नीम के पेड़ पर कानू कौआ उदास बैठा था. जब से वह शहर से लौटा था बड़ा बेचैन था. कुछ ही देर में वहां पीकू तोता आया. कानू को उदास बैठा देख कर उस ने पूछा, “कानू, तुम्हारी तबीयत तो ठीक है? इस समय तुम यहां क्या कर रहे हो?”
“मेरी तबीयत ठीक है, लेकिन आज जब मैं शहर से आ रहा था तो समुद्र किनारे का दृश्य बड़ा अजीब था. वहां ढेर सारी मछलियां मरी पड़ी थीं.”
“वाह, तब तो तुम्हारे मजे आ गए होंगे. लगता है बहुत सारी मछलियां खा कर तुम्हारी तबीयत खराब हो गई."
"ऐसी बात नहीं है पीकू मरी मछलियों को देख कर मुझे बहुत दुख हुआ. हम भोजन के लिए मछलियां खाते हैं, लेकिन बेवजह उन्हें मारते नहीं."
“अच्छा, तो यह बात है. मैं समझा ज्यादा खाने की वजह से तुम इस समय यहां पर बैठे सुस्ता रहे हो.”
“उन मछलियों को क्या हुआ होगा पीकू ? इतनी बड़ी संख्या में वे समुद्र किनारे क्यों मरी पड़ी थीं.”
“मैं नहीं जानता. हो सकता है पानी में कोई कैमिकल मिला हो या कोई और बात हो. समुद्र का स्वभाव होता है कि वह अपने अंदर कुछ नहीं रखता और सब चीजें किनारे फेंक देता है."
“लगता है, ये मछलियां कहीं दूर मरी होंगी और उस के बाद वे धुल गईं. मुझे नहीं कि यह तबाही समुद्र में कैसे आई होगी?”
"दुखी मत हो कानू, इस में हम क्या कर सकते हैं? जरूर यह इंसानी आपदा की वजह से हुआ होगा.
"मुझे भी ऐसा ही लगता है. मैं ने कभी इतनी सारी मछलियों को इस तरह समुद्रतट पर मरा नहीं देखा. चलो, इस के बारे में किसी से मालूम करते हैं."
“हमें इस के बारे में कौन बताएगा?”
“कोई तो होगा जिसे इस की जानकारी होगी. कल हम शहर चलेंगे और वहीं जा कर सचाई का पता चलेगा,” कानू बोला.
पीकू ने भी कानू के साथ शहर जाने का मन बना लिया, ताकि यह पता लगाया जा सके कि मछलियों को क्या हुआ था.
अगले दिन सवेरे वे दोनों समुद्र किनारे पहुंचे. अभी भी वहां बड़ी संख्या में मछलियां पड़ी थीं, लेकिन कानू का मन बासी मछली खाने का नहीं कर रहा था. वे दोनों ऐसे प्राणी की तलाश में थी जो उन्हें मरी मछलियों के बारे में कुछ बता सके.
Denne historien er fra July Second 2022-utgaven av Champak - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra July Second 2022-utgaven av Champak - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
वफी की दौड़
वफी हिरण रोज सुबह उठ कर दौड़ लगाता था. यों दौड़ लगाते देख कर एक दिन ब्लैकी भालू ने उस से पूछा, \"वफी, दौड़ की प्रैक्टिस के लिए तुम रोज इतनी जल्दी उठ जाते हो और फिर स्कूल भी आते हो. ऐसा क्या जरूरी है?\"...
साहस की कहानी
जब आप केरल के दक्षिणी भाग की ओर गाड़ी चलाते जाएंगे तो आप को अंबालूर नाम का एक गांव मिलेगा. अंबु की चट्टानी पहाड़ियों वाले इस छोटे से गांव को देखने में आनंद आता है. यह विशाल घास के मैदानों और विभिन्न प्रकार के खेतों से पटा हुआ है. जब आप इस गांव में टहलते हैं, तो आप को बहुत सारे केले, टैपिओका और अनानास तथा कुछ धान के खेत और ऊंचे रबर के पेड़ों के नीचे छायादार विशाल भूमि दिखाई देती है.
संपर्क में रहना
\"जेसी और जिमी, क्या तुम होमवर्क ने अपना पूरा कर लिया है?\"...
अंडे का फंडा
कृष के पापा विपुल केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में इंजीनियर थे. उन की बदली नेपाल के एक जंगल में सड़क निर्माण के लिए हुई थी, इसलिए विपुल परिवार के साथ नेपाल में बस गए थे.
खेलखेल में करें पढ़ाई
\"आज हम क्या खेल रहे हैं?\" अदिति ने जौगिंग करते हुए पूछा. वह कभी भी स्थिर नहीं रह सकती थी. कुछ लोग उसे शरारती और अनियंत्रित कहते थे, लेकिन वह खुद को ऊर्जा का भंडार मानती थी. ऐसा ही उस का दोस्त मनन भी था...
मददगार हाथ
चीकू खरगोश आज सुबह सो कर उठा तो उस ने देखा कि पूरा आसमान काले बादलों से भरा हुआ था. उसकी मम्मी ने आवाज लगाई, \"चीकू, के लिए तैयार हो जाओ, बारिश जल्दी से स्कूल किसी भी समय आ सकती है.\"...
मेरा भाई सब से अच्छा
उदित ने अपने इतिहास के होमवर्क को देखा. 'वे हमें इतना ज्यादा होमवर्क क्यों देते हैं,' अपनी नोटबुक को दूर धकेलते हुए वह बड़बड़ाया और उस के बाद उसने एक गहरी सांस यह सोचते हुए खींची कि अब क्या करें. उस ने जम्हाई ली और निर्णय किया कि होमवर्क शुरू करने से पहले अपनी पैंसिल तेज करेगा...
समुद्रतट का रहस्य
\"उस ओर मत जाओ,\" अप्पा ने संतोष को चेतावनी देते हुए कहा. लेकिन कहते हैं न, वर्जित क्षेत्र हमेशा आकर्षित करता है और इसीलिए वह उस ओर बढ़ गया...
परिवर्तन की श्रृंखला
आज स्वतंत्रता दिवस है और स्कूल जल्दी बंद हो जाएगा. यह बहुत अच्छा है, है न? राजू भैया ने अपने तिपहिया औटोरिक्शा से निकली गड़गड़ाहट की आवाज और काले धुएं के बीच मुसकराते हुए कहा...
आयु का स्वतंत्रता दिवस
पिछले दो दिनों से आयु के स्कूल में बच्चे स्वतंत्रता दिवस पर होने वाले भव्य समारोह की तैयारी कर रहे थे. उन्हें अनुशासन और सम्मान के साथ राष्ट्रीय ध्वज को सलामी तथा राष्ट्रगान को लयबद्ध तरीके से समयसीमा के भीतर गाना सिखाया गया...