प्यार होना, इसमें धोखे खाना, दोबारा गहरा प्यार मिलने और सच्चा प्यार तलाशने की लड़ाई होती ही इसलिए है ताकि सच्चा जीवनसाथी यानी सोलमेट मिल जाए। सोलमेट जो आपको समझे और हर परिस्थिति में आपका साथ भी दे। पर, ऐसा रिश्ता सबके हिस्से नहीं आता। सबको ऐसा साथी कहां मिल पाता है? हालांकि रिश्ते की शुरुआत में हर इंसान सोलमेट ही लगता है, लेकिन ऐसा होता नहीं है। सोलमेट तो कोई एक ही हो सकता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने माना है कि 82 प्रतिशत लोगों को उनका सोलमेट मिल जाता है, जबकि बाकी लोग बेहद छोटे समय के लिए रिश्ते में रहते हैं। अब सवाल ये है कि सोलमेट को ढूंढ़ा कैसे जाए? कैसे ढूंढ़ा जाए वो शख्स जो आपको बिल्कुल आपके जैसा ही लगे? इस बात का सटीक जवाब दे पाना तो आसान नहीं है, लेकिन फिर भी कुछ बातों से सोलमेट के होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। कुछ बातें, सच्चे जीवनसाथी की आपकी तलाश की राह को थोड़ा आसान बना देंगे:
कौन होता है सोलमेट?
जब बात सोलमेट की हो रही है तो सिर्फ सुनी-सुनाई बातों के आधार पर अपने साथी की तलाश शुरू ना करें। सोलमेट के कई मायने हो सकते हैं। जैसे कुछ जानकर मानते हैं कि ये वो शख्स होता है, जिसके साथ आप आध्यात्मिक स्तर पर जुड़ सकें। इस स्तर पर यह रिश्ता हमेशा बना रहता है। वहीं कुछ जानकारों का मानना है कि ये एक ऐसा शख्स होगा, जो आपका बेस्ट फ्रेंड, सच्चा प्यार और जीवनसाथी, तीनों एक साथ होगा। इस शख्स के साथ आपकी हर सुबह ईश्वर के आशीर्वाद जैसी होगी और रात में आप इस रिश्ते के लिए आभार जरूर जताएंगे।
नहीं है यह सिंड्रेला की कहानी
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