराने हथियारों की जगह उन्हें उन्नत हथियारों और तकनीक से भी लैस किया जा रहा है

भविष्य की दृष्टि

6 mins

Les alle historiene fra Panchjanya

Panchjanya Magazine Description:

UtgiverBharat Prakashan (Delhi) Limited

KategoriPolitics

SpråkHindi

FrekvensWeekly

स्वतंत्रता प्राप्ति के तुरन्त बाद 14 जनवरी, 1948 को मकर संक्राति के पावन पर्व पर अपने आवरण पृष्ठ पर भगवान श्रीकृष्ण के मुख से शंखनाद के साथ श्री अटल बिहारी वाजपेयी के संपादकत्व में 'पाञ्चजन्य' साप्ताहिक का अवतरण स्वाधीन भारत में स्वाधीनता आन्दोलन के प्रेरक आदशोंर् एवं राष्ट्रीय लक्ष्यों का स्मरण दिलाते रहने के संकल्प का उद्घोष ही था।

अटल जी के बाद 'पाञ्चजन्य' के सम्पादक पद को सुशोभित करने वालों की सूची में सर्वश्री राजीवलोचन अग्निहोत्री, ज्ञानेन्द्र सक्सेना, गिरीश चन्द्र मिश्र, महेन्द्र कुलश्रेष्ठ, तिलक सिंह परमार, यादव राव देशमुख, वचनेश त्रिपाठी, केवल रतन मलकानी, देवेन्द्र स्वरूप, दीनानाथ मिश्र, भानुप्रताप शुक्ल, रामशंकर अग्निहोत्री, प्रबाल मैत्र, तरुण विजय, बल्देव भाई शर्मा और हितेश शंकर जैसे नाम आते हैं। नाम बदले होंगे पर 'पाञ्चजन्य' की निष्ठा और स्वर में कभी कोई परिवर्तन नहीं आया, वे अविचल रहे।

किन्तु एक ऐसा नाम है जो इस सूची में कहीं नहीं है, परन्तु वह इस सूची के प्रत्येक नाम का प्रेरणा-स्रोत कहा जा सकता है जिसने सम्पादक के रूप में अपना नाम कभी नहीं छपवाया, किन्तु जिसकी कल्पना में से 'पाञ्चजन्य' का जन्म हुआ, वह नाम है पं. दीनदयाल उपाध्याय।

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