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पांच राज्यों में हुए चुनावी परिणाम के सियासी मायने

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March 27, 2022

विधानसभा चुनाव 2022

- रोहित

पांच राज्यों में हुए चुनावी परिणाम के सियासी मायने

वार्तमान में पांच राज्यों में हुऐ विधानसभा चुनावों के अपने राजनीतिक मायने है। मसलन इन पांच राज्यों के चुनावों को कही न कही 2024 के लोकसभा चुनावों से जोड़ कर भी देखा जा रहा है। चुनावों के सियासी परिणाम कही न कही कांग्रेस और बीजेपी के लिए भविष्य की रणनीति भी तय करेंगे क्योंकि एक और जहां चुनावों में विजय बीजेपी को राजनीतिक रूप से मजबूत करेंगी और 2024 क&#

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Denne historien er fra March 27, 2022-utgaven av Uday India Hindi.

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मोहन भागवत की बोध-दृष्टि में ज्ञानवापी

किसी भी देश की माटी को प्रणम्य बनाने, राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ बनाने एवं कालखंड को अमरता प्रदान करने में राष्ट्रनायकों की अहम भूमिका होती है।

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राजनीति का नया स्वरूप - दंगा पॉलिटिक्स

बीते दौर में किसी शायर ने कहा था कि बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी। लेकिन आज की परिस्थितियों में तो लगता है कि बात निकलेगी तो हिंसा तक जाएगी।

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ज्ञानवापी-मजहबी कट्टरता के इतिहास से स्वर्णिम भविष्य की उम्मीद

जब हम ज्ञानवापी का इतिहास खंगालते हैं तो हम देखते हैं कि ज्ञानवापी वस्तुतः किसी क एक मंदिर के ध्वंस या किसी एक घटना का इतिहास नहीं है बल्कि यह उस भयावह दौर की सिलसिलेवार सच्चाई है जब हमारा देश मजहबी कट्टरता से पराजित हुआ और हमने लगभग पूरे देश में अपने आस्था केंद्रों की वीभत्स तबाही को सहा।

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ज्ञानवापी: आदिकाल से अब तक

वाराणसी दुनिया के इस सबसे प्राचीन शहर के बारे में आधुनिक इतिहासकारों ने 'Older Than History' यानी 'इतिहास से भी पुराना' विशेषण का उल्लेख किया है। जो भी शख्स अपनी जदगी में एक बार भी बनारस गया हो, उसे ये महसूस होता है कि इस शहर में कुछ ना कुछ खास तो जरुर है। जो कि आपको अपनी तरफ खींचता है।

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June 19, 2022

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क्या नूपुर प्रकरण पर भाजपा दबाव में है ?

भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के बयानों से आहत कट्टरपंथी मुस्लिम समाज के नेता व संगठन लगातार दोनो नेताओं को लगातार धमकियां दे रहे हैं। नूपुर को रेप और हत्या की धमकियां मिल रही थीं तथा कुछ संगठनो ने तो उनका सिर कलम करने के लिए करोड़ तक का ईनाम भी घोषित कर दिया है। यह एक अजीब सी बात है कि भाजपा आलाकमान ने इन विरोधियों के खिलाफ एक कड़ा बयान नहीं जारी किया था और न हीं नूपुर को संगठन की ओर से कोई मदद दी जा रही थी।

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June 19, 2022

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क्या है ज्ञानवापी का सच

ज्ञानवापी के नाम से विख्यात यह मस्जिद भगवान विश्वनाथ के मंदिर से इतनी चिपकी हुई सी सी है कि वह शक पैदा करती है। ऐतिहासिक और पौराणिक तथ्य तो बाद में आते हैं, लेकिन तात्कालिक साक्ष्य इस मस्जिद पर शक करने के लिए काफी हैं। मंदिर पर अपनी राजनीतिक विचारधारा के हिसाब से इस मंदिर और मस्जिद पर विचार प्रगट करने वालों को छोड़ दें, तो आम नागरिक भी यही मानता है कि यहां मंदिर रहा होगा और आक्रांताओं ने इसे तोड़कर जबरिया वहां मस्जिद बना दी।

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आतंकियों को मिल रही सजा, माफिया पर हो रही कार्यवाही

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में भी कानून व्यवस्था को लेकर बहुत सख्त तेवर अपना रही है और जिसके परिणाम स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रहे हैं।

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ज्ञानवापी विवाद के मायने

नब्बे के दशक में जब राम मंदिर आंदोलन उफान पर था, तो अमूमन गलियों में एक नारा जोरो से लगाया जाता, 'अयोध्या तो झांकी है, काशी- मथुरा बाकी है'।

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इंसाफ एकतरफा क्यों?

नूपुर - नवीन को तो सजा दे दी, इन मजहबी कट्टरपंथियों का फैसला कब होगा

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अत्पसंख्यक तुष्टीकरण का खतरनाक खेल

कैराना, मुजफ्फरनगर की शर्मनाक घटना जिसमें समाजवादी पार्टी पर न मिटने वाला कलंक लगा, जहां सपा के परोक्ष मुख्यमंत्री की हैसियत रखने वाले मुसलिम नेता आजम खां के दबाव में रातोंरात कलेक्टर और पुलिस कप्तान को ट्रांसफर किया गया। जुल्म की इतिहा तब हो गयी जब हिन्दुओं को पलायन करना पड़ा। उनके घरों पर मकान बिकाऊ के नोटिस लग गये। इसी तरह कश्मीर से भी लाखों हिन्दुओं को घर छोड़ कर भागना पड़ा था।

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