Jyotish Sagar - September 2023
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Jyotish Sagar’s September, 2023 issue has been published now. This issue is based on "Ganesh Chaturthi".
» New Venture of Jyotish Sagar® gotoastro.com
» India's steps on the moon...: 'I have reached my destination and you too...'
» Supernatural powers reside on trees
» Complete information of Rudraksh
» Great philosopher, educationist and efficient administrator: Dr. Radhakrishnan
» If you want to get rid of debt then do these simple steps
» It is our moral duty to respect our ancestors
» Learn the secret of karma hidden in the horoscope!
» Cruelty of Karma Shakti, Opposite of Fate and Destroyed Life
» The secret of livelihood
» Shani will tell whether he will do the job or get it done
» Is birth in Moolsangyak Nakshatra the result of inauspicious deeds?
» How to make accurate predictions (Part-194): Results of Venus and Saturn in the eighth house of Pisces ascendant
» Uttarakalamrit: Prathamkand Fourth section: - Grahabhavafalkhand: Pada-Arudha and Uppada
» Theory of Karma and Astrology
» Reasons for Pitridosh located in the horoscope
» The role of architectural defects in the violence happening in Manipur!
» There are architectural defects of the studio: Nitin Desai's suicide reason!
» How is the bedroom?
» Shri Ganeshpancharatnam
» God of life management: Shri Ganesh
» Shri Ganesh in Puranas
» Yada Yada Hi Dharmasya Glanirbhavati Bharat...
» Radha is the divine light!
» Challenge to Shri Krishna!
» Know Krishna's form through symbols
» Painting of Radha-Krishna in Gita-Govinda
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ...
वसुदेव 'विशुद्ध चित्त' और देवकी 'निष्काम बुद्धि' थीं। ये दोनों मिलते हैं, तभी तो भगवान् का जन्म होता है।
4 mins
चाँद पर भारत के कदम ...'मैं अपनी मंजिल पर पहुँच गया और आप भी...'
यह संदेश चाँद से आया है और भेजने वाला है भारत के चन्द्रयान-3 मिशन का ‘विक्रम लैंडर'। 23 अगस्त, 2023 को चन्द्रमा की सतह पर पहुँचने के बाद उसने यह संदेश भेजा और उसके साथ ही चाँद की सतह की एक तस्वीर भी भेजी।
4 mins
दिव्य ज्योति है राधा!
भक्ति, प्रेम और रस की त्रिवेणी जब हृदय में बहने लगती है तो मन 'तीर्थ' बन जाता है। मन में जगे इस महाभाव को ही 'राधाभाव' कहते हैं। श्रीकृष्ण जिनके लिए परम आराध्य हैं। जो भक्त उन्हें अपना सर्वस्व मानते हैं उनके लिए श्रीकृष्ण ही आनंद का मूर्तिमान स्वरूप है और उनके प्रति प्रेम की सर्वोच्च अवस्था ही 'राधाभाव' है।
2 mins
जानें कुण्डली में छिपा कर्म रहस्य!
गलत कर्मों को करने से मनुष्य को डरना चाहिए, क्योंकि यदि नहीं डरें और गलत कर्म किए, तो यही कर्मा जब मनुष्य को पीड़ित करेगा, तो वह बड़ी भय वाली स्थिति होगी और फिर कर्ज का वह भोग लाचारी के साथ करना ही होगा।
4 mins
मणिपुर में हो रही हिंसा में वास्तुदोषों की भूमिका!
आग्नेय कोण में नीचाई हो, तो शत्रुओं से कष्ट होता है और विवाद होते हैं। मणिपुर एक अण्डाकार घाटी में स्थित है, इस भौगोलिक स्थिति के कारण मणिपुर में गरीबी है और यहाँ के लोगों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
2 mins
जब राधा जी ने दी श्रीकृष्ण को चुनौती!
जब भक्त को अपने भगवान् के सिवाय और कुछ नहीं दिखाई देता, जब उसे अपने भगवान् से इतना प्रेम हो जाता है कि उसे अपना भी भान नहीं रहता कि वह कौन है? तब वह अपने असली स्वरूप को ही भूल जाता है। ऐसा ही एक बार राधा जी के साथ भी हुआ।
3 mins
प्रतीकों से जानिए कृष्ण स्वरूप
बाँसुरी अथवा मुरली के बिना कृष्ण की कल्पना नहीं की जा सकती। इसी तरह कृष्ण का मोर मुकुट, गायें, माखन के प्रति उनका लगाव, नृत्य और रास उनके व्यक्तित्व से जुड़े हैं।
2 mins
स्टूडियो के वास्तुदोष भी हैं नितिन देसाई की सुसाइड कारण!
वास्तुदोषों के कारण ही एन. डी. स्टूडियो जब से बना, तभी से ही नुकसान में चल रहा था। ज्यों-ज्यों स्टूडियो में नये-नये फ्लोर बनते गये, त्यों-त्यों नुकसान घटने की जगह बढ़ता ही गया।
3 mins
मूलसंज्ञक नक्षत्र में जन्म कहीं अशुभ कर्मों का फल तो नहीं
कोई वृन्दावन में प्रथम बार आते ही भक्ति पा जाता है और कोई 15 वर्षों से वहाँ रह रहा है, तब भी उसे भक्ति नहीं मिल पाती है, क्योंकि सबके कर्म अलग-अलग हैं और फल भी अलग-अलग प्रकार से प्राप्त होते हैं।
4 mins
वृक्षों पर होता है अलौकिक शक्तियों का निवास
एक धार्मिक विधि सम्पन्न हो रही थी। वृद्धा ने आशीर्वाद दिया 'घर में लक्ष्मी का निवास हो, वंश को केले के पेड़ के अनुसार फूल दो, दूर्वांकर के समान वंश विस्तार हो, वट-वृक्ष एवं पीपल के समान तपस्वी बनकर सबको छाया का सुख दो।'
5 mins
महान् दार्शनिक, शिक्षाविद् और कुशल प्रशासक डॉ. राधाकृष्णन
डॉ. राधाकृष्णन प्रेरक, मनस्वी और उदात्त शिक्षक के रूप में सदैव व्यक्ति, समाज, राष्ट्र की चेतना को 'सत्यम्, शिवम्, सुन्दरम्' सिद्धि के लिए स्पन्दित करते रहे। वास्तव में आज मानव को उन जैसे ही स्वभाव की आवश्यकता है।
2 mins
शुक्र एवं शनि का फल
कैसे करें सटीक फलादेश (भाग-194) मीन लग्न के अष्टम भाव में स्थित
7 mins
श्रीगणेशपञ्चरत्नम्
आद्य शंकराचार्य ने भगवान् गणेश की स्तुति हेतु 'श्रीगणेशपञ्चरत्नम्’ नामक सुन्दर स्तोत्र की रचना की। इस स्तोत्र में छह पद हैं। अन्तिम पद में फलश्रुति का वर्णन करते हुए कहा गया है कि प्रतिदिन इस स्तोत्र का प्रात:काल पाठ करने पर आरोग्य, निर्दोषत्व, सत्साहित्य में उपलब्धि, सुपुत्र लाभ, लम्बी आयु और आठों विभूतियाँ प्राप्त हो जाती हैं। इसी कारण इस स्तोत्र का पाठ विद्यार्थियों, कलाविदों, साहित्यकारों, विद्वानों, शिक्षकों, लेखकों आदि को करने की सलाह दी जाती है।
2 mins
जीवन प्रबन्धन के देवता श्रीगणेश!
भारत में आदिकाल से ही गणेश पूजा की परम्परा चली आ रही है। कोई भी शुभ कार्य श्रीगणेश पूजन से ही आरम्भ होता है। चाहे वह विवाह हो अथवा भवन निर्माण आदि।
2 mins
Jyotish Sagar Magazine Description:
Utgiver: Jyotish Sagar Private Limited
Kategori: Religious & Spiritual
Språk: Hindi
Frekvens: Monthly
Jyotish Sagar is the most popular astrological monthly magazine in Hindi language. It is being published from March, 1997. This magazine covers most of branches of astrology like as : Classical Hindu Astrology, Modern Astrology, Krishnamurthi or KP Astrology, Jaimini Astrology, Career Astrology, Marriage Astrology, Medical Astrology, Remedial Astrology, Lal Kitab, Tajik or Annual Horoscopy, Palmistry, Numerology, Body Reading and Samudrik Shastra, Mundane Astrology, Electional or Muhurta Astrology, Vedic Astrology, Astrological Mathematics and Siddhant Jyotish or Hindu Astronomy etc. Detailed Panchanga (calendar), Monthly Ephemeris and Various type of Muhurta are also published in every issue. Monthly Horoscope (Rashiphal) and Tansitary Forecast are also attractive feature of Jyotish Sagar. Many permanent collums like as festival planner of the month, Ramcharitmans, Upanishad, Gita, Ravan Samhita, Puran Purush, Kabir Vaani, Chanakyodesh etc are other attractions of this magazine. Some articles are also published on Vastu, Tantra, Mantra and Yantra. Every year two Special issues on Deepavali are also published. More than four special issues are published per year.
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