महीनों बीत जाने के बाद भी जब पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया तो सुखवती ने मजबूर हो कर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. मामले की नजाकत को समझते हुए अदालत ने एसएसपी राजेश यश को फटकार लगाई. एसएसपी ने एसपी ( सिटी) ज्ञानेंद्र कुमार सिंह को लाइन पर लिया. एसपी ज्ञानेंद्र सिंह ने रक्सा के एसएचओ को सख्त आदेश दिया कि वह सुखवती की बेटी छाया और 2 बच्चों की हत्या का मुकदमा दर्ज कर जरूरी काररवाई करें.
अदालत के आदेश पर 13 दिसंबर, 2023 को रक्सा पुलिस ने पति चंदन, देवर मनोज व विनोद, सास कलावती और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ छाया और उस के 2 बच्चों की हत्या और शव गायब करने का मुकदमा दर्ज कर आगे की काररवाई शुरू कर दी.
दरअसल, 50 वर्षीया सुखवती कुशवाहा बेटी छाया और उस के 2 बेटों ( नातियों ) निखिल (7 वर्ष) और जयदेव (4 वर्ष) के ससुराल से रहस्यमय तरीके से गायब होने को ले कर बुरी तरह परेशान थी.
19 जनवरी, 2023 के बाद से तीनों का कहीं पता नहीं चल रहा था. वह अपनी तरफ से बेटी और नातियों का पता लगा कर थक चुकी थी. जब तीनों का कहीं पता नहीं चला तो सुखवती रक्सा थाने में पहुंची और बेटी के पति चंदन, देवर मनोज और विनोद, सास कलावती और एक अन्य व्यक्ति पर हत्या की आशंका जताते हुए उन के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने की लिखित तहरीर एसएचओ प्रदीप सिंह को दी. यह मामला उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के डेली गांव का था.
मामला गंभीर था, पुलिस ने सुखवती की तहरीर ले कर अपने पास रख ली और जरूरी काररवाई करने की आश्वासन दे कर उसे घर भेज दिया था. लेकिन पता नहीं क्यों पुलिस को यह मामला हत्या का नहीं, बल्कि कुछ और ही लग रहा था. इधर सुखवती बेटी के ससुरालियों पर मुकदमा दर्ज कराने के लिए थाने के चक्कर काटती रही, लेकिन पुलिस मुकदमा दर्ज करने के बजाए उसे टालती रही.
सुखवती का दामाद चंदन मध्य प्रदेश के दतिया का रहने वाला था. जैसे ही उसे पता चला कि उस की सास ने उस के और उस के दोनों भाइयों तथा मां के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है, वैसे ही चारों पुलिस से बचने के लिए घर छोड़ कर फरार हो गए.
इधर झांसी पुलिस नामजद आरोपियों को गिरफ्तार करने जब दतिया पुलिस के साथ उनके घर पहुंची तो सभी आरोपी घर छोड़ कर फरार हो चुके थे.
Denne historien er fra July 2024-utgaven av Manohar Kahaniyan.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent ? Logg på
Denne historien er fra July 2024-utgaven av Manohar Kahaniyan.
Start din 7-dagers gratis prøveperiode på Magzter GOLD for å få tilgang til tusenvis av utvalgte premiumhistorier og 9000+ magasiner og aviser.
Allerede abonnent? Logg på
तांत्रिक के बहकावे में दी बेटी की बलि
मामला मुजफ्फरनगर के भोपा थाना क्षेत्र का है. यहां बेलदा गांव में रहने वाला गोपाल कश्यप और उस की बीवी ममता पर अपनी एक माह की बेटी की बलि देने का आरोप है. पुलिस के अनुसार दोनों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है.
दूसरे धर्म के प्रेमी ने की हत्या
सलीम नाम के युवक ने अपने दोस्तों के साथ मिल कर 19 साल की अपनी प्रेग्नेंट प्रेमिका की हत्या कर शव दफना दिया. को खुलासा तब हुआ, जब 26 अक्तूबर किशोरी का शव बरामद किया गया.
बीवी की हत्या से खुला दोस्त की पत्नी की हत्या का राज
बीवी ब्यूटीशियन और पति एक नंबर का नशेड़ी और बेशर्म. ऊपर निकम्मा व बेरोजगार. आखिर कितने दिन निभती. उन की जिंदगी के मैदान से ले कर मन तक में भी कोहराम मच गया था.
भाई ने कर दी भाई की हत्या
भाभी का देवर से हंसीमजाक बहुत ही 'सामान्य बात है, किंतु यही जब अवैध संबंध में बदल जाता है, तब मानो दोनों के सिर से पानी गुजरने जैसी स्थिति बन जाती है.
हनीट्रैप गैंग में ऐसे फंसते थे लोग
जेल से छूटने के बाद फिरोज ने 7 लोगों के साथ हनीट्रैप का एक गैंग बना लिया था. गैंग में शामिल निशा और जुनैदा फोन से नए लोगों से बात कर दोस्ती करतीं और शारीरिक संबंध बनाने के लिए किसी होटल में बुलाती थीं. इस के आगे का काम गैंग के अन्य सदस्य करते थे. फिर शुरू होती थी शिकार से लाखों रुपए की वसूली. आप भी जानें कि ऐसे गैंग से कैसे बचा जाए?
बड़ौदा के महाराजा का जहरीला कारनामा
बड़ौदा के 11वें शासक मल्हारराव गायकवाड़ के शासन में गुंडागर्दी और अराजकता चरम पर पहुंच गई थी. तब अंगरेज शासकों ने राबर्ट फेयर को रेजीडेंट के रूप में नियुक्त किया. लेकिन मल्हारराव ने जिस तरह राबर्ट फेयर को मारने की कोशिश की, वह उन्हीं के गले की ऐसी फांस बन गई कि .....
महानगरों में जड़ें जमाता ड्रग्स का कारोबार
गुजरात ऐसा राज्य है, जहां पर सुशासन क दुहाई देने वाली भाजपा की सरकार लंबे समय से है. इस के बावजूद इस राज्य के बंदरगाह पर भारी मात्रा में ड्रग्स पकड़ी जा रही है. यहीं से ड्रग्स अन्य राज्यों में पहुंचाई जाती है. महानगरों के युवा बड़ी तेजी से ड्रग्स की गिरफ्त में आखिर क्यों आते जा रहे हैं?
साधु के भेष में मिला 300 करोड़ का घोटालेबाज
300 करोड़ रुपए का घोटाला कर एक क्रेडिट सोसाइटी का डायरेक्टर साधु बन कर मंदिरों में प्रवचन करने लगा. पुलिस की आंखों में 14 महीने से धूल झोंक रहे इस नटवरलाल को दबोचने के लिए आखिर कैसा कैसा चोला धारण करना पड़ा? पढ़िए, इस रोचक कहानी में....
इश्क में अंधे वकील ने ली बीवी की जान
कहने को तो विशाल चौहान कानून का रखवाला था, लेकिन उस ने बीवी बच्चों के रहते न सिर्फ छोटे भाई की पत्नी को फांस रखा था, बल्कि दोस्त की बहन से शादी करने की तैयारी कर रहा था. एक ने वकील होते हुए उस ने कानून तोड़ने का जो दुस्साहस किया था, उस के अंजाम में उस की 35 वर्षीय पत्नी वर्षा गोलियों का शिकार हो गई. आखिर किस कदर बिछती चली गई जुर्म की बिसात? पढ़ें, सब कुछ इस कथा में....
विवाहिता के प्यार में 4 हत्याएं
सरकारी टीचर सुनील गौतम अपनी पत्नी पूनम भारती और 2 बेटियों के साथ अमेठी में रहता था. वह अपने काम से काम रखता था. फिर एक दिन किसी ने सुनील, उस की पत्नी और दोनों बेटियों को घर में घुस कर गोलियों से भून डाला. आखिर कौन था हत्यारा और क्यों की उस ने ये हत्याएं ?