“इसे क्या हो गया?” डोडो ने पूछा, “लगता है यह बेहोश है. इस के शरीर पर कुछ घाव भी हैं. जरूर किसी से लड़ कर इस की यह दशा हुई है."
“हम क्या करें?” डैनी ने पूछा. उन्होंने उसे जगाने के लिए हिलायाडुलाया, लेकिन वह बेहोश था.
“डोडो, तुम नदी में जा कर थोड़ा पानी ले आओ. पानी पी कर शायद इस की हालत में कुछ सुधार हो जाए."
“मैं पानी किस में ले कर आऊंगा?”
“तुम जाओ तो सही ढूंढ़ने पर वहां तुम्हें पानी के लिए कुछ न कुछ जरूर मिल जाएगा,” डैनी बोला.
डोडो तुरंत नदी की तरफ भागा. डैनी की बात थी. नदी किनारे उसे बांस का टुकड़ा मिल गया. उस ने उस में पानी भरा और तुरंत टोनी के पास पहुंच गया. डोडो ने उसे पानी पिलाया और उस के मुंह पर पानी के छींटे मारे. थोड़ी देर में उसे होश आ गया.
उस ने पूछा, “मैं कहां हूं?”
“घबराओ मत, तुम पेड़ के नीचे बेहोश पड़े थे. तुम्हारी यह हालत किस ने की?” डैनी ने पूछा.
“मोंटी बंदर ने."
"उस की तुम से क्या दुश्मनी है?” डोडो ने पूछा.
“मेरा दल इस जंगल को छोड़ कर चला गया है. मैं उन के साथ नहीं जाना चाहता था इसीलिए यहां रुक गया. इस इलाके पर मोंटी के साथियों ने कब्जा कर लिया है. वे मुझे यहां से भगाना चाहते थे. इसी वजह से मेरी यह हालत हो गई."
डोडो और डैनी से बातें कर के टोनी को बड़ी राहत मिली. कुछ देर बाद उस की हालत में थोड़ा सुधार हो गया.
डोडो बोला, "तुम्हें यहां ज्यादा देर नहीं रुकना चाहिए. तुम अपने दल के पास लौट जाओ.”
“वे यहां से बहुत दूर निकल गए होंगे. मैं उन तक नहीं पहुंच सकता. वे कुछ समय बाद वापस आ जाएंगे. तब मैं उन के साथ चला जाऊंगा. अच्छा चलता हूं,” टोनी ने कहा.
“अपना खयाल रखना और घावों का इलाज कर लेना वरना तुम्हारी हालत और बिगड़ सकती है.”
"मां ने मुझे कुछ जड़ीबूटियां बताई हैं. मैं उन्हें पीस कर अपने घावों पर लगा दूंगा."
“मोंटी के दल से सावधान रहना. वे तुम पर फिर हमला कर सकते हैं," डैनी ने कहा.
“मैं तुम्हारा धन्यवाद कैसे करूं? आज तुम न होते तो मेरी जान चली जाती.”
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