Gambhir Samachar - November 01, 2022Add to Favorites

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युवा जज्बे की मिसाल है ऋषि सुनक!

किसने सोचा था एक भारतीय मात्र बयालीस साल की युवा उम्र में ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनेगा? निःसंदेह ऐतिहासिक पल है, गौरव की बात है उनके लिए और साथ ही भारत राष्ट्र को भी गौरवान्वित किया है उन्होंने. इस होनी ने एक और बात भी साफ़ कर दी है कि किसी प्रजातंत्र में देश के नागरिक को उसके विदेशी मूल के होने की बिना पर कार्यपालिका के उच्चतम पद से वंचित किए जाने की सोच ही बेमानी है. हां, योग्यता अपेक्षित है. इसी तारतम्य में ज़िक्र बनता है सोनिया गांधी का जिन्हें प्रधानमंत्री बनाना तब संभव नहीं हुआ था उनके इटैलियन मूल की होने की वजह से.

युवा जज्बे की मिसाल है ऋषि सुनक!

4 mins

दुनिया के सात देश, जिनकी कमान है भारतवंशियों के पास

भारतीय मूल के ब्रितानी सांसद ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने. दुनिया भर के नेताओं में इसे लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है.

दुनिया के सात देश, जिनकी कमान है भारतवंशियों के पास

4 mins

मोदी के अश्वमेधी घोड़े के सारथी अमित शाह

सियासत और शतरंज हर किसी को समझ में नहीं आता, दोनों में काफी समानताएं हैं. जैसे शतरंज में सैनिक से लेकर हाथी, घोड़ा, वजीर और राजा समेत कई किरदार होते हैं वैसे ही सियासत में भी कई किरदार होते हैं. कहते हैं सियासत करना शतरंज खेलने से ज्यादा मुश्किल होता है और उतना ही खतरनाक देश के मौजूदा गृहमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता अमित शाह शतरंज के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं. जाहिर है शह और मात के खेल का उनका तजुर्बा सियासत में भी दिख जाता है. उनकी सियासत कैसी है, ये देश की तमाम विपक्षी पार्टियों से बेहतर कोई नहीं बता सकता. जब से केन्द्र की राजनीति में आए हैं तब से लगता है समूचे विपक्ष ने या तो समाधी ले ली है या फिर घर बैठे सत्ता में आने का इंतजार कर रही है. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी का क्या हाल है ये किसी को बताने की जरूरत नहीं है और इन सब के पीछे कौन है ये भी किसी को बताने वाली बात नही है.

मोदी के अश्वमेधी घोड़े के सारथी अमित शाह

7 mins

1962 की जंग

भारत वापस लेगा चीन से अपनी जमीन

1962 की जंग

4 mins

शाह के फैसले समर्थकों तक को भी हैरत में डालते हैं

गृह मंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल के दो प्रमुख आयाम देखने को मिले हैं. पहला, देश में शांति और स्थिरता और वर्षों से उपेक्षित मुद्दों को प्राथमिकता के साथ हल करना.

शाह के फैसले समर्थकों तक को भी हैरत में डालते हैं

5 mins

मोदी के अयोध्या दौरे से और प्रखर होगा हिन्दुत्व

आदर्श शासन स्थापित करने की प्रेरणा हमें रामराज्य के बारें अध्ययन प्रदान करता है. दीपोत्सव के माध्यम से यहां की संस्कृति में समाहित आदर्श, मर्यादा व अनुशासन से पूरे विश्व को अवगत कराने का कार्य यूपी सरकार ने किया है तो इससे किसी को दुखी या परेशान नहीं होना चाहिए.

मोदी के अयोध्या दौरे से और प्रखर होगा हिन्दुत्व

5 mins

सोनिया को ये उम्मीद राहुल की तरह खड़गे निराश नहीं करेंगे!

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यभार संभाल लिया है, और इसके साथ ही उनका ट्विटर बॉयो भी बदल गया है - अध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी. बधाई तो अध्यक्ष बनने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे को भी बनती है, लेकिन बधाई के असली पात्र राहुल गांधी हैं, जिनके अपनी जिद पर अड़े रहने के कारण ही ये संभव हो पाया है.

सोनिया को ये उम्मीद राहुल की तरह खड़गे निराश नहीं करेंगे!

7 mins

नीतीश की कमजोर कड़ी है पाला बदलना

प्रशांत किशोर को अपनी राजनीति चमकाने के लिए नीतीश कुमार की सख्त जरूरत है. चुनाव कैंपेन के जरिये शोहरत हासिल करने वाले प्रशांत किशोर को मीडिया की सुर्खियों में बने रहना अच्छी तरह आता है. जो काम अब तक वो अपने क्लाइंट के लिए किया करते थे, वही तरीका फिलहाल अपने लिए आजमा रहे हैं - और बड़े आराम से उनको अपने हिस्से की कामयाबी मिल भी रही है.

नीतीश की कमजोर कड़ी है पाला बदलना

7 mins

कूड़े के पहाड़ पर अचानक इतना क्यों भडके केजरीवाल?

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने छठ पूजा की तैयारियों पर अरविंद केजरीवाल को भ्रामक और अपरिपक्व प्रचार से बचने की नसीहत दी है. दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने बीते हफ्ते एक ट्वीट कर यमुना के सभी घाटों पर छठ पूजा मनाए जाने का ऐलान किया था. लेकिन, उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने यह साफ कर दिया कि छठ पूजा केवल तय घाटों पर ही की जाएगी. बता दें कि दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल को छठ पूजा मनाने वाले प्रस्ताव में 1100 घाटों का ही जिक्र किया था. जबकि, केजरीवाल ने यमुना के सभी घाटों पर पूजा का ऐलान कर दिया था.

कूड़े के पहाड़ पर अचानक इतना क्यों भडके केजरीवाल?

2 mins

अर्थ-व्यवस्था को पटरी पर लाएगी खेती किसानी

लोगों की एकमात्र आवश्यकता रसोई की सामग्री की उपलब्धता रही और इसमें सरकार पूरी तरह से सफल रही. आज अर्थशास्त्री एक बार फिर यह कहने लगे हैं कि यदि अर्थ व्यवस्था को उबारना है तो इसके लिए कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान देना होगा. सरकार भी अब कृषि क्षेत्र पर खास ध्यान देने लगी है. यही कारण है कि लॉकडाउन के बाद अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जो पैकेजों का दौर चला उसमें कृषि को खास महत्व दिया गया.

अर्थ-व्यवस्था को पटरी पर लाएगी खेती किसानी

4 mins

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UtgiverMohta Publishing

KategoriNews

SpråkHindi

FrekvensFortnightly

Gambhir Samachar is a News & Education magazine which cover the day to day political as well as cultural affairs of India

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