अधीर लड़का
Champak - Hindi|July Second 2023
रजत तेजी से आगे बढ़ा. बारिश के कारण उस के चप्पल गीली मिट्टी में पिचक रहे थे और हर जगह गड्ढे बन गए थे. पेड़ हिल रहे थे और हवा उसे डरा रही थी. उस का स्कूल आधे घंटे पहले छूटा था और सभी बच्चे घर के लिए निकल चुके थे. वे सभी स्कूल के आसपास ही रहते थे, केवल रजत नदी के उस पार पहाड़ के ऊपर रहता था. वह जल्दी घर पहुंचना चाहता था वरना मां चिंतित हो जाएंगी. वह हवा में लहराती अपनी छतरी को थामते हुए चला...
पूनम देसाई
अधीर लड़का

वह जल्द ही नदी के तट पर पहुंच गया, लेकिन नदी उफन चुकी थी और उस पार जाने वाले एकमात्र पुल को भी वह बहा कर ले जा चुकी थी. रजत ने रास्ता ढूंढ़ने के लिए दाएंबाएं देखा. पास ही बरगद के पेड़ के नीचे एक बूढ़ा आदमी बैठा था, उस के बगल में एक नाव लकड़ी के डंडे से बंधी हुई थी.

रजत उस के पास गया और बोला, "नमस्ते अंकल, क्या आप मुझे नदी पार करा सकते हैं?"

बूढ़े ने खुश हो कर लड़के की तरफ देखा.

"बच्चे, क्या तुम ने नदी को देखा है? वह उग्र है, जो कोई भी इस में प्रवेश करने का साहस करेगा, वह उसे बहा कर ले जाएगी?"

रजत ने नदी की तरफ देखा. नदी उछाल मार रही थी और गर्जना कर रही थी, वह तटबंधों को तोड़ने के लिए तैयार थी, लेकिन रंजत को अपनी मां के पास घर पहुंचना था. अतः उस ने मन बना लिया.

"मुझे पता है, लेकिन फिर भी मैं नदी पार करना चाहता हूं. मैं अपनी मां के पास जाना चाहता हूं."

बूढ़े व्यक्ति ने आह भरी.

"मूर्ख मत बनो, अब कोई भी नदी पार नहीं कर सकता. बारिश कम होने का इंतजार करो."

रजत ने पैर पटके.

"आप मुझे उस नाव पर ले चलो, वरना मैं तैर लूंगा. मैं किसी भी तरह अपनी मां के पास जा रहा हूं. प्लीज अंकल, मुझे पार ले चलो."

बूढ़े आदमी ने उस पर विचार किया. लड़का दृढ़ निश्चियी लग रहा था.

उन्होंने कहा, "हम्म, यदि मैं तुम्हें नाव से नदी पार कराऊंगा तो खतरनाक होगा. इस काम के लिए तुम मुझे क्या दे सकते हो?"

रजत ने अपनी जेबें तलाशीं. उस में उसे 10 रुपए का नोट, कुछ मूंगफली और एक टौफी मिली. उस ने अपनी हथेली फैला कर बूढ़े आदमी की ओर देखा.

"बस, इतना ही? ओह, यह नहीं चलेगा. तुम मेरी नाव की सवारी करना चाहते हो तो तुम्हें मुझे 100 रुपए देने होंगे."

Denne historien er fra July Second 2023-utgaven av Champak - Hindi.

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