सासबहू की रोज किचकिच होने लगी. पुष्पेंद्र छुट्टी पर घर आता तो मां उस के कान भरती. पुष्पेंद्र मां का पक्ष लेता तो सुधा उस से लड़ पड़ती. पुष्पेंद्र भी लड़ पड़ता. अनुराग मात्र 2 साल का था तब यानी आज से 15 साल पहले रोजरोज के झगड़ों से आजिज आ कर सुधा अपने मायके जा बैठी.
पुष्पेंद्र को मां इस कदर भड़काती कि पुष्पेंद्र को सुधा फूटी आंख नहीं सुहाती थी. एक बार पतिपत्नी का रिश्ता खराब हुआ तो वह वक्त के साथ टूटता ही गया. सुधा काफी के समय मायके में रही. फिर वह नदबई आ कर रहने लगी. उस ने भरतपुर में औक्सीजन गैस प्लांट पार्टनरशिप में लगा लिया. इस प्लांट से उसे अच्छी आय होती थी.
सुधा एक तरह से अपने बेटे अनुराग के लिए जी रही थी. सुधा और पुष्पेंद्र ने तलाक नहीं लिया था. मगर वे अलगअलग पिछले 15 सालों से रह रहे थे.
24 जून, 2023 का दिन था. शाम के पौने 5 बजे का समय था. 36 वर्षीया सुधा चौधरी अपने 17 साल के बेटे अनुराग के साथ स्कूटी द्वारा भरतपुर के नदबई बस स्टैंड से कासगंज रोड पर स्थित अपने घर की ओर आ रही थी. तभी रास्ते में बाइक सवार 2 बदमाश उस का पीछा करने लगे. उन दोनों ने ही मुंह पर कपड़ा बांध रखा था. उस समय स्कूटी उस का बेटा अनुराग चला रहा था.
उस की स्कूटी जब सरस्वती मैरिज होम के पास स्थित मंदिर के नजदीक पहुंची ही थी कि बाइक पर पीछा कर रहे युवकों में से पीछे बैठे युवक ने स्कूटी के बराबर में पहुंचते ही सुधा चौधरी पर 2 गोलियां चलाईं. दोनों गोलियां सुधा के लगीं और उस की चीख निकल गई. उस के शरीर से खून का फव्वारा फूट पड़ा.
जब तक लोग माजरा समझते, बाइक सवार हमलावर फरार हो गए थे. दिनदहाड़े हुई इस वारदात के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी. सुधा चौधरी का बेटा अनुराग बालबाल बच गया था.
यह घटना राजस्थान के जिला भरतपुर के नदबई कस्बे में घटी थी. सुधा चौधरी के एक गोली कंधे से होती हुई हार्ट तक पहुंच गई थी, यही गोली मौत का कारण बनी थी. दूसरी गोली उन की कमर से नीचे लगी थी. गोलियां लगते ही सुधा चौधरी स्कूटी से गिर पड़ी थी.
Denne historien er fra November 2023-utgaven av Manohar Kahaniyan.
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