
साल 2020 में पूरी दुनिया में 23 लाख महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर पाया गया था, इसमें से 6 लाख 85 हजार महिलाओं की मृत्यु भी हो गई थी । पिछले कुछ सालों में ब्रेस्ट कैंसर का आंकड़ा कुछ इसी तरह बढ़ता जा रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि पहले सर्विकल कैंसर से पीड़ित माहिलाएं ज्यादा होती थीं, लेकिन अब ब्रेस्ट कैंसर की स्थिति भयावह होती जा रही है। यही वजह है कि विशेषज्ञ इससे बचने के लिए नियमित रूप से सेल्फ एग्जामिनेशन की सलाह देते है। ब्रेस्ट की जांच खुद करना आखिर जरूरी क्यों है? इस सवाल के जवाब में बस यही कहा जा सकता है कि ऐसा नहीं करेंगी तो है' बहुत सी दिक्कतें अंदर ही अंदर घर करती जाएंगी। फिर उनके बारे में तब पता चलेगा जब बीमारी जानलेवा हो चुकी होगी।
दर्द होगा ही नहीं
ब्रेस्ट में हुई गांठें महिलाओं को अकसर इसलिए भी पता नहीं चल पाती हैं क्योंकि इनमें दर्द होता ही नहीं। जब दर्द ही नहीं होगा तो महिलाएं डॉक्टर को दिखाएंगी क्या। लेकिन, अफसोस अगर गांठ कैंसर की है तो वो तेजी से बढ़ती है। इतनी तेजी से बढ़ती है कि इससे बच पाना मुश्किल हो जाता है। इसीलिए महिलाओं को खुद समय-समय पर ब्रेस्ट की जांच करते रहने को कहा जाता है।
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