मामूली किसान परिवार में जन्मे यशपाल तोमर का अलग तरह का गैंग है. यह गैंग में शामिल महिलाओं के माध्यम से समृद्ध लोगों को पहले हनीट्रैप में फंसाता है, फिर समझौते के रूप में उन की प्रौपर्टी अपने नाम करा लेता है. इस के अलावा वह प्रशासन की मिलीभगत से सरकारी जमीनें अपने नाम कराने में माहिर है. इस माफिया की नजर जिस धन्नासेठ पर पड़ जाती है, उसे किसी न किसी तरह अपना शिकार बना लेता है. इस गैंग के सदस्य उत्तराखंड के अलावा राजस्थान और उत्तर प्रदेश में फैले हुए हैं. अरबों रुपए की संपत्ति जुटाने वाले इस माफिया को गिरफ्तार कर सरकार इस की 153 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क कर चुकी है.
उत्तर प्रदेश के जिला बागपत के थाना रमाला अतर्गत गांव बरवाला निवासी महेंद्र सिंह तोमर एक साधारण किसान था. महेंद्र सिंह तोमर के पास पहले केवल 9 बीघा ही जमीन थी. इस के अलावा उस के पास कुछ भैंसें व गाएं भी थीं. अपने बेटों नरेश, ओमवीर, विपिन, किशनपाल व यशपाल के साथ वह दिन भर खेती करता था तथा शाम को दूध बेचने के लिए शहर का रुख करता था.
महेंद्र के सभी बेटे खेतीबाड़ी व दूध बेचने के काम में उसी के साथ दिनभर काफी मेहनत करते थे, जिस से उन के घर का खर्च ठीक से चल रहा था. यह वर्ष 1980 के आसपास की बात है. इसी बीच महेंद्र को कुछ ऐसा लगा कि उस के सभी बेटे खेतीबाड़ी के काम में दिनरात मेहनत करते रहते हैं जबकि यशपाल खेती की ओर कम ध्यान दे रहा है.
इस के लिए उस ने बेटे यशपाल को काफी समझाया और खेती के काम में अपने अन्य भाइयों की तरह ही जीतोड़ मेहनत करने को कहा था. मगर पिता की इन बातों का यशपाल पर कोई असर नहीं हुआ था. यशपाल अकसर अपने गांव के बड़ेबड़े किसानों के बारे में सोचता रहता था. इस के बाद वह जल्द ही कम मेहनत कर के अमीर बनने के सपने देखने लगा.
कुछ समय बाद यशपाल ने सोचा कि मेहनत कर के तो जल्दी ही अमीर आदमी नहीं बना जा सकता. इस के लिए उसे कोई तिकड़मबाजी करनी पड़ेगी, जिस से वह बड़ा किसान व अमीर आदमी बन सके और ऐश की बाकी जिंदगी जी सके. आखिर कब तक वह खेतीबाड़ी व दूध बेचने के धंधे में अपना जीवन खपाएगा.
Denne historien er fra August 2022-utgaven av Manohar Kahaniyan.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra August 2022-utgaven av Manohar Kahaniyan.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
रेप के बाद नर्स का मर्डर
एक तरफ पश्चिम बंगाल में ट्रेनी डाक्टर के साथ रेप और मर्डर की दरिंदगी का मामला पूरे देश में तूल पकड़े हुए था तो दूसरी तरफ उत्तराखंड में भी वैसी ही बर्बरता का मामला सामने आ गया. ड्यूटी से वापस अपने घर जा रही नर्स का अज्ञात लोगों ने अपहरण कर उस का रेप करने के बाद मर्डर कर दिया.
धार्मिक आयोजन के बाद हत्या
रायबरेली के नसीराबाद थाना क्षेत्र में 11 अगस्त, 2024 को अर्जुन पासी की हत्या धार्मिक आयोजन पर हुए विवाद को ले कर कर दी गई.
5 लाख के लालच में काट लाया सिर
अंधविश्वास में दिल्ली का एक युवक ऐसा फंसा कि उस ने दूसरे युवक की हत्या कर डाली. लालच 5 लाख रुपए बनाने का था, जो तंत्रमंत्र क्रिया पूरी होने के बाद मिलने वाले थे. इस के तहत एक युवक को किसी युवक का सिर काट कर लाने का औफर दिया गया था.
इंटरनैशनल किडनी गैंग
डा. डी. विजया राजकुमारी की देखरेख में चल रहा किडनी गैंग गरीब लोगों की किडनी 4-5 लाख में खरीद कर 35-40 लाख रुपए में बेचता था. आप भी जानें कि गैंग के सदस्य भारत के ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश के लोगों को किस तरह अपने जाल में फांस कर अपने काम को अंजाम देते थे.
ड्रम के नंबर से सुलझी मर्डर मिस्ट्री
हत्यारे ने 33 वर्षीय धर्मिष्ठा की हत्या कर ड्रम में डाल कर ऊपर से सीमेंट कंक्रीट का घोल भर दिया था, जिस से लाश पूरी तरह से सेट हो गई थी. आखिर, ड्रम के नंबर के आधार पर पुलिस हत्यारे तक पहुंच ही गई. कौन था हत्यारा, उस ने धर्मिष्ठा की हत्या क्यों की और लाश ठिकाने लगाने का उस ने ऐसा नायाब तरीका क्यों अपनाया?
सऊदी से लौटे प्रेमी को मौत का तोहफा
26 वर्षीय मोहम्मद वसीम अंसारी अपनी 17 वर्षीया गर्लफ्रेंड नरगिस से मिलने के लिए बेताब था. उस से मिलने की खातिर वह सऊदी अरब से इंडिया आया. यहां उस की 17 टुकड़ों में कटी लाश पुलिस ने बरामद की. आखिर किसने और क्यों की वसीम अंसारी की हत्या?
एक टुकड़ा सुख
संस्था में सुनील से मुलाकात के होने के बाद मुक्ता के मन में संस्था से निकल कर अपनी लाइफ को अपनी तरह से जीने की उम्मीद जागी थी. सुनील ने भी उस की सोच को नए पंख दे दिए थे. लेकिन यह पंख भी मुक्ता को एक टुकड़ा सुख से ज्यादा कुछ न दे सके.
7 अजूबों से कम नहीं ये होनहार बच्चे
प्रतिभा न तो उम्र की मोहताज होती है और न ही सुखसुविधाओं की कुछ करने का जज्बा और हौसला हो तो दुनिया में कोई भी काम असंभव नहीं है. भारत के कम उम्र के कुछ बच्चों ने कुछ ऐसा कमाल अपनी प्रतिभा से कर दिखाया है कि दुनिया दांतों तले अंगुली दबा रही है.
प्रेमियों के साथ मिटाया सिंदूर
2 बच्चों की मां पूजा संखवार एक नहीं बल्कि 3-3 प्रेमियों के साथ गुलछर्रे उड़ा रही थी. ससुराल वालों ने जब उस पर लगाम लगाने की कोशिश की तो उस ने अपने तीनों प्रेमियों के साथ मिल कर ऐसी खूनी योजना को अंजाम दिया कि...
जांघ पर गुढे 22 टैटुओं में छिपा गुरु की मौत का रहस्य
स्पा सेंटर में सोशल एक्टिविस्ट गुरु सिद्धप्पा वाघमारे की हत्या की जांच करने पुलिस पहुंची तो वाघमारे की दोनों जांघों पर 22 नामों के टैटू गुदे हुए थे. जांच में पता चला कि वे सभी नाम उस के दुश्मनों के थे. रोमांच से भरी इस कहानी में आप भी जानें कि टैटुओं के सहारे हत्यारों तक कैसे पहुंची पुलिस?