क्रिसमस का त्योहार नजदीक था, इसलिए मुंबई पुलिस पूरी तरह हाइअलर्ट पर थी. अचानक जासूस रहीम के मोबाइल की घंटी घनघनाई. उस ने देखा इंस्पैक्टर जौनी जिराफ की कौल थी.
"हैलो इंस्पैक्टर, नमस्ते. कहिए, सुबहसुबह कैसे याद किया?"
"मिस्टर जासूस, हम तुम्हें क्यों याद करते हैं, यह तो तुम्हें पता ही है."
इंस्पैक्टर जौनी जिराफ सहित सभी पुलिस वाले रहीम को मिस्टर जासूस कह कर ही पुकारते थे. वह हमेशा शातिर अपराधियों को पकड़वाने में पुलिस की मदद करता था. सभी उस का बड़ा सम्मान करते थे.
इंस्पैक्टर जौनी ने रहीम को बताया कि मुंबई के समुद्रतट पर नशीले पदार्थों की पिछली रात एक बड़ी खेप आई थी. इस से पहले कि पुलिस स्मग्लरों को पकड़ पाती, वे पुलिस को चकमा दे कर नशीले पदार्थों के साथ भाग खड़े हुए. जौनी ने यह भी बताया कि पुलिस के लिए मुंबई जैसे महानगर में स्मग्लरों को पकड़ना बड़ी चुनौती थी.
रहीम ने कहा, "इंस्पैक्टर जौनी, आप चिंता न करें, शाम तक अपराधी आप के सामने होंगे, उन के बारे में जो भी जानकारी आप के पास हो, वह आप ईमेल पर मेरे साथ साझा कर सकते हैं."
"ओह, मिस्टर जासूस, हमें उन के बारे में कोई जानकारी नहीं, यही सब से बड़ी मुसीबत है. ऐसा लगता है कि वे किसी बड़े अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का हिस्सा हैं."
"फिर तो जौनी इन स्मग्लरों को पकड़ना बड़ा मुश्किल हो जाएगा."
"तभी तो पुलिस ने मिस्टर जासूस आप को य किया है. आप ही यह काम कर सकते हैं."
रहीम मुसकराया और बोला, "ठीक है, इंस्पैक्टर में अपना काम शुरू करता हूं बाय."
रहीम ने अपनी सहायक फौक्सी लोमड़ी को स्मगलरों को पकड़ने की पूरी योजना समझा दी.
"देखो फौक्सी, कई बार अपराधी पुलिस वालों से भी ज्यादा चालाक होते हैं. वे पुलिस को चकमा देने में कामयाब हो जाते हैं."
"लेकिन सर, वे आप से ज्यादा चतुर नहीं हो सकते," फौक्सी ने मुसकराते हुए रहीम की चापलूसी की.
"फौक्सी, हर समय चापलूसी ठीक नहीं होती. यह गंभीर विषय है. ये नशीले पदार्थों के शातिर स्मग्लर हैं. ये नशीले पदार्थ हमारे न जाने कितने ही युवाओं की जिंदगी बरबाद कर देंगे. इसलिए इन को जल्दी से जल्दी पकड़ना जरूरी है."
"जी सर, आप सही कह रहे हैं."
Denne historien er fra December Second 2022-utgaven av Champak - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra December Second 2022-utgaven av Champak - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
जो ढूंढ़े वही पाए
अपनी ठंडी, फूस वाली झोंपड़ी से राजी बाहर आई. उस के छोटे, नन्हे पैरों को खुरदरी, धूप से तपती जमीन झुलसा रही थी. उस ने सूरज की ओर देखा, वह अभी आसमान में बहुत ऊपर नहीं था. उस की स्थिति को देखते हुए राजी अनुमान लगाया कि लगभग 10 बज रहे होंगे.
एक कुत्ता जिस का नाम डौट था
डौट की तरह दिखने वाले कुत्ते चैन्नई की सड़कों पर बहुत अधिक पाए जाते हैं. दीया कभी नहीं समझ पाई कि आखिर क्यों उस जैसे एक खास कुत्ते ने जो किसी भी अन्य सफेद और भूरे कुत्ते की तरह हीथा, उस के दिल के तारों को छू लिया था.
स्कूल का संविधान
10 वर्षीय मयंक ने खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था कि उस के खाने की खुशबू पूरी क्लास में फैल गई.
तरुण की कहानी
\"कहानियां ताजी हवा के झोंके की तरह होनी चाहिए, ताकि वे हमारी आत्मा को शक्ति दें,” तरुण की दादी ने उस से कहा.
फौक्सी को सबक
एक समय की बात है, एक घने, हरेभरे जंगल में जिंदगी की चहलपहल गूंज रही थी, वहां फौक्सी नाम का एक लोमड़ रहता था. फौक्सी को उस के तेज दिमाग और आकर्षण के लिए जाना जाता था, फिर भी वह अकसर अपने कारनामों को बढ़ाचढ़ा कर पेश करता था. उस के सब से अच्छे दोस्त सैंडी गौरैया, रोजी खरगोश और टिम्मी कछुआ थे.
बच्चे देश का भविष्य
भारत की आजादी के कुछ साल बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें प्यार से 'चाचा नेहरू' के नाम से भी जाना जाता है, वे एक कार्यक्रम में छोटे से गांव में आए. नेहरूजी के आने की खबर गांव में फैल गई और हर कोई उन के स्वागत के लिए उत्सुक था. खास कर बच्चे काफी उत्साहित थे कि उन के प्यारे चाचा नेहरू उन से मिलने आ रहे हैं.
पोपी और करण की मास्टरशेफ मम्मी
“इस बार आप बार आप ने क्या बनाया हैं, मम्मी?\"
अद्भुत दीवाली
जब छोटा मैडी बंदर स्कूल से घर आया तो वह हताश था. उसकी मां लता समझ नहीं पा रही थी कि उसे क्या हो गया है? सुबह जब वह खुशीखुशी स्कूल के लिए निकला था तो बोला, “मम्मी, शाम को हम खरीदारी करने के लिए शहर चलेंगे.\"
डिक्शनरी
बहुत से विद्वानों ने अलगअलग समय पर विभिन्न भाषाओं में डिक्शनरी बनाने का प्रयत्न किया, जिस से सभी को शब्दों के अर्थ खोजने में सुविधा हो. 1604 में रौबर्ट कौड्रे ने कड़ी मेहनत कर के अंग्रेजी भाषा के 3 हजार शब्दों का उन के अर्थ सहित संग्रह किया.
सिल्वर लेक की यादगार दीवाली
\"पटाखों के बिना दीवाली नहीं होती है,” ऋषभ ने नाराज हो कर कहा.