जंपी बंदर भी वहां पियानो बजाना सीख रहा था. उसे संगीत का बहुत शौक था. बड़ी मेहनत व लगन से वह पियानो बजाना सीख रहा था. उस के पास इतने रुपए नहीं थे कि वह अपने लिए पियानो खरीद सके.
जंपी स्कूल में ही कठिन अभ्यास करता था. चार्ली उस की मेहनत देख कर बहुत खुश रहता था.
एक दिन चार्ली ने बताया कि पड़ोस के जंगल में उस के भाई की बेटी की शादी है. अतः वह 3 हफ्ते के लिए स्कूल बंद कर रहा है, ताकि शादी में शामिल हो सके.
"यह सुन कर जंपी उदास हो गया. उस ने सोचा कि 3 हफ्ते तक बिना पियानो बजाए वह कैसे रहेगा." शाम को साढ़े 5 बजे के करीब चार्ली के भाई ने उन्हें फोन किया.
"हां, सभी विद्यार्थी जा चुके हैं. बस, आधे घंटे बाद मैं भी निकलूंगा."
"अच्छा, इतना जरूरी है तो मैं तुरंत निकलता हूं." कहते हुए चार्ली ने जल्दी से स्कूल बंद करना शुरू कर दिया.
फोन पर बात करते हुए चार्ली ने बिजली का मेन स्विच भी औफ कर दिया. उसे पता ही नहीं चला कि जंपी अंदर वाशरूम में है.
'स्कूल पहली तारीख को खुलेगा' बाहर बोर्ड पर वह पहले ही लिख चुका था. फिर स्कूल का ताला बंद कर के वह जल्दी से चला गया.
कुछ देर बाद जब जंपी वाशरूम से बाहर निकला तो स्कूल की सभी खिड़कीदरवाजे बंद देख कर वह चौंक गया. उस ने दरवाजा खटखटाया पर वह बाहर से बंद था.
"कहां चले गए सर? उन्हें तो 6 बजे जाना था, फिर जल्दी कैसे चले गए?"
"सोचा था आधा घंटा पियानो और बजा लूंगा पर लगता है अब तो 3 हफ्ते के लिए स्कूल में ही बंद में रहना पड़ेगा," सोच कर जंपी कांप उठा.
जंपी ने जल्दी सारे दरवाजे व खिड़कियां अच्छी तरह दोबारा चैक किए, पर सब बंद थे. फिर वह पीछे स्टोर में गया, जिस की खिड़की स्कूल के पीछे की गली में खुलती थी. उस ने कुंडी खींची. तो वह आसानी से ने खुल गई. अब उस की जान में जान आई. चार्ली जल्दी में उसे बंद करना भूल गया था.
जंपी उस खिड़की से कूद कर बाहर आ गया और उसे बाहर से बंद कर दिया.
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