एक दिन दोपहर में एक बलूत के पेड़ की ठंडी छाया में फौक्सी अपने दोस्तों को अपने साहसिक कारनामों की कहानियां सुनाने लगा.
"कल का दिन बहुत अजीब था. मैं ने अकेले ही एक खतरनाक भालू को भगा दिया," उस ने शेखी बघारी, उस की आंखें उत्साह में चमक रही थीं.
सैंडी हैरान दिख रही थी, “एक भालू? हम ने तो कल कुछ भी ऐसी बातें नहीं सुनीं फौक्सी."
टिम्मी जो हमेशा ही शांत रहता था, ने धीरे से पूछा, “फौक्सी, क्या तुम पूरी तरह ईमानदारी से कह रहे हो?"
फौक्सी ने उसे टाल दिया और हंसने की कोशिश की. "बेशक, मैं झूठ क्यों बोलूंगा?" उस ने कहा.
फौक्सी के आश्वासन के बावजूद उस के दोस्त असमंजस में थे और उन्होंने उसे ध्यान से देखने परखने का फैसला किया. वे इस बात के लिए उत्सुक थे कि क्या वह और भी कहानियां सुनाएगा. जैसेजैसे दिन गुजरते गए, फौक्सी की कहानियां और भी ज्यादा असाधारण होती चली गईं. उस की कहानी खतरनाक और लंबी होती गईं, जिस में गजब का रोमांच और अविश्वसनीय घटनाएं भरी थीं.
उसके दोस्त उस की कहानियों पर हैरान परेशान हो जो सुनने में बहुत ही अच्छी लगती थीं.
फौक्सी ने बताया कि वह सब से ऊंचे पहाड़ पर चढ़ गया और उसे झिलमिलाते क्रिस्टल से भरी एक गुफा मिली. उसने आगे कहा कि कैसे उसे जादुई जंगल में एक बुद्धिमान उल्लू मिला, जहां पेड़ प्राचीन कहानियों की बातें किया करते थे और परियां चांदनी रौशनी में नीचे नृत्य करती थीं. उस ने बताया कि वह कैसे सफेद पंखों वाले एक बाज पर सवार हो कर उड़ा और एक डूबते हुए हिरण को बचाने के लिए झील में उस ने गोता लगाया.
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जो ढूंढ़े वही पाए
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