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क्या फिर गूंजेंगी सीटियां
आंध्र प्रदेश और दिल्ली के साथसाथ देश में कई जगहों पर सिनेमाहाल 100% क्षमता के साथ खोलने की तैयारी शुरू हो गई है.
आधी आबादी लीडर भी निडर भी
लगभग हर क्षेत्र में कामयाबी के झंडे फहराने के बावजूद भी महिलाओं को हाशिए पर रखने की साजिश रची जा रही है. आखिर क्यों? जान कर हैरान रह जाएंगे आप...
5 उपाय चेहरे से दाग हटाएं
इन बेहतरीन तरीकों को अपना कर आप की त्वचा हमेशा बेदाग रह सकती है...
"कोरोनाकाल में रोजाना करीब 10 हजार लोगों तक खाना और राशन पहुंचाया” आंचल शर्मा - संस्थापक, मील्स औफ हैप्पीनेस
एक हफ्ता पहले ही मुझे कैंसर डायग्नोज हुआ था और मैं अपने दोस्तों से मिल कर वापस जा रही थी. तभी सड़क पर मेरी गाड़ी रुकी तो कुछ बच्चे आ गए. वे भूखे थे और खाना मांग रहे थे. मैं उन्हें ले कर पास के फूड स्टाल गई और उन्हें भरपेट चाऊमीन खिलाए. वे बहुत खुश हुए. उन्हें खुश देख कर मुझे अलग ही खुशी मिली. उस समय मैं यह तक भूल गई कि मुझे कैंसर डायग्नोज हुआ है और उस दिन मुझे मेरे जीने की नई वजह मिली. मैं ने सोचा कि मुझे नहीं पता मेरे पास कितना समय बचा है. ज्यादा कुछ तो मैं नहीं कर सकती, लेकिन इतना तो कर ही सकती हूं कि कुछ गरीबों को पेट भर खाना खिला सकूँ. उसी दिन 'मील्स औफ हैप्पीनेस चैरिटेबल ट्रस्ट' की शुरुआत हुई," यह कहना है दिल्ली के छतरपुर में रहने वाली 36 साल की आंचल शर्मा का, जिन्होंने अपनी तकलीफ भुला कर लोगों को खाना बांटा. कोरोनाकाल में भी इन का काम बदस्तूर चलता रहा.
“लौकडाउन के समय गरीब मजदूरों को सुरक्षित रखने में भरपूर मदद की" योगिता भयाना - फाउंडर, दास चैरिटेबल फाउंडेशन
कोरोनाकाल में एक दिन मैं ने एक युवक को पत्ते खाते हुए देखा तो उस से पूछा कि इस तरह पत्ते क्यों खा रहे हो. उस ने कोई जवाब नहीं दिया. तब मैं ने उसे खाना दिया और उस का एक वीडियो बना कर रख लिया क्योंकि मुझे लगा कि यह लड़का मैंटली डिस्टर्ब है. जब मैं ने उस वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया तो उस की इस वीडियो की मदद से लड़के के घर वालों ने उसे खोज निकाला, दरअसल वह लड़का बहुत अच्छे घर से था मगर काफी दिनों से अपने घर से लापता था," पिछले साल की इस घटना के बारे में बताते हुए योगिता भावुक हो उठती हैं.
देवी का दर्जा महज दिखावा
पुरुषप्रधान देश में औरतों को देवी का दर्जा तो मिला, लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू इतना भयावह है कि जान कर रौंगटे खड़े हो जाएं...
ठग बाबाओं के चंगुल में फंसे तो गए
अनपढ़ ही नहीं, पढ़ेलिखे और आधुनिक कहलाने वाले लोग भी किस तरह बाबाओं के चक्कर में आ कर अपना सबकुछ दांव पर लगा देते हैं, जान कर हैरान रह जाएंगे आप...
जैसी स्किन टोन वैसी नेल पेंट
ऐक्सपर्ट से जानिए स्किन टोन के हिसाब से कैसा नेल पेंट चुनना चाहिए...
फेसलिफ्ट हर उम्र में दिखें जवां
बढ़ती उम्र के प्रभावों को कुछ दिन और रोकना चाहती हैं, यह जानकारी आप के लिए ही है...
क्यों नहीं चल रहा सैफ का सिक्का
सोलो फिल्मों का सफल कलाकार जब लगातार कलाकारों की भीड़ वाली फिल्मों का हिस्सा बनने लगे तो सवाल तो उठेंगे ही.
क्या है कंगारू मदर केयर
समय से पूर्व जन्मे नवजात बच्चों को कंगारू केयर से किस तरह स्वस्थ रखा जा सकता है, जरूर जानिए...
जब गर्लफ्रेंड करे महंगी डिमांड
रिश्ते की आड़ में पार्टनर का लोभ बढ़ता जाए और वह महंगे गिफ्ट्स की डिमांड करने लगे, तो क्या करें...
6 औनलाइन शौपिंग मिस्टेक्स पड़ेंगी भारी
औनलाइन शौपिंग करते वक्त कहीं आप भी तो ये गलतियां नहीं करतीं...
सासबहू मजबूत बनाएं रिश्तों की डोर
सासबहू का रिश्ता जिंदगीभर के लिए मजबूत और खुशनुमा बन सकता है. कैसे, यह हम आप को बताते हैं...
हम झूठ क्यों बोलते हैं
जिंदगी के कई मौके ऐसे होते हैं जब लोग बिना वजह झूठ बोलते हैं. मगर ऐसी नौबत आती क्यों है, यह जानना काफी दिलचस्प है...
स्नैक्स & स्वीट्स
स्नैक्स में कुछ नया ट्राई करना चाहती हैं तो इन आसान रेसिपीज़ से बनाएं स्वीट कॉर्न के टेस्टी स्नैक्स।
रिवार्ड थेरेपी- संवारें बच्चों का भविष्य
जिन मुश्किल परिस्थितियों में बड़े भी पस्त हो गए हैं उन में अपने बच्चे को कैसे मोटिवेट रखें, जानना नहीं चाहेंगी...
युवराज मलिक- डायरेक्टर, नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया
"प्रधानमंत्री योजना युवा लेखकों को भारतीय साहित्य और संस्कृति से जोड़ेगी.”
बच्चों में बढ़ता तनाव कैसे निबटें
कोरोनाकाल में बड़े ही नहीं, बच्चे भी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं. ऐसे में पैरेंट्स उन की कुछ इस तरह से मदद कर सकते हैं...
प्रसवपूर्व कैसे करें देखभाल
एक रिसर्च के अनुसार, जिन महिलाओं की प्रसव पूर्व केयर नहीं होती है, उनके बच्चे सामान्य बच्चों की तुलना में वजन में कम होने के साथसाथ उनमें मृत्यु का खतरा भी कहीं अधिक होता है. इसलिए प्रेगनेंसी में केयर है जरूरी.
डायपर्स की दुनिया
अपने शिशु के लिए कपड़े की नैपी या डायपर का चुनाव करते समय किन बातों को ध्यान में रखें, जरूर जानिए...
कोरोना ने बदल दी ओटीटी प्लेटफौर्म की सूरत
जहां एक तरफ कुछ ओटीटी सुविधाओं के लिए जेब ढीली करनी पड़ती है वहीं दूसरी तरफ एमएक्स प्लेयर मुफ्त मनोरंजन परोस रहा है, भला कैसे....
जिंदा रखें भीतर का शौक
उम्र को हराना है तो शौक जिंदा रखिए. कैसे, यह हम आप को बताते हैं...
होंठों को भी चाहिए देखभाल
मॉनसून सीजन में भी होंठों की खूबसूरती बरकरार रखें, कुछ यों...
समलैंगिकों को लोग अनदेखा करते हैं अंशुमन झा
लीक से हट कर अभिनय करना अंशुल की पहचान रही है. अब वे समलैंगिक समुदाय पर आधारित अपनी नई फिल्म 'हम भी अकेले तुम भी अकेले' से चर्चा में हैं...
बौयफ्रैंड न बन जाए मुसीबत
ब्रेकअप की वजह चाहे कोई भी हो शादी के बाद खुशहाल जिंदगी जीना चाहती हैं तो इन बातों को गांठ बांध लें...
मोबाइल तकिए से दूर
अगर आप भी अकसर फोन को तकिए के नीचे रख कर सो जाती हैं, तो यह आदत आप को बड़ी मुसीबत में डाल सकती है...
जब बेवजह चिड़चिड़ाहट हो
कई बार बेवजह गुस्सा करने या चिड़चिड़ाहट से बड़ा नुकसान हो जाता है और उस की भरपाई जीवनभर नहीं हो पाती...
शादी निभाने की जिम्मेदारी पत्नी की ही क्यों
यह कैसा धर्म है जो एक औरत को देवी तो कहता है, मगर जुल्मोसितम की दास्तान ऐसी कि रौंगटे खड़े हो जाएं...
कैसे चुनें परफैक्ट फाउंडेशन
स्किन टाइप और टोन के अनुसार फाउंडेशन का चयन कैसे करें कि मेकअप के बाद लोग बस निहारते ही रह जाएं...