चकाचक सफेद शर्ट, सफेद पैंट, सफेद मोजे और सफेद जूते पहने क्लीन शेव वाले शख्स को लोग भोले बाबा के नाम से जानते थे. वह 2 जुलाई, 2024 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाथरस जिले के फुलराई में आयोजित होने वाले एक सत्संग कार्यक्रम में शामिल हुआ था. वहां वह सफेद टोयोटा फौर्च्यूनर में सवार हो कर आया था, जिस की सीटें भी सफेद रंग की थीं.
कार के साथ मोटरसाइकिलों और कारों का एक बड़ा काफिला भी आया था. उस की कार दूसरे वाहनों के काफिले के साथ जैसे ही एटा की ओर जीटी रोड पर दाएं मुड़ी, हजारों की संख्या में उमड़े अनुयायी उस ओर दौड़ पड़े.
वह शख्स कोई और नहीं बल्कि स्वयंभू विश्वहरि बाबा उर्फ भोले बाबा था, जिस के सत्संग की उत्तर प्रदेश में काफी चर्चा होती है. हजारों की संख्या में दूरदराज से आए लोगों की नजरों में वह व्यक्ति ईश्वरीय शक्तियों वाला था. लोग अपनी गरदन उचका कर एक झलक पाने की कोशिश में लगे रहे. उन के बीच होड़ मची रही, लेकिन उस की गाड़ी काफिले की गाड़ियों के साथ धूल उड़ाती हुई सत्संग स्थल पर पहुंच गई.
वह शख्स सारी सुरक्षाव्यवस्था के साथ भव्य सत्संग स्थल के मंच तक पहुंचा. भीतर बड़े पंडाल में हजारों लोग पहले से बैठे थे. उन में औरतों की संख्या काफी थी. उमस भरी गरमी में कुछ लोग तेज चल रहे पंखों की हवा में थोड़ी राहत महसूस कर रहे थे, जबकि काफी लोग गरमी से बेचैन भी थे. हालांकि एक दिन पहले बारिश हुई थी, तापमान में थोड़ी कमी होने के बावजूद वातावरण में उमस थी.
सत्संग में प्रवचन की शुरुआत उसी बड़े टेंट में होने वाली थी. इस के लिए आयोजन कमेटी बनी थी. सत्संग आयोजित करने वाली कमेटी ने स्थानीय पुलिस से 80 हजार लोगों की परमिशन ली थी, लेकिन वहां पर 300 फीट लंबा और 300 फीट चौड़ा टेंट लगा था, जिस में 60 हजार लोग ही समा सकते थे.
नतीजा कई बार भीड़ बेकाबू होने की हालत में हो जाती थी, जिसे वहां मौजूद वालेंटियर बड़ी मुश्किल से संभाल पा रहे थे. करीब 2 दरजन पुलिसकर्मी भी मौजूद थे, जो टेंट के बाहर की ट्रैफिक व्यवस्था संभालने में लगे हुए थे. भीड़ के हालात को देख कर लगता था कि मानो वहां भीड़ लाखों में थी. जो टेंट के भीतर से ले कर बाहर तक फैली हुई थी.
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