India Today Hindi - April 17, 2024Add to Favorites

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Highlights of India Today Hindi 17th April 2024, issue: 

बना दिया बात का बतंगड़

वास्तव में, भारतीय जनता पार्टी का मकसद कच्चातिवु को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाना है, और इसके जरिए खासकर विपक्षी गठबंधन के सहयोगियों द्रमुक और कांग्रेस पर निशाना साध उन्हें मुश्किल में डालना है

बना दिया बात का बतंगड़

6 mins

खुली से ज्यादा छिपी बेरोजगारी

भारत की विकास गाथा विरोधाभासों से भरी है. मानव विकास संस्थान (आइएचडी) और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आइएलओ) की ओर से संयुक्त रूप से प्रकाशित 'भारत रोजगार रिपोर्ट 2024' में पाया गया कि बेरोजगारी का ग्राफ जहां नीचे आ रहा है और श्रम बाजार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है, वहीं गुणवत्तापूर्ण और उत्पादक रोजगार की कमी चिंता बढ़ा रही है.

खुली से ज्यादा छिपी बेरोजगारी

3 mins

लाल को आखिरी सलाम!

साल 2023 में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच 22 मुठभेड़ हुई थीं तो वहीं 2024 में अब तक यह आंकड़ा 57 तक पहुंच चुका है

लाल को आखिरी सलाम!

3 mins

दावेदारों में कितना दम?

विपक्ष के लिए मुश्किलें अनेक, लेकिन सुनियोजित रणनीति और नैरेटिव के जरिए वह भाजपा की बेहिसाब आकांक्षाओं को रोकने में सक्षम हो सकता है

दावेदारों में कितना दम?

5 mins

"पहले से ही यहां अघोषित आपातकाल है"

इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के संयोजक के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक साझा नैरेटिव बनाने तथा सीट बंटवारे की व्यवस्था पर 26 पार्टियों में एकराय बनाने की बड़ी चुनौती है. 81 वर्षीय कांग्रेस अध्यक्ष को 2019 के लोकसभा चुनाव में 52 सीटों तक सिमटने के अपने निराशाजनक प्रदर्शन में भी सुधार करने के लिए ग्रैंड ओल्ड पार्टी को प्रोत्साहित करना होगा. खड़गे ने अपने व्यस्त कार्यक्रम में से वक्त निकालकर ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा और एग्जीक्यूटिव एडिटर कौशिक डेका से कई अहम चुनावी मुद्दों पर बातचीत की. पेश हैं उसके प्रमुख अंश:

"पहले से ही यहां अघोषित आपातकाल है"

10+ mins

गढ़ बचाने की कठिन चुनौती

मुरादाबाद और रामपुर लोकसभा सीट पर सपा उम्मीदवारों : को लेकर पार्टी के भीतर असंतोष. मुरादाबाद में आजम खान तो रामपुर में अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा दांव पर

गढ़ बचाने की कठिन चुनौती

8 mins

अपने अड़ंगों में फंसा इंडिया गठबंधन

मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए बने इंडिया गठबंधन की सबसे ज्यादा संभावनाएं शुरुआत में बिहार में नजर आ रही थीं लेकिन उम्मीदवारों की घोषणा का मौका आते-आते इसमें शामिल दल आपसी खींचतान में फंस गए

अपने अड़ंगों में फंसा इंडिया गठबंधन

7 mins

लड़ने से पहले ही डाल रहे हथियार

क्या राजस्थान में कांग्रेस ने जबरदस्ती दिए हैं टिकट? क्योंकि कई नेताओं ने चुनाव लड़ने से साफ मना कर दिया

लड़ने से पहले ही डाल रहे हथियार

5 mins

मॉलीवुड कूदा मैदान में

केरल से सियासी फलक पर फिल्मी सितारे भी जलवा दिखा रहे हैं. अपने मंसूबे पूरे करने के लिए भाजपा ने भी सितारों पर जताया भरोसा

मॉलीवुड कूदा मैदान में

3 mins

भाजपा का शाही दांव

शाही परिवार की एक सदस्य ने सियासत में पैर जमाने के लिए भगवा अपनाया और टीएमसी की आलोचना को न्योता दिया

भाजपा का शाही दांव

2 mins

भितरघात बनी बड़ी चुनौती

कम से कम छह सीटों पर भाजपा असंतुष्टों से घिरी. वजहें कई हैं जिनमें बाहरी लोगों को टिकट देने से लेकर मौजूदा सांसद का नाकारापन तक शामिल

भितरघात बनी बड़ी चुनौती

2 mins

महारथियों का महाभारत

दरअसल, विपक्ष मंच से नैतिकता की बड़ी-बड़ी बातें करते हुए कहीं ज्यादा शक्तिशाली सत्ता पक्ष को धूल चटाने की महत्वाकांक्षा जता रहा है, मगर उसके कदम उसके इरादों से मेल नहीं खाते. बड़े खिलाड़ी मैदान में उतरने से घबरा रहे हैं!

महारथियों का महाभारत

1 min

माफिया की मौत पर सवाल

बांदा जेल में सजा काट रहे मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत के बाद जेल प्रशासन पर उठ रही उंगलियां उत्तर प्रदेश में पिछले सात वर्ष में दस कुख्यात गैंगस्टरों की न्यायिक और पुलिस हिरासत में मौत हो चुकी है

माफिया की मौत पर सवाल

7 mins

"जलेबी सी स्वादिष्ट है फिजिक्स"

जहां सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं 2 अप्रैल को खत्म हुईं वहीं आइएससी और आइसीएसई बोर्ड के स्टूडेंट्स ने भी 3 अप्रैल को आखिरी पेपर लिखा. मगर बोर्ड इयर वाले छात्रों के लिए यह शायद ही आराम लेकर आया हो. जहां 12वीं के बाद छात्र तमाम कंपटिशन की तैयारी में जुट जाएंगे, वहीं 10वीं की परीक्षा दे चुके स्टूडेंट इस समय इस माथापच्ची के बीच होंगे कि 11वीं में आखिर कौन सा विषय लें. इस बीच इंडिया टुडे के असिस्टेंट एडिटर (डिजिटल) धनंजय कुमार की मुलाकात एक ऐसी शख्सियत से हुई जो नौवीं कक्षा में फेल हो गए थे, लेकिन फिर आइआइटी कानपुर में टॉपर बन वापसी की. उसी आइआइटी में 15 साल तक पढ़ाया और देश के बड़े परमाणु वैज्ञानिक बन गए. डॉ. हरीश चंद्र वर्मा, जिनकी किताबें 'कॉन्सेप्ट्स ऑफ फिजिक्स' और 'क्वांटम फिजिक्स' शायद ही किसी साइंस के स्टूडेंट ने न पढ़ी हों, को साल 2020 में फिजिक्स की दुनिया में अपने अपने योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया. छात्रों के बीच एचसीवी के नाम से मशहूर प्रोफेसर वर्मा ने बातचीत में भारतीय शिक्षा पद्धति और स्कूल सिस्टम, परीक्षा एवं फिजिक्स पढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की, कुछ अंश:

"जलेबी सी स्वादिष्ट है फिजिक्स"

2 mins

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