11 जून, 2022 की रात करीब 10 बजे नेहा सिंह अपनी स्कूटी से घर जा रही थी. बेहद खूबसूरत खूबसूरत दिखने वाली नेहा बिहार के बेगूसराय में स्थित तनिष्क ज्वैलर्स के शोरूम में बतौर सेल्सगर्ल काम करती थी. अकसर वह इसी समय के आसपास ड्यूटी से घर लौटती थी.
उस दिन भी वह अपने समय पर घर लौट रही थी, अचानक उस की स्कूटी के सामने आड़ेतिरछी कर के एक बाइक आ कर रुकी, जिस पर 2 युवक थे. सामने बाइक आते ही नेहा ने तेजी से ब्रेक ले कर अपनी स्कूटी रोक दी और बाइक से टकरातेटकराते बची.
"दिखता नहीं, अंधे हो क्या तुम?" नेहा गुस्से से चिल्लाई. उस की सांसें तेजतेज से चल रही थीं, "अभी एक्सीडेंट हो जाता तो.. ?"
“दिखता भी है और मैं अंधा भी नहीं.' बाइक सवार नीचे उतरते हुए तल्ख हो कर बोला, "रही बात एक्सीडेंट की तो मैडम, बता दूं कि मैं एक्सपर्ट रेसर हूं. कोई कच्चा खिलाड़ी नहीं कि बाइक ठोक दूं."
"तुम एक्सपर्ट रेसर हो या अनाड़ी, इस से मुझे क्या लेनादेना. लेकिन तुम ने मेरी स्कूटी के सामने अपनी बाइक क्यों रोकी, ये बताओ ?" "मेरी मरजी, मैं जहां चाहूं वहां बाइक रोकूं. तुम पूछने वाली कौन होती हो?"
"एक तो गलती कर रहे हो ऊपर से आंखें भी दिखा रहे हो. तुम्हारी हेकड़ी से डरने वाली नहीं हूं मैं, समझे ?"
"साऽऽली..." युवक गालियां देता हुआ नेहा के करीब जा पहुंचा और गुर्राते हुए बोला, "डरने वाली नहीं है तू..." कहते हुए कमर में खोंस रखा पिस्टल बाहर निकाला और नेहा के सीने से सटा दिया.
पिस्टल देख नेहा बुरी तरह डर गई. उस के चेहरे का रंग उड़ गया और अभी वह कुछ समझ पाती, तब तक युवक ने ट्रिगर दबा दिया. और बाइक पर सवार हो कर दोनों वहां से फरार हो गए.
गोली लगते ही नेहा स्कूटी सहित लहराती हुई धड़ाम से जा गिरी और तड़पने लगी. चूंकि रात का समय था और चारों ओर सन्नाटा फैला था, गोली चलने की आवाज आनंदपुर मोहल्ले तक साफ सुनाई दी.
इधर नेहा के घर वाले दीवार पर टंगी घड़ी को देखते रहे. रात के जब 11 बज गए और नेहा घर नहीं पहुंची तो मां रिंकू देवी को चिंता हुई. उन्होंने बेटे पवन से कहा कि शोरूम के मैनेजर को फोन कर के पूछो कि नेहा घर क्यों नहीं पहुंची.
Denne historien er fra November 2022-utgaven av Manohar Kahaniyan.
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