वे उन्हें समझाती थीं कि इस तरह झगड़ा करना बुरी बात है. हमें आपस में मिलजुल कर रहना चाहिए. इस के बहुत फायदे हैं. मगर मम्मी के समझाने का उन पर कोई असर नहीं हुआ. अपनी गलती मानने के बजाय वे एकदूसरे पर इल्जाम लगाते थे और बहस करने लगते.
एक दिन जब रिया आंगन में अपनी पसंदीदा गुड़ियों के साथ खेल रही थी और ऋषि अपने ब्लौकों से एक सुंदर घर बनाने में व्यस्त था तो गलती से एक ब्लौक रिया के डौल हाउस पर गिर गया.
"ऋषि भैया, देखो, तुम ने क्या किया? यह मेरी पसंदीदा गुड़िया है. तुम ने इसे चोट पहुंचाई है," रिया ने कहा, उस का चेहरा गुस्से से लाल हो गया.
"ओह, सौरी, रिया. मगर मैं ने यह जानबूझ कर नहीं गिराया है, यह मेरे हाथ से छूट गया था," ऋषि गिरे हुए ब्लौक को उठाते हुए बोला.
नहीं, मुझे सब पता है. यह तुम्हारी शरारत है. तुम हमेशा ऐसे ही मेरा खेल बिगाड़ते हो. रिया ने कहा और ऋषि द्वारा बनाए गए ब्लौक के घर को गिरा दिया. यह देख कर ऋषि ने गुस्से में आ कर उसे जोर से धक्का दिया जिस से रिया रोने लगी.
रिया के रोने की आवाज़ सुन कर मम्मी आईं और बोलीं, "बस, लड़नाझगड़ना बंद करो और अपनी समस्या को शांति से सुलझाने का कोई रास्ता ढूंढ़ो."
रिया और ऋषि बेमन से लड़ाई खत्म करने के लिए सहमत हो गए. मगर हमेशा की तरह अभी भी वे एकदूसरे से सीधे मुंह बात नहीं कर रहे थे.
Denne historien er fra August Second 2024-utgaven av Champak - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra August Second 2024-utgaven av Champak - Hindi.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
नौर्थ पोल की सैर
\"अंतरा, तुम कई घंटों से क्रिसमस ट्री सजा रही हो, क्या तुम थकी नहीं,\" मां ने किचन में काम निबटाने के बाद कहा...
जलेबी उत्सव
चंपकवन के राजा शेरसिंह को कार चलाने का बड़ा शौक था. जाड़े की एक शाम को वह अकेले ही लंबी ड्राइव पर निकल पड़ा...
मिशन सांता क्लौज
यह एक ठंडी, बर्फीली रात थी और शिमला की सभी सड़कें रोशनी में जगमगा रही थीं. करण, परी और समीर क्रिसमस मनाने के लिए उत्साहित थे. हर साल की तरह वे क्रिसमस के मौके पर समीर के घर सोने जा रहे थे, लेकिन इस साल उन्होंने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर एक अतिरिक्त कार्यक्रम की योजना बनाई थी...
अनोखा क्रिसमस
\"क्या तुम्हें मालूम है कि क्रिसमस आ ही वाला है?\" ब्राउनी सियार ने अपने दोस्त ब्रूटस भेड़िया से झल्लाते हुए पूछा...
उड़ने वाली बेपहिया गाडी
दिसंबर की शुरुआती ठंडी धुंध भरी सुबह थी और डैनियल भालू अपने मित्र हौपी खरगोश से मिलने गया हुआ था...
औपरेशन चौकलेट कुकीज
\"क्या सैंटा इस बार क्रिसमस की पूर्व संध्या पर तुम्हारे घर आएगा?\" निशा ने जूली से पूछा...
रिटर्न गिफ्ट
\"डिंगो, बहुत दिन से हम ने कोई अच्छी पार्टी नहीं की है. कुछ करो दोस्त,\" गोल्डी लकड़बग्घा बोला.
चांद पर जाना
होशियारपुर के जंगल में डब्बू नाम का एक शरारती भालू रहता था. वह कभीकभी शहर आता था, जहां वह चाय की दुकान पर टीवी पर समाचार या रेस्तरां में देशदुनिया के बारे में बातचीत सुनता था. इस तरह वह अधिक जान कर और होशियार हो गया. वह स्वादिष्ठ भोजन का स्वाद भी लेता था, क्योंकि बच्चे उसे देख कर खुश होते थे और अपनी थाली से उसे खाना देते थे. डब्बू उन के बीच बैठता और उन के मासूम, क 'चतुर विचारों को अपना लेता.
चाय और छिपकली
पार्थ के पापा को चाय बहुत पसंद थी और वे दिन भर कई कप चाय पीने का मजा लेते थे. पार्थ की मां चाय नहीं पीती थीं. जब भी उस के पापा चाय पीते थे, उन के चेहरे पर अलग खुशी दिखाई देती थी.
शेरा ने बुरी आदत छोड़ी
दिसंबर का महीना था और चंदनवन में ठंड का मौसम था. प्रधानमंत्री शेरा ने देखा कि उन की आलीशान मखमली रजाई गीले तहखाने में रखे जाने के कारण उस पर फफूंद जम गई है. उन्होंने अपने सहायक बेनी भालू को बुलाया और कहा, \"इस रजाई को धूप में डाल दो. उस के बाद, तुम में उसके इसे अपने पास रख सकते हो. मैं ने जंबू जिराफ को अपने लिए एक नई रजाई डिजाइन करने के लिए बुलाया है. उस की रजाइयों की बहुत डिमांड है.\"