रबी फसलों में खरपतवारों का नियन्त्रण
Modern Kheti - Hindi|December 01, 2023
खरपतवार भोजन उत्पादन में एक जैविक रूकावट वाले कारक के रूप में उपस्थित हैं। उनके कारण फसलों की पैदावार और गुणवत्ता में कमी व उनके नियन्त्रण करने पर उत्पादन खर्च में वृद्धि होती है।
राजेश कथवाल
रबी फसलों में खरपतवारों का नियन्त्रण

यह भारत जैसे विकासशील देश में कृषि उत्पादकता और किसानों की आय बढ़ाने में भी बाधा उत्पन्न करते हैं। इसी के चलते भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा 22 अप्रैल 1989 को राष्ट्रीय खरपतवार अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की गई जिसे अद्यतन कर 23 जनवरी 2009 को खरपतवार विज्ञान निदेशालय में परिवर्तित कर दिया गया है। वर्तमान में इसे 26 नवम्बर, 2014 को आई.सी.ए.आर. खरपतवार विज्ञान निदेशालय कर दिया है। इसके साथ किसानों के हितार्थ देश के अलग-अलग कृषि विश्वविद्यालयों में 17 खरपतवार नियन्त्रण केन्द्र खोले गए हैं।

खरपतवारों में दोबारा उगने की क्षमता ज्यादा होती है। ये ध्यान न देने पर उर्वरक और सिंचाई जैसे महत्वपूर्ण तत्वों का उपयोग करते हैं। इसलिए खरपतवार प्रबन्धन अत्यन्त महत्वपूर्ण हो जाता है। रबी फसलों में शुरू के 30-35 दिन अत्यन्त महत्वपूर्ण होते हैं। इन फसलों में मुख्यतः सरसों, चना, जौ व गेहूं आते हैं।

(क) जौ: पहली सिंचाई के बाद एक या दो बार फसल की नलाई करें। यदि ऐसा न कर सकें तो 200-250 लीटर पानी में 400 ग्राम 2, 4-डी (सोडियम साल्ट) को घोलकर फसल की बिजाई के 40 दिन बाद प्रति एकड़ छिड़काव करने से चौड़ी पत्ती वाले घास नष्ट हो जाते हैं। यह फसल को कोई नुक्सान नहीं पहुंचाता।

चौड़ी-पत्ती वाले खरपतवारों के नियन्त्रण हेतु एलग्रीप 20 घु.पा./घु. दाने (मैटसल्फ्यूरान-मिथाईल) 8 ग्राम-200 मि.ली. सर्फेक्टेंट (या 2, 4-डी अमाइन 58 एस. एल. 500 मि.ली. या एफिनिटी 40 डी. एफ. (कार्पेंट्जोन-इथाइल) 20 ग्राम को प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में घोलकर बिजाई के 40-45 दिन बाद छिड़काव करें। 

घास कुल के खरपतवारों (कनकी, जंगली जई व लोमड़ घास) के नियन्त्रण हेतु एक्सियल 5 ई.सी. (पिनोक्साडेन) 400 मि.ली. प्रति एकड़ को 200 लीटर पानी में घोलकर बिजाई के 40-45 दिन बाद छिड़काव करें।

मिश्रित खरपतवारों (संकरी व चौड़ी पत्ती वाले) के नियन्त्रण हेतु एक्सियल 5 ई.सी. (पिनोक्साडेन) 400 मि.ली. के साथ एलग्रीप 20 घु.पा./घु. दाने (मैटसल्फ्युरान मिथाइल) 8 ग्राम-200 मि.ली. सर्फेक्टेंट या 2, 4-डी अमाइन 58 एस. एल. 500 मि.ली. या एफीनिटी 40 डी. एफ. (कार्पेंट्राजोनइथाइल) 20 ग्राम प्रति एकड़ को 200 लीटर पानी में घोलकर (टैंक मिश्रण) बिजाई के 40-45 दिन बाद छिड़काव करें।

Denne historien er fra December 01, 2023-utgaven av Modern Kheti - Hindi.

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