ग्रीन हाउस एक ऐसा ढांचा है जो पारदर्शी या पारभासी शीट या कपड़े से ढंका होता है। यह इतना बड़ा पूर्णतया या अर्धवातावरणीय नियंत्रित होता है जिसमें फूलों की उचित वृद्धि तथा उत्पादकता प्राप्त करने के लिए उगाया जाता है।
ग्रीन या पाली हाउस कई प्रकार के होते हैं? :
वर्तमान समय में वातावरण के नियंत्रण के दृष्टिकोण से ग्रीन हाउस को तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है :
पूर्णतया नियंत्रित, अर्ध नियंत्रित या प्राकृतिक रूप से नियंत्रित : अर्ध नियंत्रित या प्राकृतिक रूप से नियंत्रित कम लागत वाले होते हैं। भारत में पुष्प संबंधी अनुसंधान की प्राथमिकताएं सुनिश्चित करते हुए यह निश्चित किया गया कि कम्यूटरीकृत एवं जलवायु नियंत्रित ग्रीन हाउस में कटे पुष्पों एवं गृह पौधों के उत्पादन का मानकीकरण करना। विदेशी मुद्रा अर्जित करने में ग्रीन हाउस एक सकारात्मक साधन है। पुष्पों एवं पौधों की सुनिश्चित आपूर्ति नियमित रूप से होना अनिवार्य है।
ग्रीन हाउस में फूलों को कैसे उगाया जाए? : पालमपुर, हिमाचल प्रदेश में ग्रीन हाउस में पौधों को उगाने के लिए एक अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया गया है। ग्रीन हाउस पुष्प हाउस पुष्प एवं पौध उत्पादन एक जटिल एवं परिष्कृत तकनीक है। इसकी सफलता वातावरणीय घटकों जैसे तापक्रम, आर्द्रता, प्रकाश, वायु परिभ्रमण के नियंत्रण हेतु कुशलता की उपलब्धता एवं सुविधाएं, फसल या पुष्प के प्रकार पर निर्भर करती है।
Denne historien er fra October 01, 2023-utgaven av Modern Kheti - Hindi.
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मृदा में नमी की जांच और फायदे
नरेंद्र कुमार, संदीप कुमार आंतिल2, सुनील कुमार। और हरदीप कलकल 1 1 कृषि विज्ञान केंद्र सिरसा, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय 2 कृषि विज्ञान केंद्र, सोनीपत, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय
निस्तारण की व्यावहारिक योजना पर हो अमल
पराली जलाने से हुए प्रदूषण से निपटने के दावे हर साल किए जाते हैं, लेकिन आज तक इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल सका है। यह समस्या हर साल और विकराल होती चली जा रही है।
खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए कारगर है कृषि वानिकी
जैसे-जैसे विश्व की आबादी बढ़ती जा रही है, लोगों की खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की चुनौती भी बढ़ रही है।
बढ़ा बजट उबारेगा कृषि को संकट से
साल था 1996 चुनाव परिणाम घोषित हो चुके थे और अटल बिहारी वाजपेयी को निर्वाचित प्रधानमंत्री के रुप में घोषित किया जा चुका था।
घट नहीं रही है भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की 'प्रधानता'
भारतीय अर्थव्यवस्था में एक विरोधाभास पैदा हो गया है। तेज आर्थिक विकास दर के फायदे कुछ लोगों तक सीमित हो गए हैं जबकि देश की आबादी का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है।
कृषि विकास का राह सहकारिता
भारत को 2028 तक पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का इरादा है और इसमें जिन तत्वों और सैक्टर के योगदान की जरुरत पड़ेगी, उनमें एक है सहकारिता क्षेत्र।
मधुमक्खियां भी हो रही हैं प्रभावित हवा प्रदूषण से
सर्दियों का मौसम आते ही देश के कई हिस्से प्रदूषण की आगोश में समा गए हैं, खासकर देश की राजधानी दिल्ली जहां सांसों का आपातकाल लगा हुआ है।
ज्वार की रोग एवं कीट प्रतिरोधी नई किस्म विकसित
भारत श्री अन्न या मोटे अनाज का प्रमुख उत्पादक है और निर्यात के मामले में भी हमारा देश दूसरे पायदान पर है।
खरपतवारों के कारण होता है फसली नुकसान
खरपतवार प्रबंधन पर एक संयुक्त अध्ययन में खुलासा हुआ है कि हर साल भारत में फसल उत्पादन में करीब 192,202 करोड़ रुपये का नुकसान खरपतवारों के कारण होता है।
जलवायु परिवर्तन बनाम कृषि विकास...
कृषि और प्राकृतिक स्रोतों पर आधारित उद्यम न केवल भारत बल्कि ज्यादातर विकासशील देशों की आर्थिक उन्नति का आधार हैं। कृषि क्षेत्र और इसमें शामिल खेत फसल, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, पॉल्ट्री संयुक्त राष्ट्र के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों खासकर शून्य भूखमरी, पोषण और जलवायु कार्रवाई तथा अन्य से जुड़े हुए हैं।