
डॉ. नटालिया ए. पीरीस का जन्म एवं पालन पोषण सैनटोस साओ पाउले, ब्राजील में हुआ। उन्होंने अपनी पढ़ाई साओ पाउलो स्टेट विश्वविद्यालय, बोटुकाटू, ब्राज़ील से की। उनकी अंडर ग्रेजुएट डिग्री एग्रोनॉमी में थी। उनकी एम. एस. की डिग्री बागवानी में की थी। 2002 में उन्होंने अपनी पीएच.डी. पौधा रोग प्रबंधन में की। उनकी खोज लेखनी आरंभिक रुप में महामारी विज्ञान एवं नींबू के फूल खिलने के उपरांत गिरने के प्रबंधन के बारे में थी, जो कोलैटोट्रिचम ऐकूटैटम के द्वारा होती थी। बाद में उन्होंने डेढ़ वर्ष साओ पाउले में जीव विज्ञान संस्थान में कार्य करते हुए बिताये। 2003 में वह पहली बार गल्फ कोस्ट रिसर्च एंड एजूकेशन सेंटर, विश्वविद्यालय ऑफ फ्लोरिडा में एक अस्सिटैंट प्रोफैसर के तौर पर नियुक्त हुए। वहां उनकी जिम्मेदारियों में स्ट्राबेरी एवं सजावटी पौधों पर खोज एवं जांच करना शामिल था।
Denne historien er fra December 15, 2023-utgaven av Modern Kheti - Hindi.
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कृषि में डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त करने वाली 'मिलेट क्वीन' - रायमती घुरिया
ओडिशा के कोरापुट जिले की 36 वर्षीय आदिवासी महिला किसान रायमती घुरिया को कृषि क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।

फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व
बढ़ती हुई जनसंख्या की मांग पूरी करने के लिए अधिक उत्पादन जरुरी है, प्रत्येक फसल के बाद भूमि में पोषक तत्वों की जो कमी आती है, उनकी पूर्ति करना आवश्यक है, वरना भूमि की उपजाऊ शक्ति व पैदावार में कमी आयेगी।

फलों के पेड़ लगाने की करें तैयारी
कंपनियों के झूठे प्रचार ने पंजाबियों को दूध, लस्सी और घी से दूर कर दिया है। रात को सोने से पहले एक गिलास दूध पीना पुरानी बात हो गई है।

गेहूं के प्रमुख कीटों की रोकथाम कैसे करें ?
गेहूं भारत की प्रमुख खाद्य फसल है।

"बीज व्यवसाय एवं गुणवत्ता का द्वंद्व"
कृषि उत्पाद के लिये बीज मूल्यवान एवं असरदार माणिक्य है।

नैनो यूरिया के प्रयोग के प्रति बढ़ रहे खदशे
किसानों एवं सरकार को हर वर्ष पारंपरिक दानेदार यूरिया खाद की कमी से जूझना पड़ता है। शायद ही कोई ऐसा वर्ष हो जब यूरिया की निर्विघ्न सप्लाई हुई हो।

घुइया या अरवी की खेती में कीट एवं रोगों का प्रबंधन
परिचय : अरवी की खेती उत्तरी भारत में नगदी फसल के रूप में की जाती है। इससे प्राप्त घनकंदों तथा गांठों का प्रयोग शाक की तरह करते हैं।

पौधों के प्रजनन में परागण की भूमिका
परागण किसी भी पुष्पीय पौधे के जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण चरण है, जिससे निषेचन और बीज निर्माण की प्रक्रिया पूरी होती है।

केरल कृषि विश्वविद्यालय ने बीज रहित तरबूज किया विकसित
केरल कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग ने तरबूज की ऐसी किस्म विकसित की है, जो अपने रंग और बिना बीजों की वजह से चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, नई किस्म के तरबूज का गुद्दा लाल की बजाये ऑरेंज कलर का है।

कृषि विविधीकरण में सूरजमुखी सहायक
सूरजमुखी विश्व की प्रमुख तिलहन फसल है, जिसका मूल स्रोत उत्तरी अमेरिका है।