Modern Kheti - Hindi - 15th February 2023Add to Favorites

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Agricultural Special issue

पहली बार देसी नस्ल की 4 गायों की हुई जीनोम सिक्वेंसिंग

भारत में देसी गाय पालन का चलन बढ़ता जा रहा है। प्राकृतिक खेती से लेकर दूध उत्पादन तक देसी गाय को काफी प्रमोट किया जा रहा है।

पहली बार देसी नस्ल की 4 गायों की हुई जीनोम सिक्वेंसिंग

1 min

जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए किसानों को सतत मूल्य श्रृंखलाओं की जरूरत

कृषि और भोजन की मजबूत मूल्य श्रंखलाएं नियमित व्यापारिक संबंध और अच्छी कृषि आय सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए किसानों को सतत मूल्य श्रृंखलाओं की जरूरत

2 mins

टमाटर और बैंगन लगेंगे एक ही पौधे पर

ग्राफ्टिंग विधि के जरिए एक नए तरह के पौधे का आविष्कार किया गया है, जिसे ब्रिमेटो नाम दिया है। इस पौधे में एक साथ टमाटर और बैंगन पैदा होंगे। ये कारनामा यहां के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. अनंत बहादुर ने ग्राफ्टिंग विधि द्वारा किया। खास बात ये है कि पौधा एक ही होगा, लेकिन इसकी शाखाओं में टमाटर और बैंगन एक साथ लगेंगे।

टमाटर और बैंगन लगेंगे एक ही पौधे पर

1 min

गन्ने के अपशिष्ट से चीनी का विकल्प तैयार करने की नई तकनीक

आईआईटी गुवाहाटी के शोधकर्ताओं ने दो दृष्टिकोणों का उपयोग किया है। सबसे पहले, उन्होंने गन्ने की खोई, गन्ने से रस निकालने के बाद उत्पन्न होने वाले अपशिष्ट रेशेदार पदार्थ, को कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल किया। यह 'जाइलिटोल' संश्लेषण की वर्तमान विधियों की लागत को कम करने में मददगार है और अपशिष्ट उत्पाद को पुनः उपयोग करने की एक विधि प्रदान करता है।

गन्ने के अपशिष्ट से चीनी का विकल्प तैयार करने की नई तकनीक

2 mins

शीतलहर (सर्दी) से पशुओं को बचाने के लिए पशुपालकों को सलाह

शीत ऋतु में पशुओं को राशन में बाजरा कम मात्रा में खिलाना चाहिए क्योंकि सर्दी की ऋतु में बाजरे का पाचन कम होता है। इसलिए बाजरा किसी भी संतुलित आहार में 20% से अधिक नहीं होना चाहिए। रात के समय में पशुओं को सूखा चारा आहार के रूप में उपलब्ध कराएं।

शीतलहर (सर्दी) से पशुओं को बचाने के लिए पशुपालकों को सलाह

2 mins

अरंडी की खेती - किस्में, देखभाल और पैदावार

अरंडी वानस्पतिक तेल प्रदान करने वाली खरीफ की एक मुख्य व्यवसायिक फसल है।

अरंडी की खेती - किस्में, देखभाल और पैदावार

2 mins

ग्रामीण जनसंख्या को कृषि उद्यम के द्वारा शक्ति प्रदान करना

भारतीय कृषि को पुनः सुरजीत करने एवं इसको और आकर्षक एवं लाभदायक उद्यम बनाने के लिए कृषि को कृषि व्यवसाय में बदलना महत्वपूर्ण है। कृषि उद्यम देश में आमदनी एवं रोजगार के मौके पैदा करने, गरीबी घटाने एवं सेहत, पोषण एवं संपूर्ण भोजन सुरक्षा में सुधारों समेत अलग-अलग तरह के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में हिस्सा डालने की और ज्यादा संभावना रखता है। यह ग्रामीण क्षेत्रों में शानदार उद्यमी मौके प्रदान करता है।

ग्रामीण जनसंख्या को कृषि उद्यम के द्वारा शक्ति प्रदान करना

4 mins

लंपी त्वचा रोग: लक्षण एवं बचाव

लंपी त्वचा रोग घरेलू मवेशियों और एशियाई भैंसों का एक वेक्टर जनित चेचक रोग है और त्वचा की गांठें इसकी विशेषता है।

लंपी त्वचा रोग: लक्षण एवं बचाव

3 mins

मल्चिंग और ड्रिप के इस्तेमाल से खरपतवार का प्रबंधन

कृषि की शुरुआत से ही, किसानों ने अपने खेतों में खरपतवारों के प्रबंधन के लिए संघर्ष किया है।

मल्चिंग और ड्रिप के इस्तेमाल से खरपतवार का प्रबंधन

3 mins

आवश्यक तेलों का निष्कर्षण: सफेदा का तेल

मानव जाति उपचार के लिए हजारों वर्षों से पौधों और पेड़ों का उपयोग कर रही है और यह वही प्रक्रिया है कि हम औषधीय घटक के लिए इस आवश्यक तेलों का उपयोग करते हैं।

आवश्यक तेलों का निष्कर्षण: सफेदा का तेल

2 mins

Les alle historiene fra Modern Kheti - Hindi

Modern Kheti - Hindi Magazine Description:

UtgiverMehram Publications

KategoriBusiness

SpråkHindi

FrekvensFortnightly

Modern Kheti, as the name indicates, relates to the modern agricultural techniques; conservative and cash crops, allied professions and farm machinery through training programs or upcoming events on a national and international level. Introduced in 1987, it is the leading and most widely read agriculture based magazine throughout Northern India. Punjab and Haryana, extensively known as the food grain basket of India, has in almost every household Modern Kheti, as it caters to every aspect of farming like growing of seasonal crops, their problems & solutions, conservative and cash crop farming. It also covers – fishery, poultry dairy, bee keeping, floriculture, horticulture etc. The main aim of Modern Kheti is to keep up the spirit of farming, bond different regions and help agriculture grow. It inspires the youth to take up agriculture as farming with a lot of emphasis on organic and profitable farming. It keeps in mind the health and prosperity of all i.e. taking mankind and nature together. It is published Fortnightly in Punjabi and Hindi and covers the whole of Punjab, Haryana, Rajasthan, Himachal Pradesh, Uttaranchal etc. It is undoubtedly one of the best mediums trying to provide healthy information.

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