Kendra Bharati - केन्द्र भारती - December 2022
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This issue is about brave children
धर्महित समर्पित वीर गुरु पुत्रों की गौरव गाथा
२६ दिसम्बर वीर बाल दिवस पर विशेष
5 mins
वीर बालक बिशन सिंह कूका
देशधर्म पर बलि हो जाना बचपन से जो सीख चुके। अत्याचार - क्रूरता - पशुता झेल गए पर नहीं झुके।।
3 mins
वीर बालक विनायक सावरकर
महाराष्ट्र के नासिक जिले के गांव भगुर में धर्मपरायण एवं देशभक्त परिवार रहता था। उस परिवार के मुखिया थे दामोदर पंत सावरकर और उनकी पत्नी राधाबाई सावरकर। उनके तीन पुत्र एवं एक पुत्री थी।
4 mins
वीर बालक केशव
पुण्यभूमि भारत पर असंख्य जन्मजात राष्ट्रभक्तों का जन्म हुआ जिन्होंने अपने शौर्य, पराक्रम, मातृभक्ति, राष्ट्रीयता तथा बुद्धि चातुर्य से राष्ट्रविरोधियों को न मात्र अचम्भित ही किया वरन उनके अत्याचारों का प्रतिकार कर समाज में व्याप्त उनके भय को समाप्त कर सुनहरे भविष्य की छवि भी प्रस्तुत की। ऐसे ही एक वीर बालक थे केशव।
4 mins
स्वातंत्र्य समर के गुमनाम बालवीर
सन १८५७ से आरम्भ हुए भारत की स्वाधीनता के संघर्ष में जहाँ चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिंह, सुभाषचन्द्र बोस, लाला लाजपतराय, रानी लक्ष्मीबाई, ठाकुर खुशालसिंह जैसे अनेक महानायकों ने 'वन्दे मातरम्' कहते हुए भारतमाता के चरणों में अपने प्राण न्योछावर कर दिये, वहीं अनेक बालवीर भी मातृभूमि की आजादी को अपना लक्ष्य बनाकर स्वातंत्र्य समर में कूद पड़े।
8 mins
वीर बालिका काली बाई
राजस्थान को वीरों की धरती भी कहा जाता है। लेकिन यहाँ केवल वीर पुरुष ही पैदा नहीं हुए बल्कि वीर बालिकाएं भी जन्मी थीं। ऐसी ही एक वीर गुरुभक्त बालिका के बारे में बताते हैं जिसे आधुनिक युग का एकलव्य कहा जाता है। इस भील बालिका का नाम है‘काली बाई कलासुआ'।
5 mins
बहादुर बालक शिवाजी
माता जीजाबाई ने नन्हें बालक शिवाजी को रामायण में से लव कुश की कहानी सुनाकर पूछा, “क्यों बेटा, यह कहानी तुझे कैसी लगी?”
2 mins
मेरा नाम आजाद
प्रसंग नाट्य
4 mins
वीर बालिका कनकलता
कनकलता का जन्म सन् १६२४ के दिसम्बर माह में तेजपुर जिला छयद्वार में हुआ था। उनके पिता का नाम घनकान्त बरुवा था। उनकी माँ के देहान्त के बाद कनकलता की देखभाल उनकी मौसी और नानी ने की थी।
2 mins
वीर बालिका मैना
१८५७ की क्रान्ति में अनेक हुतात्माओं ने अपने आपको मातृभूमि की बलिवेदी पर स्वतंत्रता के लिए बलिदान कर दिया। इनमें बड़े, बूढ़, नौजवान, प्रौढ़, बच्चे, स्त्री-पुरुष सभी आते हैं। राजा, महाराजा, किसान, मजदूर, सिपाही, कामगार, सभी वर्गों के लोगों ने मातृभूमि के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया।
2 mins
खुदीराम बोस का पराक्रम
खुदीराम का जन्म ३ दिसम्बर, १८८६ को मिदनापुर जिले के हबीबपुर गांव में हुआ था।
10+ mins
वीर बालक एकनाथ
“मैं जो चाहता हूँ, वह है लोहे की मांसपेशियाँ और फौलाद की स्नायु (नसें), जिनके भीतर ऐसा मन वास करता हो जो कि वज्र के समान पदार्थ का बना हो। बल, पुरुषार्थ, क्षात्रवीर्य और ब्रह्मतेज ।” स्वामी विवेकानन्द की भारत के युवाओं से यही अपेक्षा थी। वे कहते थे, “बल ही जीवन है; दुर्बलता ही मृत्यु”। विवेकानन्द केन्द्र के संस्थापक माननीय श्री एकनाथजी रानडे का जीवन स्वामीजी के इस सन्देश का प्रकटीकरण है। बाल्यकाल से ही एकनाथजी के जीवन में 'लोहे की मांसपेशियाँ, फौलाद की नसें तथा वज्र समान मन' का दर्शन होता है। बचपन में उनको 'नाथ' कहकर बुलाया जाता था।
3 mins
धैर्य
लंदन के 'इण्डिया हाउस' भवन में इस समय सन्नाटा खिंचा हुआ था। भारतमाता को गुलामी से मुक्त कराने का सपना देखने वाले कई क्रांतिकारी उस बड़े कक्ष में उपस्थित थे। सबकी दृष्टि उस १६ वर्ष के तरुण पर थी जो दिखने में किसी धनी परिवार के राजकुमार जैसा लग रहा था।
2 mins
नन्हा सैनिक
( वीर बालक पर आधारित बाल कहानी )
3 mins
Kendra Bharati - केन्द्र भारती Magazine Description:
Utgiver: Vivekananda Kendra
Kategori: Religious & Spiritual
Språk: Hindi
Frekvens: Monthly
विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की सांस्कृतिक मासिक हिन्दी पत्रिका "केन्द्र भारती"
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