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चुनाव बीता, नशा हुआ बेलौस
हर चुनाव में नशा मुद्दा बनता है, मगर उसके बाद कुछ तबादलों से कर्मकांड पूरा हो जाता है और नशे का तांडव बढ़ता जाता है
एक रिहाई सौ सवाल
विकिलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज चौदह साल के वनवास के बाद मुक्त होकर घर पहुंच गए हैं, लेकिन उनके किए और कहे से हमने कुछ सीखा है क्या?
हुआ क्या है हिंदी को
बड़ा प्रश्न यह है कि जगह का अकाल विचारों को हिंदी में ही क्यों झेलना पड़ा
इंसानी तबाही का सामाजिक दस्तावेज
छह खंडों में छपी करीब सवा दो सौ पन्नों की इस किताब में प्रकाशित लेख हमारे समय और भविष्य का दस्तावेज हैं
देसी रोनॉल्डो की विदाई
गेंद को छकाते हुए मैदान के उस पार ले जाकर छेत्री ने भारत में फुटबॉल को रोमांचकारी बनाया
कान में मंथन
यह सिर्फ प्रचारात्मक फिल्म नहीं बल्कि शोषण को खत्म करने की सरकारी पहल की मुश्किलों को सामने लाती है
'इस अल्पमत सरकार की मियाद एक-दो साल से ज्यादा नहीं'
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को यह श्रेय बदस्तूर जाता है कि उनके नेतृत्व में देश की सबसे पुरानी पार्टी में नया जोश-जज्बा उभरा और चुनावी प्रदर्शन दोगुना हो गया।
मोदी से मोहभंग!
अब लड़ाई सत्ता बचाने या गंवाने से कहीं आगे निकली, संघ और सरकार में घमासान के आसार
चौतरफा चुनौतियां
अपने समूचे राजनीतिक करियर के दौरान नरेंद्र मोदी एकतरफा बहुमत की सरकारें चलाने के आदी रहे हैं, ऐसे में गठबंधन की सरकार की राह उनके लिए कई चुनौतियां लेकर आई है, तिस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भौंह तनी हुई दिखती है, तो विपक्ष पहले से कहीं ज्यादा मजबूत
नई सरकार, पुरानी 'लीक'
सरकार कमजोर हो चाहे मजबूत, परचे लीक होना शाश्वत सच बन चुका है, केंद्र में नई सरकार बनते ही नीट-यूजी के घोटाले का साया उसके सिर पर है और लाखों युवाओं की मेहनत दांव पर
खानदान खारिज
बारामुला में इंजीनियर राशिद की जीत और उमर तथा महबूबा की हार के मायने
आदिवासी झटका
झारखंड आदिवासियों के भाजपा से विमुख होने का अहम क्षेत्र बनकर उभरा और 2024 का जनादेश अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर भाजपा के सफाए का फैसला सुना गया।
तीन दशक बाद गर्म हवा
जनादेश 2024 सरहदी सूबे पंजाब में सत्ता विरोध और संघवाद का एक अलग स्वरूप लेकर आया है।
नई सियासी पौध
राजनीति के राष्ट्रीय मंच पर फिलहाल तो पुराने चेहरे ही नमूदार हैं। नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार, मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार, शिवराज सिंह चौहान और ऐसे ही तमाम परिचित चेहरों में अब भी इतनी ताकत बच रही है कि वे हमारे सामूहिक जीवन और संवैधानिक व्यवस्थाओं का कबाड़ा कर सकें, लेकिन इतना भी निराश होने की जरूरत नहीं है।
उत्तर नहीं, मैं प्रश्न हूं...
आम चुनाव के नतीजों में भाजपा के बहुमत से चूक जाने का सबसे बड़ा कारण अकेले उत्तर प्रदेश है, पर ऐसा हुआ कैसे
रोमांच चला अमेरिका
भारत-पाकिस्तान का मैच दुनिया के किसी भी कोने में हो, दर्शकों के लिए रोमांच की सामग्री हमेशा तैयार रहती है
कदम दर कदम भारत
प्रतिष्ठित कान फिल्म महोत्सव में देश की तरक्की की यात्रा अभूतपूर्व और अविस्मरणीय रही है
पुराने हुए 'नवीन'
ढलती उम्र और बाहरी को सत्ता सौंपने की अफवाहों की कीमत
जोड़तोड़ का जवाब वोट से
भाजपा की हरकतों से आजिज मतदाताओं का जनादेश
आगे के लिए संदेश
देश की आबादी के बड़े हिस्से ने सत्ता पक्ष की जगह विपक्ष को अपने हितों की जिम्मेदारी सौंपी है
मुद्दों की झंडाबरदारी
कांग्रेस और खासकर राहुल गांधी ने जमीनी मुद्दों के आक्रामक अभियान के जरिये चुनाव को बदला, पार्टी के कायाकल्प की कितनी संभावनाएं?
कड़क मृदुभाषी
धमक के साथ आंध्र प्रदेश की सत्ता में लौटे तेलुगुदेशम के मुखिया चंद्रबाबू नायडू राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी
नीम और शहद
नीतीश कुमार के राजनीतिक पलटाव का अतीत ऐसा है जो सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों में बराबर उम्मीद जगाता है
जनादेश सब पर भारी
आम चुनाव 2024 ने अठारहवीं लोकसभा की तस्वीर बदली, हर राज्य ने अपने मुद्दे तय किए और सभी राजनैतिक पार्टियों को अलग संदेश दिए, किसी एक को बहुमत के बदले गठबंधन से संतुलन साधने पर जोर
ममता का किला बरकरार
तमाम दुश्वारियों, दुष्प्रचार से निकल कर हासिल की जीत
दोहरी विरासत का पतन
घाटी ने इस बार दो दिग्गजों को दिखाया बाहर का रास्ता
आदिवासी आक्रोश
इंडिया गठबंधन ने अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सभी पांच सीटों से भाजपा को बेदखल कर दिया
ढह गया किला
सभी सीटों पर भगवा पार्टी का कब्जा, कांग्रेस का दबदबा कमजोर
चौरस कमल
लोकसभा की चार सीटों पर भाजपा का कब्जा, विधानसभा उपचुनाव में चार सीट पर कांग्रेस
कांग्रेस की वापसी
जेल में बंद खालिस्तानी संगठन के मुखिया और उनके अनुयायी की अप्रत्याशित जीत से पैदा हुईं कई आशंकाएं