राष्ट्र के लिए घातक है संविधान में बदलाव
Loksangharsh Patrika|October 2020
हमें आज हमारे संविधान और हमारे देश को वर्तमान सरकार से बचाने की जरूरत है। आजादी के बाद से इसके पहले कभी भी ऐसी आवश्यकता नहीं हुई, और न ही लोगों को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा, जहाँ कानून का शासन नहीं बल्कि कानून रहित शासन इस भूमि पर चल रहा है।
न्यायमूर्ति पी.बी. सावंत
राष्ट्र के लिए घातक है संविधान में बदलाव

आज हमारे पास केन्द्र की सत्ता में एक ऐसी सरकार है, जो न केवल संविधान विरोधी है, बल्कि उसे एक अवसर दिया गया है जो संविधान की जड़ और शाखा में बदलाव कर रही है जो राष्ट्र के लिए घातक है।

Denne historien er fra October 2020-utgaven av Loksangharsh Patrika.

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October 2020
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