परिचय: वर्तमान में 370 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का कृषि क्षेत्र, भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है। आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 के अनुसार, कृषि क्षेत्र द्वारा सकल घरेलू उत्पाद का योगदान 2020-21 में 20.20 प्रतिशत है, जो 2019-20 में दर्ज 17.8 प्रतिशत से अधिक है। पिछले कुछ वर्षों में, सरकार ने सफल कृषि तकनीकों और सहायक नीतियों के साथ कृषि क्षेत्र में सहायता बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। खेती में डिजिटल तकनीक का हालिया विकास फसल की उच्च पैदावार सुनिश्चित करके विकास को और तेज करेगा एवं पानी की खपत को कम करके और कृषि रसायनों के उपयोग से स्थिरता को बढ़ाएगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल), रिमोट सेंसिंग, बिग डेटा, ब्लॉक चेन और आईओटी जैसी डिजिटल प्रौद्योगिकियां कृषि मूल्य श्रृंखलाओं को बदल रही हैं और संचालन का आधुनिकीकरण कर रही हैं। जबकि नीदरलैंड, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और इजराइल जैसे कई देशों ने कृषि में क्रांति लाने के लिए डिजिटल समाधानों को सफलतापूर्वक अपनाया और उनका दोहन किया है, भारत में उनका गोद लेना अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है।
भारत में डिजिटल कृषि के तहत वर्तमान पहल: भारतीय कृषि में डिजिटलीकरण की मांग को अच्छी तरह से समझा और स्वीकार किया गया है, इसी तरह प्रचलित मूल्य श्रृंखला के डिजिटलीकरण की दिशा में भी प्रयास किए गए हैं। सितंबर 2021 में, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सिस्को, निन्जाकार्ट, जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड, आईटीसी लिमिटेड और एनसीडीईएक्स ई-मार्केट्स लिमिटेड (एनईएमएल), पायलट परियोजनाओं के माध्यम से डिजिटल कृषि को आगे बढ़ाने के लिए पांच समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर करते हुए, डिजिटल कृषि मिशन 2021-2025 की शुरुआत करने की घोषणा की। डिजिटल कृषि मिशन 2021 2025 का उद्देश्य एआई, ब्लॉक चेन, रिमोट सेंसिंग और जीआईएस तकनीक और ड्रोन और रोबोट के उपयोग जैसी नई तकनीकों पर आधारित परियोजनाओं का समर्थन और तेजी लाना है।
किसानों के बीच प्रौद्योगिकी अपनाने को बढ़ावा देने के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने प्रमुख डिजिटल एप्लिकेशन विकसित किए हैं:-
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कपास विज्ञानी - डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव
डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव एक उजबेक विज्ञानी हैं जिनको 2013 के इंटरनेशनल कॉटन एडवाईजरी कमेटी रिसर्चर के तौर पर जाना जाता है। डॉ. इब्रोखिम वाई. अबदूराखमोनोव कोलाबोरेटर प्रोजैञ्चट डायरेञ्चटर हैं।
बिहार का सॉफ्टवेयर इंजीनियर कर रहा ड्रैगन फ्रूट की खेती
आज के अधिकांश युवा पीढ़ी के किसान अपनी पारंपरिक खेती से दूर हो रहे हैं। उसी में कुछ ऐसे किसान हैं जो स्टार्टअप के रूप में अत्याधुनिक खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं।
अब मशीनें पकड़ेंगी दूध में यूरिया की मिलावट
भारत में टैक्नोलॉजी को तेजी से बढ़ाया जा रहा है जिससे आम जनता को काफी फायदा मिल रहा है। अब ज्यादा दिनों तक दूध में यूरिया की मिलावट करने वाली कंपनियां लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं कर पाएंगी। मिलावटी दूध में यूरिया का पता तरबूज के बीज से लगाने के लिए बायो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ढञ्ज-का ने बना लिया है।
मिट्टी जांच के लिए आईआईटी कानपूर ने बनाई मशीन
आईआईटी कानपुर ने मिट्टी की जांच के लिए एक डिवाइस विकसित किया है, जो 90 सैकेंड में मिट्टी के 12 पोषक तत्वों की जांच कर सकता है। यह उपकरण किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता के बारे में तुरंत जानकारी प्रदान करेगा, जिससे वे अपनी फसलों को उचित पोषण दे सकते हैं।
हजार साल पुराना बीज भी हुआ अंकुरित
कृषि वैज्ञानिकों, वनस्पति विज्ञानियों और इतिहासकारों के एक अंतराष्ट्रीय दल को हजार साल पुराने बीज को उगाने में सफलता मिली है। इस बीज से फूटा अंकुर अब एक परिपक्व पेड़ में तब्दील हो चुका है। गौरतलब है कि यह बीज इजरायल की एक गुफा में पाया गया था।
दो अरब लोगों को नहीं मिल रहा पोषक तत्व
विश्व खाद्य दिवस हर साल 16 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक-भूख और खाद्य असुरक्षा की ओर ध्यान आकर्षित करता है। यह दिन भोजन की कमी और कुपोषण से जूझ रहे लाखों लोगों की दुर्दशा की ओर दुनिया भर का ध्यान आकर्षित करने का भी है, टिकाऊ कृषि, समान खाद्य वितरण और पौष्टिक भोजन तक सभी की पहुंच परम आवश्यक है।
क्या जीएम फसलें लाभकारी हैं?
जेनेटिकली मोडीफाईड फसलें (जीएम) एक बड़े विवाद का विषय रही हैं। हाल ही में मैक्सिको की सरकार ने अपनी सबसे महत्वपूर्ण फसल मक्का को जीएम से बचाने के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।
रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को बड़ी राहत
केंद्र सरकार ने प्रमुख रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह बढ़ोतरी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी रबी फसलों के लिए की गई। है।
फल, सब्जियों में उपयोग होने वाली नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की वैज्ञानिक विधि
फल, सब्जियों की अच्छी पैदावार के लिए नीम तुलसी कीटनाशक काफी लाभदायक साबित होती है। इस कीटनाशक को बनाने के लिए किसानों को अधिक मेहनत करने की जरुरत नहीं है। इसके लिए आज हम आसान वैज्ञानिक विधि लेकर आए हैं, यहां जानें नीम तुलसी कीटनाशक बनाने की पूरी विधि -
उत्तर प्रदेश को FDI लाने में करेगा मदद IFC; कृषि, सोलर और इन्फ्रा क्षेत्रों का होगा विकास
अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र, सौर ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आर्थिक सहयोग करेगी। इसके अलावा आईएफसी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश सरकार और अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) के बीच हुई बैठक में प्रदेश में बुनियादी ढांचे, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) और कृषि क्षेत्र में निवेश पर विस्तृत चर्चा की गई।