ममता की ममता के सहारे विपक्ष
Uday India Hindi|December 12, 2021
टीएमसी को पश्चिम बंगाल में जीत दिलाने में कामयाब रहीं ममता बनर्जी भले ही खुद अपना चुनाव नंदीग्राम से हार गई हैं, लेकिन विपक्ष अब उन्हीं में अपना सहारा ढूंढ रहा है। कांग्रेस धीरे-धीरे खात्मे की ओर है, ऐसे में भला विपक्ष ममता के अलावा आस भी किससे लगाए। मिशन 2024 के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के खिलाफ साझा विपक्ष के नेतृत्व को लेकर घमासान की स्थिति बनने लगी है। ममता बनर्जी ने अब खुले तौर पर घोषणा कर दी है कि साझा विपक्ष का नेतृत्व अब वो ही करेंगी। तृणमूल कांग्रेस ने बता दिया है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ विकल्प के रूप में उभरने में नाकाम रहे हैं। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साझा विपक्ष की तैयारियों में जुटी तृणमूल कांग्रेस ने अपने बंगाली मुखपत्र 'जागो बांग्ला' में 'राहुल गांधी विफल, ममता हैं विकल्प' के हेडिंग से एक लेख के सहारे कांग्रेस सांसद की उन सभी कोशिशों को कमतर बताया, जो वह भाजपा के खिलाफ नेतृत्व की कमान पाने के लिए कर रहे हैं। वैसे, टाइम मैग्जीन की साल 2021 के 100 प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ममता बनर्जी का नाम शामिल होने के बाद तृणमूल कांग्रेस का उत्साहित होना सही है। लेकिन, इस स्थिति में सवाल उठना लाजिमी है कि साझा विपक्ष के नेतृत्व पर ममता ने दावा तो ठोंक दिया, लेकिन क्या ऐसा हो पायेगा?
नीलाभ कृष्ण
ममता की ममता के सहारे विपक्ष

Denne historien er fra December 12, 2021-utgaven av Uday India Hindi.

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जब हम ज्ञानवापी का इतिहास खंगालते हैं तो हम देखते हैं कि ज्ञानवापी वस्तुतः किसी क एक मंदिर के ध्वंस या किसी एक घटना का इतिहास नहीं है बल्कि यह उस भयावह दौर की सिलसिलेवार सच्चाई है जब हमारा देश मजहबी कट्टरता से पराजित हुआ और हमने लगभग पूरे देश में अपने आस्था केंद्रों की वीभत्स तबाही को सहा।

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वाराणसी दुनिया के इस सबसे प्राचीन शहर के बारे में आधुनिक इतिहासकारों ने 'Older Than History' यानी 'इतिहास से भी पुराना' विशेषण का उल्लेख किया है। जो भी शख्स अपनी जदगी में एक बार भी बनारस गया हो, उसे ये महसूस होता है कि इस शहर में कुछ ना कुछ खास तो जरुर है। जो कि आपको अपनी तरफ खींचता है।

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क्या नूपुर प्रकरण पर भाजपा दबाव में है ?
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