ब्लैकी भालू ने अपने जन्मदिन पर चंपकवन में एक जोरदार पार्टी की योजना बनाई थी और पार्टी में अपने सब दोस्तों को बुलाया था. जब वह जंगल के राजा शेरसिंह को बुलाने गया तो उन्होंने कहा, “जन्मदिन की पार्टी तुम अपने दोस्तों के साथ मनाओ, यदि मैं वहां रहूंगा तो तुम लोग ठीक से ऐंजौय नहीं कर पाओगे."
यह सुन कर ब्लैकी ने कहा, "नहीं महाराज, ऐसी कोई बात नहीं है. आप हमारे राजा हैं. आप के बिना तो मेरी जन्मदिन पार्टी अधूरी ही रहेगी.”
राजा शेरसिंह ने कहा, "ठीक है, मैं जरूर आऊंगा.”
ब्लैकी के घर पर जन्मदिन पार्टी की तैयारियां जोरशोर से चल रही थीं. उस की मां सुबह से ही तरहतरह के पकवान बनाने में लगी हुई थीं. उस के पापा सजावट का सारा सामान ले आए थे और केक का और्डर भी दे दिया था. स्पैशल हनी केक, आखिर ब्लैकी को शहद खाना बहुत पसंद था.
शाम होते ही ब्लैकी के सब दोस्त एकएक कर उस के यहां जमा होने लगे थे. ब्लैकी ने बहुत सुंदर ड्रैस पहन रखी थी. सब उस की ड्रैस की तारीफ कर रहे थे.
ब्लैकी को अभी अपने सब से दोस्त का इंतजार था और वह था, जंबो हाथी. कुछ ही देर में अपनी सूंड हिलाता हुआ जंबो वहां हाजिर हो गया था. ब्लैकी की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. वह बहुत खुश हो रहा था.
कुछ ही देर में म्यूजिक की धुन पर उस के सब दोस्त नाचने लगे. सब के लिए मैंगो शेक और स्नैक्स की व्यवस्था की गई थी. जन्मदिन के इस जोश में ब्लैकी को ध्यान ही नहीं रहा कि राजा शेरसिंह अभी तक नहीं आए हैं. शेरसिंह लगातार ब्लैकी को फोन कर रहे थे, लेकिन वह तो दोस्तों के साथ नाचने में मस्त था. उसे फोन की घंटी सुनाई नहीं दी. मां किचन में थीं और पापा केक लेने गए थे.
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रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"
मानस और बिल्ली का बच्चा
अर्धवार्षिक परीक्षाएं समाप्त होने के बाद मानस को घर पर बोरियत होने लगी. उस ने जिद की कि उसे अपने साथ रहने के लिए कोई पालतू जानवर चाहिए, जो उस का साथ दे.
पहाड़ी पर भूत
चंपकवन में उस साल बहुत बारिश हुई थी. चीकू खरगोश और जंपी बंदर का घर भी बाढ़ के कारण बह गया था.
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.