Jyotish Sagar - June 2023Add to Favorites

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I denne utgaven

Jyotish Sagar’s June, 2023 issue has been published now. List of some published articles is given here :

» New Venture of Jyotish Sagar® gotoastro.com
» Bezos gets Artemis mission contract from NASA
» The light of the eyes returns as soon as one bows down
» Kalsarp Dosh Shaman is done just by worshiping in Nag Vasuki temple!
» Now what do Virat's stars say?
» Congress victory in Karnataka: What do the stars of Rahul-Priyanka say?
» New star of Congress in Karnataka D.K. shivkumar
» An effective remedy for the prevention of Moolsangyak Nakshatra birth defects.
» Lagnesh, the provider of Rajyoga in Karma
» Planet in Pushkar Navamsha gives high success
» Science or a Dead Tradition : The Journey of Astrology from Vedas and Puranas to Artificial Intelligence
» Desperate Rajyoga brings success through struggles
» How to make accurate predictions: Sun placed in the eighth house of Pisces ascendant
» Negative Effects of Shani and its Remedies
» Empty life remained empty!
» Cow is the creator of fortune in numerology
» Anulom-Vilom and Bhastrika are the right way to purify the pulses.
» Special on International Day of Yoga (21 June 2023): Indian Sculpture and Yoga
» The symbol of power 'Goddess Durga'
» Why is the blessings of Kuldevi necessary?
» Rath Yatra of Puri symbolizing cultural unity
» Eleven things that make Jagannath Rath Yatra special...
» Kabir threaded the society in the thread of unity
» 'Ravanbhashya' of Rigveda

कर्नाटक में कांग्रेस की जीत - क्या कहते हैं राहुल-प्रियंका के सितारे?

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत की एक बड़ी वजह राहुल- प्रियंका दोनों की कड़ी मेहनत मानी जा रही है।

कर्नाटक में कांग्रेस की जीत - क्या कहते हैं राहुल-प्रियंका के सितारे?

1 min

कर्नाटक में कांग्रेस के नए सितारे डी.के.शिवकुमार

कर्नाटक में कांग्रेस की बड़ी जीत में जिन प्रमुख नेताओं की भूमिका अहम मानी जा रही है, उनमें डी.के. शिवकुमार भी शामिल हैं।

कर्नाटक में कांग्रेस के नए सितारे डी.के.शिवकुमार

3 mins

शक्ति का प्रतीक 'देवी दुर्गा'

यह उत्सव राजा कंसनारायण ने अपने क्षेत्र राजाशाही (बंगाल) प्रान्त के ताहिरपुर में आयोजित किया था। कहा जाता है कि तभी से दुर्गा पूजा को विशेष लोकप्रियता मिली। इनकी पूजा पद्धति को 'कंसनारायण पद्धति' कहा जाता है।

शक्ति का प्रतीक 'देवी दुर्गा'

6 mins

अनोखा भविष्यवक्ता!

कभी-कभी जीवन में ऐसी घटनाएँ घटित हो जाती हैं, जिन्हें देखकर हमें आश्चर्यचकित होना पड़ता है...

अनोखा भविष्यवक्ता!

2 mins

क्यों जरूरी है कुलदेवी का आशीर्वाद?

विषय बहुत महत्त्वपूर्ण है...

क्यों जरूरी है कुलदेवी का आशीर्वाद?

2 mins

नाड़ियों के शुद्धीकरण का सटीक तरीका है अनुलोम-विलोम एवं भस्त्रिका

इस प्राणायाम के अभ्यास से नाड़ियों का शुद्धीकरण होता है, अतः इसे नाड़ीशोधन इ कहते हैं।

नाड़ियों के शुद्धीकरण का सटीक तरीका है अनुलोम-विलोम एवं भस्त्रिका

3 mins

सांस्कृतिक एकता का प्रतीक पुरी की रथयात्रा

नारद ने ही श्रीभगवान् से प्रार्थना की कि हे भगवान् आप चारों के जिस महाभाव में लीन मूर्तिस्थ रूप में मैंने दर्शन किए हैं, वह सामान्यजनों के दर्शन हेतु पृथ्वी पर सदैव सुशोभित रहें और महाप्रभु ने 'तथास्तु' कह दिया।

सांस्कृतिक एकता का प्रतीक पुरी की रथयात्रा

5 mins

भारतीय मूर्तिकला और योग

भगवान् शिव एवं श्रीकृष्ण योग और योगियों के प्रधान योगाचार्य माने जाते हैं। योगी शिव को अपने भीतर देखते हैं, प्रतिमाओं को नहीं। प्रतिमा तो भावना करने के लिए निर्माण की गई है।

भारतीय मूर्तिकला और योग

3 mins

शनि के नकारात्मक प्रभाव और निवारण के उपाय

शनि के जन्मपत्रिका में नीच राशि में होने पर अथवा शनि की ढय्या अथवा साढ़ेसाती में शरीर में विशेषकर निचले हिस्से में (कमर से नीचे), हड्डी अथवा स्नायुतन्त्र से सम्बन्धित रोग हो जाते हैं।

शनि के नकारात्मक प्रभाव और निवारण के उपाय

2 mins

अतीत में सहेजा पर्यावरण संस्कार

अतीत सदैव वर्तमान की धड़कनों में रचा-बसा होता है। वर्तमान में अतीत (इतिहास) की असंख्य पुरातात्विक सामग्री एवं विरासतें अपने अप्रतिम वैभव के साथ अपने आँचल में पर्यावरण को करीने से संजोए हुए हैं।

अतीत में सहेजा पर्यावरण संस्कार

2 mins

कोरा जीवन कोरा ही रह गया!

अष्टमेश सूर्य का शनि-राहु द्वारा विशेष रूप से पीड़ित होना शारीरिक कष्ट और आत्महत्या की प्रवृत्ति का प्रबल संकेत भी दे रहा है। मरते समय रोहित बस यही कह रहा था 'कोरा जीवन, कोरा ही रह गया।'

कोरा जीवन कोरा ही रह गया!

2 mins

श्रीकालाहस्ती मन्दिर - यहाँ होती राहुकाल और कालसर्प की पूजा

तिरुपति शहर से करीब 35 कि.मी. दूर श्रीकालहस्ती गाँव में स्थित यह मन्दिर दक्षिण भारत में भगवान् शिव के तीर्थस्थलों में स्थित है।

श्रीकालाहस्ती मन्दिर - यहाँ होती राहुकाल और कालसर्प की पूजा

2 mins

Les alle historiene fra Jyotish Sagar

Jyotish Sagar Magazine Description:

UtgiverJyotish Sagar Private Limited

KategoriReligious & Spiritual

SpråkHindi

FrekvensMonthly

Jyotish Sagar is the most popular astrological monthly magazine in Hindi language. It is being published from March, 1997. This magazine covers most of branches of astrology like as : Classical Hindu Astrology, Modern Astrology, Krishnamurthi or KP Astrology, Jaimini Astrology, Career Astrology, Marriage Astrology, Medical Astrology, Remedial Astrology, Lal Kitab, Tajik or Annual Horoscopy, Palmistry, Numerology, Body Reading and Samudrik Shastra, Mundane Astrology, Electional or Muhurta Astrology, Vedic Astrology, Astrological Mathematics and Siddhant Jyotish or Hindu Astronomy etc. Detailed Panchanga (calendar), Monthly Ephemeris and Various type of Muhurta are also published in every issue. Monthly Horoscope (Rashiphal) and Tansitary Forecast are also attractive feature of Jyotish Sagar. Many permanent collums like as festival planner of the month, Ramcharitmans, Upanishad, Gita, Ravan Samhita, Puran Purush, Kabir Vaani, Chanakyodesh etc are other attractions of this magazine. Some articles are also published on Vastu, Tantra, Mantra and Yantra. Every year two Special issues on Deepavali are also published. More than four special issues are published per year.

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