कनोला सरसों: महत्व एवं उत्पादन की उन्नत तकनीक
Modern Kheti - Hindi|November 01, 2023
राया सरसों में ऐसी कोई समस्या नही है तथा इसकी कटाई फसल के पूरी तरह से पकने के बाद ही करें। कटाई के बाद भली प्रकार से सुखाने के बाद ही फसल की गहाई करें।
वीरेन्द्र सरदाना, इन्दु रियालच, पुष्प शर्मा एवं शैली नैयर धालीवाल
कनोला सरसों: महत्व एवं उत्पादन की उन्नत तकनीक

भारत में प्रति वर्ष लगभग 250-255 लाख टन खाद्य तेल की खपत होती है जबकि इनका वार्षिक उत्पादन मात्र 100-110 लाख टन है। इस व्यापक कमी को पूरा करने के लिये वर्ष 2020-21 में 117000 करोड़ रुपये का 131 लाख टन तेल आयात किया गया जबकि वर्ष 2019-20 लगभग इतनी ही मात्रा में तेल के आयात का मूल्य 71625 करोड़ रुपये था। इससे स्पष्ट है कि अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में वनस्पति तेल मंहगा होता जा रहा है। भारत द्वारा खाद्य पदार्थों के कुल आयात में लगभग 50 प्रतिशत हिस्सेदारी तेल एवं तिलहनी फसलों की है जो एक गम्भीर चिन्ता का विषय है। भारत द्वारा आयात की जाने वाले सभी पदार्थों में सोने तथा पैट्रोल के बाद तीसरा स्थान तेल एवं तिलहनी फसलों का है। विश्व भर में वनस्पति तेलों के बायोफयूल के लिए उपयोग के बढ़ते प्रचलन से खाद्य पदार्थों के लिये इनकी उपलब्धता भी घटती जा रही है। पहले इण्डोनेशिया से पाम तेल के आयात में कमी तथा अब यूक्रेन एवं रुस के बीच लड़ाई के परिणामस्वरुप सूरजमुखी के तेल के आयात में कमी के चलते गत दो वर्षों से देश के स्थानीय बाजार में सरसों तथा अन्य खाद्य तेलों के दाम में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। खाद्य तेलों की लगातार बढ़ रही इस मांग को पूरा करने के लिये तिलहनी फसलों का उत्पादन बढ़ाना समय की मांग है जिसके लिये अधिक उत्पादन क्षमता वाली किस्मों तथा संकर किस्मों के साथ-साथ इनकी काश्त के आधुनिक तथा वैज्ञानिक ढंग अपनाने की आवश्यकता है।

Denne historien er fra November 01, 2023-utgaven av Modern Kheti - Hindi.

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सब्जियों की जैविक खेती
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सब्जियों की जैविक खेती हमारे देश में हरित क्रांति के अंतर्गत सिंचाई के संसाधनों के विकास, उन्नतशील किस्मों और रासायनिक उर्वरकों एवं कृषि रक्षा रसायनों के उपयोग से फसलों के उत्पादन में काफी बढ़ोतरी हुई। लेकिन समय बीतने के साथ फसलों की उत्पादकता में स्थिरता या गिरावट आने लगी है। इसका प्रमुख कारण भूमि की उर्वराशक्ति में ह्रास होना है।

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किसानों के लिए पैसे बचाने का महत्व एवं बचत के आसान सुझाव
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किसानों के लिए बचत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करती है। खेती एक जोखिम पूर्ण व्यवसाय है जिसमें मौसम, फसल की बीमारी और बाजार के उतार-चढ़ाव जैसी कई अनिश्चितताएं शामिल होती हैं।

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दलहनी फसलों में उर्द व मूंग का प्रमुख स्थान है। जायद में समय से बुवाई व सघन पद्धतियों को अपनाकर खेती करने से इन फसलों की अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है। जायद में पीला मौजेक रोग का प्रकोप भी कम होता है।

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वित्तीय साक्षरता को उत्साहित करने में सोशल मीडिया की भूमिका
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