एसएचओ वेदपाल ने एक नजर फांसी से झूलते सुनील पर डाली. वह चुन्नी से झूल रहा था. उस के बाद जब उन्होंने चारों ओर नजर घुमाई, तब चौंक पड़े. दीवारों पर खून के छींटे भी पड़े थे. बिस्तर पर भी खून की बनी धारी थी और वहां खून सने कपड़े पड़े थे, जो सुनील के ही थे. और तो और, कमरे में रखी अलमारी से ले कर फर्श तक पर खून के छींटे थे.
यह देखते ही एसएचओ समझ गए कि मामला सुसाइड का नहीं, हत्या का है, लेकिन इसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई है. मृतक की तेजधार हथियार से हत्या करने के बाद फांसी पर लटकाया गया है.
इस मामले की सूचना उन्होंने हनुमानगढ़ के एसपी डा. राजीव पचार को दे दी. एसपी ने तुरंत एएसपी बनवारी लाल और सीओ (सिटी) अरविंद बेरड़ को घटनास्थल पर भेज दिया. उन्होंने भी घटनास्थल का बारीकी से मुआयना किया. उन्हें भी मामला योजनाबद्ध तरीके से की गई हत्या का लगा. उस के बाद एफएसएल टीम, डौग स्क्वायड एवं एसओबी टीम ने घर का निरीक्षण कर सबूत जुटाए.
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