जैने जेबरा भी आनंदवन में रहता था. उसे जिजू और रोरो कि दोस्ती बिलकुल भी पसंद नहीं थी. वह समयसमय पर उन के बारे में बात करता रहता था.
एक दिन वह सुबहसुबह जिजू से मिला.
“कैसे हो जिजू?” जैने ने हाथ मिलाते हुए कहा.
"बस, ठीक हूं. तुम अपने हालचाल बताओ, क्या कर रहे हो इन छुट्टियों में," जिजू ने पूछा.
“कुछ नहीं, बस, जंगल की सैर कर रहा हूं," जैने बोला.
“मैं और रोरो तो इन छुट्टियों में कोडिंग क्लासेस जौइन कर रहे हैं,” जिजू ने कहा.
“रोरो कौन? वह छुटकू चूहा? क्या तुम ने उस से दोस्ती कर ली है? सभी तुम दोनों की दोस्ती पर हंसते हैं. मुझे भी तुम दोनों की दोस्ती पर हंसी आती है. कहां तुम चतुर, होशियार और पेड़ों पर चढ़ने में माहिर. तुम्हें हम जेबरों के सम्मान और प्रतिष्ठा की भी कोई परवाह नहीं है," जैने ने तंज कसते हुए कहा.
"कैसी बात कर रहे हो तुम किसी का भी मजाक नहीं उड़ाना चाहिए. सभी का अपना महत्त्व है. फिर सम्मान की बात कर रहे हो? हम सभी को साथसाथ रहना चाहिए. एकदूसरे की मदद करनी चाहिए. दोस्ती में छोटाबड़ा नहीं देखा जाता. जाति, रंगभेद, क्षेत्रवाद कुछ नहीं,” जिजू बोला.
यह सुन कर जैने सकपका गया. उस ने कहा, “खैर, तुम्हारी मर्जी. तुम्हारी दोस्ती है, मुझे क्या. पर फिर भी कहता हूं कि उस चूहे से तुम्हारी दोस्ती जमती नहीं है."
"मैं तो कहता हूं कि तुम्हें भी उस से दोस्ती करनी चाहिए. हम तीनों मिल कर खूब मस्ती करेंगे. रोरो बहुत अच्छा है, तुम उस से एक बार बात करोगे तो उस के फैन बन जाओगे,” जिजू ने प्यार से कहा.
“अरे जाओ, मुझे नहीं करनी उस चूहे से दोस्ती. चूहे का दोस्त बन कर मुझे अपना मजाक नहीं उड़वाना,” जैने बड़बड़ाता हुआ वहां से चला गया.
जिजू को जैने की सोच पर तरस आ रहा था.
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