हेडली व्लाहोस की पुस्तक 'दि इन-बिटवीन' एक ऐसा कार्य है जो मृत्यु को एक स्वाभाविक और शांत घटना के रूप में प्रस्तुत करती है । मृत्यु के विषय को संभालने के लिए जो पुस्तकें आती हैं, वे अक्सर भय और विषाद के भावों को उभारती हैं, लेकिन 'दि इन-बिटवीन' इस दृष्टिकोण को बदलने का प्रयास करती है । व्लाहोस ने मृत्यु को किसी भयानक अंत नहीं, बल्कि आत्मा के विकास की एक सुनहरी सीढ़ी के रूप में दर्शाया है। पुस्तक में, लेखक ने जीवन के अंत की घटनाओं को इतने सधे हुए तरीके से रचा है कि पाठकों के मन में मृत्यु का भय कम होकर स्थान केवल आशा और सकारात्मकता को मिलता है।
Denne historien er fra DECEMBER 2024-utgaven av Samay Patrika.
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अच्छा और उन्नत जीवन जीने के सीक्रेट्स
व्यायाम, पोषण, नींद, मानसिक शांति और सामाजिक संपर्क जैसे विषयों को कवर करते हुए, पुस्तक हर पहलू से स्वास्थ्य को संबोधित करती है.
डॉ. कलाम के साथ बिताए 20 वर्षों की अनकही कहानी
यह पुस्तक उन पलों को सामने लाती है, जब कलाम ने निराशाजनक परिस्थितियों में भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया.
धन-निर्माण और वित्तीय सफलता के लिए मौलिक सिद्धांत एवं रणनीतियाँ
यह पुस्तक पाठकों को वित्तीय सफलता की ओर मार्गदर्शन देने के लिए लिखी गई है।
पर्सी जैक्सन की रहस्य और रोमांच से भरी दुनिया
पर्सी जैक्सन एक ऐसा लड़का है जिसे पढ़ाई में ध्यान लगाने और अपने गुस्से पर काबू करने में कठिनाई होती है।
द सेकेंड सेक्स
दसेकेंड सेक्स' ने एक ऐसे विमर्श की शुरुआत की है जो जीव-विज्ञान, मनोविश्लेषण और ऐतिहासिक भौतिकवाद की नज़र से औरतों पर लिए गए दृष्टिकोण को खंगालता है।
सत्य और असत्य के बीच का संघर्ष हर युग का सत्य है
महाभारत धर्म, अधर्म, सत्य और असत्य का महान आख्यान है, जिसमें प्रत्येक चरित्र अपनी विशेषताओं और अपने-अपने सच को लेकर उपस्थित है।
मृत्यु के नए अर्थ की ओर ले जाने वाली किताब
इस पुस्तक के पन्नों के बीच, जीवन और मृत्यु के बीच की रेखा इतनी धुँधली हो जाती है कि पाठक खुद को मृत्यु को एक नए नजरिए से स्वीकार करते हुए पाते हैं
"जीवों की पीड़ा से उनका मन व्यथित हो जाता था”
श्री टाटा बाहर नहीं जा सकते थे।
...अब सफर करता हूँ तो सिर्फ जिस्म शहरों को नापता है'
आसमानी, 'क्षितिज' समझती हैं? हमारी दृष्टि का आख़िरी छोर होता है क्षितिज।
जीवन में संतुलन और स्वतंत्रता के लिए जरूरी है 'न कहने की कला'
नकहने की कला' पुस्तक हमें सिखाती है कि अपनी ज़िंदगी में 'न' कहना कितना ज़रूरी हो सकता है। इसमें बताया गया है कि 'न' कहना एक कला है जो हमें व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों स्तर पर अपने हितों को आगे बढ़ाने में मदद करती है।